'इंटरनेट मीडिया से न करें कोरोना संक्रमण का इलाज, घरेलू नुस्खों ने लोगों में बढ़ा दी लापरवाही'

कोरोना वायरस पूरी ताकत के साथ लोगों को गिरफ्त में ले रहा है। कोरोना को हराना सबसे बड़ी चुनौती है। कोरोना को हराने के लिए कभी भी इंटरनेट मीडिया से इलाज न करें। इसके लिए जरूरी है माहिर डाक्टरों से दिखाएं और उनकी बताई दवाइयां खाएं।

By Vikas_KumarEdited By: Publish:Tue, 04 May 2021 12:38 PM (IST) Updated:Tue, 04 May 2021 12:38 PM (IST)
'इंटरनेट मीडिया से न करें कोरोना संक्रमण का इलाज, घरेलू नुस्खों ने लोगों में बढ़ा दी लापरवाही'
कोरोना वायरस पूरी ताकत के साथ लोगों को गिरफ्त में ले रहा है।

जालंधर, [जगदीश कुमार]। कोरोना काल में स्वास्थ्य सुरक्षा को सुनिश्चित बनाना जरूरी है। वर्तमान में कोरोना वायरस पूरी ताकत के साथ लोगों को गिरफ्त में ले रहा है। कोरोना को हराना सबसे बड़ी चुनौती है। कोरोना को हराने के लिए कभी भी इंटरनेट मीडिया से इलाज न करें। इसके लिए जरूरी है माहिर डाक्टरों से दिखाएं और उनकी बताई दवाइयां खाएं। इससे बड़ी आसानी से आप स्वस्थ हो सकते हैं।

ये विचार सिविल सर्जन डा. बलवंत सिंह ने दैनिक जागरण के साथ खास बातचीत के दौरान व्यक्त किए। मनोचिकित्सक डा. बलवंत सिंह को सेहत विभाग की ओर से पंजाब हेल्थ सिस्टम कारपोरेशन के डायरेक्टर के पद से तबादला कर विशेष तौर पर जालंधर वासियों की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए तैनात किया था। हालांकि पिछले समय के दौरान सेवाओं को लेकर उनके जीवन में काफी चुनौतियां आईं, परंतु काफी समझबूझ के साथ उनका सामना किया और उन पर जीत हासिल की।

 

सवाल : आपके पूरे सेवाकाल में सबसे बड़ी चुनौती कौन सी आई और इसपर कैसे जीत हासिल करेंगे?

जवाब: जिंदगी में काफी चुनौतियों का सामना किया। पिछले साल से शुरू हुआ कोरोना इस समय सबसे बड़ी चुनौती बन चुका है। पिछले साल कोरोना इतना खतरनाक नहीं था और न ही तेजी फैल रहा था। पिछले दो माह से कोरोना तेजी लोगों को गिरफ्त में लेने लगा है। रोजाना नई बातें सामने आ रही हैं। जिला प्रशासन व सेहत विभाग के अधिकारियों व मुलाजिमों के अलावा लोगों के सहयोग से कोरोना को हराने में जरूर कामयाब होंगे।

सवाल: रेमडेसिविर इंजेक्शन की किल्लत दूर करने के लिए आप क्या योजना बना रहे हैं?

जवाब: इंटरनेट मीडिया पर कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए रेमडेसिविर को लेकर काफी प्रचार हो चुका है। लोग इसे आपाताकालीन स्थिति के लिए स्टोर करने लगे हैं। इसी होड़ में कालीबाजारी और जमाखोरी के मामले बढऩे लगे हैं। हालात को देखते हुए होलसेल व रिटेल दवा विक्रेताओं पर सीधे लोगों को बेचने पर रोक लगा दी थी। इसके लिए एक ड्रग इंस्पेक्टर की ड्यूटी लगाई थी। जिले के सभी अस्पतालों से उसके पास डिमांड आती थी। उसके बाद उन्हें सप्लाई शुरू करवाई थी। अब राज्य सरकार ने इसका कंट्रोल अपने हाथ में ले लिया है। जिला लाइसेंङ्क्षसग अथारिटी को नोडल अफसर बनाया गया है। अब जिला प्रशासन की टीम डिमांड के आधार पर अस्पतालों को डीलरों से सीधी सप्लाई दिलवा रही है।

सवाल: इंटरनेट मीडिया पर कोरोना के मरीजों के इलाज को लेकर दवाइयों का प्रचार हो रहा है, इसके बारे में आप क्या कहना चाहेंगे?

जवाब: इंटरनेट मीडिया के फायदे भी हैं और नुकसान भी। हर दवा हर मरीज के लिए कारगर नहीं होती। किसी को ठीक बैठती और किसी को रिएक्शन भी कर सकती है। लोगों को ऐसे संदेश पर यकीन नहीं करना चाहिए। कोरोना के होम आइसोलेशन वाले मरीजों को सेहत विभाग की ओर से फतेह किट दी जाती है। इसके अलावा लोगों को कोरोना के लक्षणों के साथ शुगर, ब्लड प्रेशर, किडनी व हार्ट की बीमारियों को ध्यान में रखते हुए माहिर डाक्टर से संपर्क करने के बाद ही दवा लेनी चाहिए।

सवाल: वर्तमान में कोरोना से होने वाली मौत की दर क्यों बढ़ रही है?

जवाब: जरूरी नहीं कि इन दिनों से हुई सभी मौतें कोरोना से ही हुई हैं। इसकी समीक्षा के दौरान एक बात सामने आई है कि कोरोना से होने वाली ज्यादातर मौतें बुजुर्गों की हुई हैं। इनमें जब कोरोना के लक्षण आए तो उसे गंभीरता से न लेकर घरेलू नुस्खों के सहारे घर में पड़े रहे। ऐसे मरीज बीमारी गंभीर होने पर अस्पताल में पहुंचते हैं। कुल मिलाकर देरी से अस्पताल में पहुंचने की वजह से मौतें ज्यादा हो रही हैं। बीमारी के शुरुआती दौर में ही माहिर डाक्टर से संपर्क कर और कोरोना टेस्ट करवा अस्पताल में आने से मृत्यु दर को कम करना संभव है।

सवाल: कोरोना से बचाव के लिए आम लोगों को क्या करना चाहिए?

जवाब: इन दिनों कोरोना पूरे पीक पर है। हर किसी को इससे अपना बचाव खुद करना है। इससे बचाव करना काफी आसान है। मुंह पर मास्क पहनें। आपस में दो मीटर की शारीरिक दूरी बनाए रखें। बार-बार हाथ धोएं। बच्चों व बुजुर्गों की रोग प्रतिरोधक शक्ति कमजोर होती है, इसलिए उन्हें घर के अंदर ही रखना चाहिए। इसके अलावा पौष्टिक आहार का सेवन करें।

सवाल: कोरोना वैक्सीन को लेकर लोगों में भ्रम है, इसे कैसे दूर किया जाए?

जवाब: कोरोना वैक्सीन दो कंपनियों कोविशिल्ड और कोवैक्सीन की ओर से सप्लाई की जा रही है। दोनों ही कोरोना से बचाव को लेकर बराबर कारगर हैं। सरकार ने कोविशिल्ड का स्टाक ज्यादा भेजा और कोवैक्सीन का कम। खास बात यह है कि लोगों में भ्रम है कि वैक्सीन लगवाने के बाद कोरोना नहीं होता। ऐसी बात नहीं है। वैक्सीन लगाने के बाद कोरोना होने की चांस कम हो जाते हैं। वैक्सीन से शरीर में एंटीबाडी बनने से वायरस का प्रभाव कम हो जाता है।

इनसे मिलिए

- 1985 में सरकारी मेडिकल कालेज से एमबीबीएस और 1999 में सायकेट्री से पीजी की

- फिरोजपुर, श्री मुक्तसर साहब, सरकारी मेडिकल कालेज अमृतसर, फरीदकोट व संगरूर में सेवाएं दी

- कपूरथला में सिविल सर्जन रहे

- पंजाब हेल्थ सिस्टम कारपोरेशन में डायरेक्टर भी रहे

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