दिव्य ज्योति जागृति संस्थान सत्संग आश्रम में तैयार होगा दिव्य दर्शन भवन
दिव्य ज्योति जागृति संस्थान सत्संग आश्रम नूरमहल की तरफ से यहां पर विशाल दिव्य दर्शन भवन का निर्माण करवाया जाएगा।
जागरण संवाददाता, जालंधर : दिव्य ज्योति जागृति संस्थान सत्संग आश्रम नूरमहल की तरफ से यहां पर विशाल दिव्य दर्शन भवन का निर्माण करवाया जाएगा। तीन एकड़ में तैयार होने वाले इस भवन में एक साथ दो हजार तक श्रद्धालु बैठ सकेंगे। इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी गई है। संस्थान द्वारा दिसंबर 2022 तक इसे पूरी तरह से तैयार करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस कार्य में सहयोग की अपील करते हुए संस्थान के संस्थापक आशुतोष महाराज के शिष्य स्वामी सजनानंद तथा स्वामी विश्वानंद ने बताया कि यह भवन आधुनिक तकनीक व सुविधाओं से लैस होगा। इसमें श्रद्धालु आराम से बैठकर सत्संग का आनंद ले सकेंगे। तीन एकड़ में होगा तैयार
तीन एकड़ में तैयार किए जा रहे भवन में एक साथ दो हजार श्रद्धालुओं के बैठने के साथ ही 800 श्रद्धालु ध्यान साधना कर सकेंगे। भवन में शांत, प्राकृतिक परिवेश तथा अध्यात्मिकता का माहौल देने के लिए व्यापक प्रबंध किए जाएंगे। दिव्य दर्शन भवन की विहंगमता का अंदाजा माडल देखकर लगाया जा सकता है। भवन में प्रवेश करने के लिए दो द्वार होंगे। भवन का बाहरी क्षेत्र ग्रीनरी से लेस होगा। इसी में ध्यान साधना में लीन ब्रह्मज्ञानी साधक की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। इस उद्यान में दर्शनार्थियों के लिए लान का प्रबंध किया जाएगा। जहां पर बैठकर इस सुंदर नजारे का आनंद लिया जा सकेगा। गुरु शिष्य परंपरा की संवाहिका का सुमेल भी इस भवन में देखने को मिलेगा। प्रवेश द्वार पर बनेगा गठरी घर
भवन के प्रवेश द्वार पर गठरी घर बनाया जाएगा। जहां पर श्रद्धालु अपना सामान जमा करवा सकते है। इसके आगे हाथ धोने व पीने के लिए स्वच्छ जल का प्रबंध किया जाएगा। परिसर की सुंदरता बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रकार के पौधे लगाकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया जाएगा। ज्ञान दीक्षा के उपरांत प्रसाद वितरण के लिए प्रसाद वितरण काउंटर अलग से तैयार होगा। अतिथि कक्ष व आफिस का भी होगा निर्माण
इस भवन में संस्थान की तरफ से अतिथि कक्ष तथा इसे व्यवस्थित ढंग से चलाने के लिए कार्यालय भी बनाया जाएगा। जहां से इस भवन को लेकर तमाम योजनाएं तैयार की जाएंगी। वीडियो व आडियो सिस्टम लेस इस भवन में एलईडी की विशाल स्क्रीनें लगाई जाएंगी। इस दौरान भारी संख्या में श्रद्धालुओं के आने के बाद भी भवन में अव्यवस्था नहीं होगी।