ऋषि मुनियों की अनमोल देन है आयुर्वेद पद्धति : स्वामी सज्जनानंद
दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के स्वामी सज्जनानंद महाराज ने कहा कि आयुर्वेद पद्धति ऋषि मुनियों की अनमोल देन है।
जागरण संवाददाता, जालंधर : दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के स्वामी सज्जनानंद महाराज ने कहा कि आयुर्वेद पद्धति ऋषि मुनियों की अनमोल देन है। उसे जीवन में अपनाकर हर तरह के रोग से न सिर्फ बचा जा सकता है, बल्कि स्वस्थ जीवन भी हासिल किया जा सकता है। संस्थान की तरफ से 398, मोता सिंह नगर में शुरू किए गए आयुर्वेदिक फार्मेसी संजीविका (आउटलेट) की शुरुआत करने के दौरान उन्होंने इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी। उसमें विधायक राजिदर बेरी, पार्षद मनमोहन सिंह, श्री देवी तालाब मंदिर प्रबंधक कमेटी के महासचिव राजेश विज, गौतम, अश्वनी विक्टर, संजय सरीन, गुरप्रीत सिंह, विरक, अमन बग्गा, जिमखाना के सचिव तरुण सिक्का, सीए एमके जैन, कमल अग्रवाल, रविदंर सिंह धालीवाल, अमित तलवार, दीपक सहगल सहित जिले भर से गणमान्य शामिल हुए।
साध्वी पल्लवी भारती ने बताया कि 200 से अधिक औषधियों का निर्माण संस्थान की फार्मेसी में किया जा रहा है, जिसे यहां पर उपलब्ध करवाया जाएगा। हर शनिवार को आयुर्वेदाचार्या शाम 4 बजे से 7 बजे तक सेवाएं देंगे। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी में बढ़ते हुए शहरीकरण, प्रदूषण, अनियमित आहार विहार व औद्योगिकीकरण से जहां वृक्ष कटाव के कारण प्राकृतिक असंतुलन की स्थिति पैदा हुई है।