प्राचीन हनुमान मंदिर में विवाद, एक पक्ष आश्रम तो दूसरा मंदिर बनाने पर अड़ा

टांडा रोड स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर को वैरागी आश्रम बनाने को लेकर शुक्रवार को दो पक्षों में विवाद हो गया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 08:57 PM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 08:57 PM (IST)
प्राचीन हनुमान मंदिर में विवाद, एक पक्ष आश्रम तो दूसरा मंदिर बनाने पर अड़ा
प्राचीन हनुमान मंदिर में विवाद, एक पक्ष आश्रम तो दूसरा मंदिर बनाने पर अड़ा

जागरण संवाददाता, जालंधर

टांडा रोड स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर को वैरागी आश्रम बनाने को लेकर शुक्रवार को दो पक्ष आमने-सामने हो गए। इसमें एक पक्ष द्वारा यहां पर वैरागी आश्रम बनाने की मांग की जा रही है तो दूसरा पक्ष यहां पर मंदिर का निर्माण करवाने की मांग करता रहा। इस बीच मंदिर में कार्य शुरू करने के लिए लगाए गए मजदूरों को भी काम करने से रोक दिया गया। इसे लेकर मंदिर में हंगामा हो गया। दरअसल, मंदिर के संचालक बाबा रघुनाथ वैरागी का सोमवार को निधन हो गया था। इसके बाद वैरागी परंपरा के मुताबिक उनका अंतिम संस्कार किया गया। इसके बाद यहां पर आश्रम बनाने की मांग की जा रही है।

यहां आश्रम बनाने के पक्ष में उतरे सुशील भट्टी ने कहा कि बाबा रघुनाथ वैरागी वैरागी परंपरा के मुताबिक रहते थे। उनका अंतिम संस्कार करने के लिए महामंडलेश्वर 1008 महंत गंगा दास के साथ संपर्क किया गया था। उन्होंने पहले दातारपुर व फिर अयोध्या में संपर्क करके चित्रकुट से यमुना दास महाराज के तत्वावधान में अंतिम संस्कार की रस्में पूरी करवाई थी। यमुना दास महाराज ही मंदिर में रोजाना श्री राम कथा कहते हैं। वहीं, 24 जून को रघुनाथ जी को समर्पित पाठ व भंडारे का आयोजन किया जाना है। संस्थान के अंदर जगह कम है। इसके चलते शुक्रवार को यहां पर मजदूर लगाकर सफाई का काम किया जा रहा था, जिसे रोक दिया गया है।

उधर, श्री बाला जी मित्र मंडली के सदस्य पूर्व विधायक केडी भंडारी के साथ मौके पर पहुंच गए। उन्होंने यहां पर मंदिर की दीवार तोड़ने का आरोप लगाते हुए काम रुकवा दिया। उन्होंने यहां पर मंदिर बनाए जाने की बात रखी। उन्होंने कहा कि यह शहर के प्राचीन मंदिरों में से एक है, जिसे किसी भी कीमत पर परिवर्तित नहीं होने दिया जाएगा। यहां पर भगवान हनुमान जी का विशाल मंदिर बनाया जाएगा। बाबा रघुनाथ वैरागी थे, जिसके चलते आश्रम बनना चाहिए : भट्टी

सुशील भट्टी ने कहा कि बाबा रघुनाथ वैरागी संत थे। उनका अंतिम संस्कार भी वैरागी परंपरा के मुताबिक संत समाज की अगुआई में किया गया है। ऐसे में यहां पर आश्रम बनाना ही सही रहेगा। मंदिर है, मंदिर ही रहेगा : भंडारी

पूर्व विधायक केडी भंडारी बताते हैं कि यह प्राचीन मंदिर है। यहां पर मंदिर का ही निर्माण करवाया जाएगा। वह हर धर्म व परंपरा का सम्मान करते है, लेकिन मंदिर का स्वरूप बदलने का अधिकार किसी के पास नहीं है। इसके साथ श्रद्धालुओं की भावनाएं जुड़ी हैं, जिसे आहत नहीं होने दिया जाएगा।

chat bot
आपका साथी