Punjab Politics: जालंधर में जुटे असंतुष्ट बसपाई, विधानसभा चुनाव से पहले नई राजनीतिक पार्टी बनाने के दिए संकेत

बैठक में बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुके ठेकेदार भगवानदास पूर्व आईएएस चौधरी खुशीराम अमृत भोसले रमेश चौहकां जैसे दिग्गज भी शामिल हैं। असंतुष्ट बसपाईयों की तरफ से पार्टी कैडर को हाईकमान की असलियत बताने के लिए रैली की जाएगी।

By Vipin KumarEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 12:53 PM (IST) Updated:Sun, 24 Oct 2021 12:53 PM (IST)
Punjab Politics: जालंधर में जुटे असंतुष्ट बसपाई, विधानसभा चुनाव से पहले नई राजनीतिक पार्टी बनाने के दिए संकेत
प्रदेश की दलित राजनीति में एक नया विकल्प विधानसभा चुनाव से पहले सामने आ सकता है। (जागरण)

जालंधर, [मनुपाल शर्मा]। Punjab Politics: पंजाब की दलित राजनीति में एक नया विकल्प विधानसभा चुनाव से पहले सामने आ सकता है। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) नेतृत्व से असंतुष्ट टकसाली बसपाईयों का एक गुट नई राजनीतिक पार्टी बनाने की संभावनाओं पर मंथन करने में जुट गया है। बसपा पंजाब के पूर्व अध्यक्ष रशपाल राजू, पूर्व राज्य महासचिव सुखविंदर कोटली समेत बसपा की टिकट पर पूर्व में चुनाव लड़ चुके कई दिग्गज देश भगत यादगार हाल में नई राजनीतिक पार्टी बनाने को लेकर बैठक कर रहे हैं।

बैठक में बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुके ठेकेदार भगवानदास, पूर्व आईएएस चौधरी खुशीराम, अमृत भोसले, रमेश चौहकां जैसे दिग्गज भी शामिल हैं। असंतुष्ट बसपाईयों की तरफ से पार्टी कैडर को हाईकमान की असलियत बताने के लिए आगामी नवंबर महीने में फगवाड़ा में एक पर्दाफाश रैली भी की जाएगी। संभवत: पर्दाफाश रैली में ही राजनीतिक पार्टी के गठन को लेकर घोषणा हो सकती है।

पुराने दिग्गजों में असंतोष की मुख्य वजह बसपा का शिरोमणि अकाली दल के साथ हुआ चुनावी समझौता ही बना है। सीट वितरण को अकाली दल के सामने घुटने टेकना बताया जा रहा है। पार्टी के मौजूदा प्रधान जसवीर सिंह गढ़ी के ऊपर आरोप यह लगाया जा रहा है कि यह कभी अकाली दल के खिलाफ बयानबाजी करते थे, लेकिन आज अकाली नेताओं के इशारों पर चल रहे हैं।

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गठबंधन के फैसले को बताया गलत

बसपा के लिए खतरनाक यह भी है कि उनके गठबंधन के फैसले को गलत ठहराने के लिए असंतुष्ट अब बसपा उम्मीदवारों को हराने के लिए भी जोर लगाएंगे। हालांकि नई बनने जा रही राजनीतिक पार्टी अकेले चुनाव लड़ेगी अथवा किसी बड़ी राजनीतिक पार्टी को अपना समर्थन नहीं देगी। यह निर्णय विधानसभा चुनावों के नतीजों को प्रभावित करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा।

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