प्रधान पद के चार, सचिव व वित्त सचिव के लिए दो-दो दावेदार सामने आए
होलसेल केमिस्ट आर्गेनाइजेशन (डब्लयूसीओ) की चुनावी प्रक्रिया शुरू हो गई है।
जागरण संवाददाता, जालंधर : होलसेल केमिस्ट आर्गेनाइजेशन (डब्लयूसीओ) की चुनावी प्रक्रिया शुरू हो गई है। मंगलवार को पहले दिन प्रधान पद के लिए चार, सचिव और वित्त सचिव के लिए दो-दो दावेदार सामने आए। मार्केट में चुनाव कमेटी ने नामांकन-पत्र भरने के लिए फार्म दिए। चुनाव कमेटी के सदस्य अनिल कत्याल ने बताया कि प्रधान पद के लिए निशांत चोपड़ा, गोपाल कृष्ण चुघ, अतुल सूद और नड्डी मदान, सचिव पद के लिए संजय चोपड़ा और संजीव पुरी और वित्त सचिव के लिए संदीप रतन व लक्ष्मी कांत चुघ मंगत राम नामांकन पत्र भरने के लिए फार्म लेकर गए है। बुधवार को नामांकन पत्र दाखिल किए जाएंगे। 18 सितंबर को नामांकन-पत्र वापस लेने का अंतिम दिन है। प्रत्येक फार्म के लिए कमेटी को 5100 रुपये का भुगतान करना पड़ा, जो नान रिफंडेबल है। कमेटी को फार्मों को लेकर 40800 रुपये का राजस्व मिला। चुनावी प्रक्रिया के पहले दिन चोपड़ा और मंगली ग्रुप के दावेदार दलबल के साथ नामांकन पत्र भरने के लिए फार्म लेने पहुंचे थे।
---
242 सदस्य करेंगे मताधिकार का प्रयोग
डब्लयूसीओ के कुल 272 सदस्यों में कुछ काम छोड़ चुके हैं। कुछ ने बकाया राशि जमा नहीं करवाई और कुछ की मौत हो चुकी है। इसके बाद चुनाव में मतदान के लिए 242 दुकानदारों को अधिकार मिला है। अगर किसी दुकान के दो या इससे अधिक पार्टनर है तो उनकी केवल एक ही वोट होगी। चुनाव 26 सितंबर को होटल न्यू कोर्ट प्रेजिडेंट में होगा।
-----
प्रचार के लिए तय किए गए ये नियम
-कोई भी उम्मीदवार एक दूसरे के खिलाफ गलत ढंग से बयानबाजी नही करेगा।
-मार्केट के अंदर ही केवल चाय पार्टी होगी।
-अगर चुनाव प्रचार के दौरान पार्टी में शराब परोसी गई तो संबंधित उम्मीदवार का नामांकन पत्र रद कर दिया जाएगा।
-कोई भी उम्मीदवार मार्केट में लड़ाई झगड़ा नहीं करेगा।
-चुनाव को लेकर प्रचार में आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल नहीं होगा।
------- 26 साल बाद पहली बार चुनाव में लागू होगा संविधान
मार्केट में 26 साल बाद संविधान के आधार पर चुनाव होंगे। डब्लयूसीओ अपने बनाए संविधान के आधार पर पहली बार कार्यकारिणी गठित करेगी। इस साल बनने वाली नई कार्यकारिणी पंजीकृत संस्था की पहली नई कार्यकारिणी होगी। डब्लयूसीओ ने संविधान बनाकर हर कार्य के लिए सीमा रेखा तैयार कर दी है। इसमें किसी की मनमानी स्वीकार नहीं होगी। पहली बार वित्त सचिव का चुनाव होगा। इससे पहले पंजाब केमिस्ट एसोसिएशन (पीसीए) व आल इंडिया आरगेनाइजेशन आफ केमिस्ट एंड ड्रगिस्टस (एआईओसीडी) की नीतियों के आधार पर चुनाव करवाए जा रहे थे। डब्लयूसीओ की पहली कार्यकारिणी 1995 में गठित हुई थी। संविधान के नियम
-मौजूदा कार्यकारिणी में जो सदस्य जिस पद पर चुनाव जीत है वह लगातार अगले चुनाव पर उस पर पद चुनाव नहीं लड़ सकता। उसे दूसरे पद के लिए दावेदारी के आधार पर चुनाव लड़ने होंगे।
-अगर मौजूदा प्रधान भविष्य में चुनाव न लड़ने की घोषणा कर देता है उसे अगली नई कार्यकारिणी में तीन साल के लिए चेयरमैन नियुक्त करने की घोषणा का प्रावधान रखा है।
-जिस सदस्य पर अपराधिक मामला दर्ज हुआ हो और अदालत से उसे क्लीन चिट न मिली वो भी चुनाव लड़ने के लिए योग्य नही है।
-संस्था के हर फैसले को हरी झंडी देने के लिए जनरल हाउस की बैठक होगी।
- सभी खर्चो का भुगतान चेक से करना होगा। 1995 में पहली बार ये बने थे प्रधान
डब्लयूसीओ के वरिष्ठ सदस्य दर्शन सिंह का कहना है कि 1995 में डब्लयूसीओ का पहली बार गठन हुआ था। वह पहले निर्विरोध प्रधान बने थे तब संस्था के सदस्यों की संख्या 60 के करीब थी। तब एआईओसीडी व पीसीए की नीतियों पर ही चुनाव होते थे। इसे बाद शासन काल में बदलाव होता रहा। कई बार पंजीकरण व संविधान करवाने का मामला रखा गया परंतु टीम सहमत नहीं हुई।