भक्तों को जगी आस, कारोबारी अभी भी निराश

करीब ढाई महीने के बाद धार्मिक स्थल कल से खुल जाएंगे। इसको लेकर सरकार की ओर से गाइडलाइंस भी जारी की गई है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 07 Jun 2020 01:07 AM (IST) Updated:Sun, 07 Jun 2020 01:07 AM (IST)
भक्तों को जगी आस, कारोबारी अभी भी निराश
भक्तों को जगी आस, कारोबारी अभी भी निराश

शाम सहगल, जालंधर : करीब ढाई महीने के बाद धार्मिक स्थल कल से खुल जाएंगे। इसको लेकर सरकार की ओर से गाइडलाइंस भी जारी की गई है। मंदिर में घंटी बजाने पर प्रतिबंध रहेगा। भक्तों के माथे पर तिलक सजाने, प्रसाद अर्पित करने तथा फूल व मालाएं चढ़ाने पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। कोरोना संक्रमण को देखते हुए श्रद्धालुओं को अपने साथ बाहर से समान लाने पर भी रोक लगाई गई है। ऐसे में धार्मिक स्थान खोलने पर भक्तों में तो उत्साह है, लेकिन संस्थानों के इर्द-गिर्द विभिन्न प्रकार का सामान बेचने वाले कारोबारियों के चेहरे मुरझाए हुए हैं। उनका मानना है कि धार्मिक स्थान खोलने के बाद भी वह कारोबार से वंचित रहेंगे।

कोविड-19 के चलते सरकार द्वारा देश भर में धार्मिक स्थान बंद करने के निर्देश दिए गए थे। अब आठ जून से खोलने की इजाजत दी गई है। इस इजाजत के साथ कई तरह की बंदिशें भी लगाई गई है।

- सरकार के आदेशों से पड़ी दोहरी मार

पिछले करीब 20 वर्षो से गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा मॉडल टाउन के बाहर धार्मिक सामान की बिक्री करने वाले गुरमेल सिंह ने बताया कि बीते ढाई माह से धार्मिक स्थान बंद होने का दंश झेलना पड़ रहा है। केवल धार्मिक स्थान खोलने की आस लिए इस अवधि में कोई अन्य कारोबार करने की सोची भी नहीं। अब सरकार ने धार्मिक स्थान खोलने की इजाजत तो दे दी है, लेकिन साथ ही लगाई गई बंदिशों से उनका कारोबार चलने वाला नहीं है। अब नए सिरे से अन्य कारोबार करना आसान काम नहीं है। ऐसे में उन्हें दोहरी मार पड़ गई है।

- आदेशों के बाद नहीं कर सकेंगे कारोबार

धार्मिक स्थानों पर दुकान सजाने वाले भारत भूषण ननचाहल ने कहा कि सरकार के नए आदेशों के बाद कारोबार करना मुश्किल होगा। सरकार द्वारा जारी गाइडलाइंस के मुताबिक कोई भी श्रद्धालु बाहर से सामान लेकर मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकेगा। इससे उनका सामान बिकना मुश्किल हो गया है। हालांकि सरकारी आदेशों की विवशता है, लेकिन फिलहाल आने वाले कुछ समय तक आशा की किरण नजर नहीं आ रही।

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