जालंधर में काला संघिया ड्रेन के सुंदरीकरण के प्रोजेक्ट की डिटेल रिपोर्ट का काम आखिरी चरण में, जल्द लगेंगे टेंडर
काला संघिया ड्रेन के सुंदरीकरण के प्रोजेक्ट की डिटेल रिपोर्ट तैयार करने का काम आखिरी चरण में है। जल्द ही इसके टेंडर लगाए जाएंगे। इस समय काला संघिया ड्रेन गंदे नाले का रूप ले चुकी है और इसमें इंडस्ट्री और सीवरेज का गंदा पानी कई सालों से गिर रहा है।
जालंधर, जेएनएन। काला संघिया ड्रेन के शहर के हिस्से के सुंदरीकरण के प्रोजेक्ट की डिटेल रिपोर्ट तैयार करने का काम आखिरी चरण में है। स्टेट लेवल कमेटी से मंजूरी के बाद जल्द ही इसके टेंडर लगाए जाएंगे। काला संघिया ड्रेन इस समय गंदे नाले का रूप ले चुकी है और इसमें इंडस्ट्री और सीवरेज का गंदा पानी कई सालों से गिर रहा है। हालांकि पिछले तीन-चार सालों में एनजीटी, पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की सख्ती के बाद ड्रेन के हालात पहले से सुधरे हैं, लेकिन अभी भी यह अपने साथ जहर लेकर सतलुज दरिया से मिल रही है और दरिया का पानी जहरीला हो रहा है।
स्मार्ट सिटी कंपनी इस पर काम करेगी और इस पर करीब 40 कराेड़ रुपए खर्च आने का अनुमान है। कंपनी के एक्सपर्ट्स ने ड्रेन का दौरा करने के बाद डीपीआर तैयार करने का काम शुरू कर दिया है। नगर निगम की लिमिट के अंदर ड्रेन के करीब 15 किलोमीटर क्षेत्र का सुंदरीकरण किया जाना है। ड्रेन में गंदगी गिरने से रोकी जानी है। प्रोजेक्ट में पंजाबी बाग से निगम की हद में एंट्री प्वाइंट से लेकर लेदर कांप्लेक्स के आगे गांव नाहल तक ड्रेन का सुंदरीकरण किया जाएगा। ड्रेन को साफ करने के लिए नगर निगम ने स्मार्ट सिटी के बजट से एक पोकलेन मशीन भी खरीदने का टेंडर लगाया हुआ है। प्रोजेक्ट के तहत ड्रेन के किनारे पक्के किए जाएंगे और बेस कच्चा रखा जाएगा। नहर के किनारों को ग्रीन बेल्ट के रूप में विकसित किया जाना भी प्लान में शामिल है। ड्रेन के किनारे सैर के लिए फुटपाथ बनाए जाएंगे।
100 से ज्यादा कालोनियों को होगा फायदा
ड्रेन साफ करने का काम तो शुरू हो चुका है लेकिन स्मार्ट सिटी का प्रोजेक्ट शुरू होने से ग्रीन एरिया डवलप होगा और वातावरण संरक्षण में मदद मिलेगी। काला संघिया ड्रेन के सुंदरीकरण से आसपास के इलाकों को राहत मिलेगी। ड्रेन के साथ लगते गांवों में जमीन के नीचे का पानी भी जहरीला हो गया और कई लोगों की कैंसर से मौत हुई। ड्रेन से लगते इलाकों की हवा भी जहरीली हुई और खेती पर असर पड़ा है। लोग चर्म रोगों का शिकार हुए हैं।
इस क्षेत्र में रंधावा मंसदा, फोकल प्वाइंट, गुरु अमरदास कालोनी, कालिया कालोनी, सेठ हुक्म चंद कालोनी, शहीद भगत सिंह कालोनी, बाबा बालकनाथ नगर, शीतल नगर, राजन नगर, कबीर विहार, राजन नगर, नाहलां, बस्ती पीरदाद, बाजवा कालोनी, पारस एस्टेट, अनूप नगर, शहीद बाबू लाभ सिंह नगर, रतन नगर, न्यू रतन नगर, राज नगर, बस्ती बावा खेल से सटी कालोनियां, ग्रेटर कैलाश, अशोक विहार, राज नगर समेत कई इलाके शामिल हैं।