मोगा की सड़कों पर घूम रहे बेसहारा पशु लोगों के लिए बने परेशानी, हादसों का खतरा बढ़ा
मोगा की सड़कों पर घूम रहे बेसहारा पशु लोगों के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं। बेसहारा पशुओं से मुक्ति दिलाने के लिए 2018 में डीसी डीपीएस खरबंदा ने शहर में चार जोन बनाने समेत चार पार्षदों को चुना था लेकिन कुछ दिनों बाद मुहिम बंद हो गई थी।
मोगा, जेएनएन। मोगा को बेसहारा पशुओं से मुक्त करवाने में नगर निगम की कार्रवाई ज्यादा सार्थक सिद्ध नहीं हो पाई है। ऐसे में शहर भर में सड़कों पर घूम रहे बेसहारा पशु लोगों के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं। सड़कों पर घूमने वाले लावारिस पशु जहां जाम का कारण बनते हैं। सड़कों पर घूमने वाले पशुओं के कारण कई लोगों की जान जाने के साथ कई को घायल होना पड़ा है।
गौर रहे कि मोगा शहर को बेसहारा पशुओं से मुक्ति दिलाने के लिए वर्ष 2018 में डीसी डीपीएस खरबंदा की ओर से शहर में चार जोन बनाने समेत चार पार्षदों को चुना गया था, लेकिन कुछ दिनों के बाद उक्त मुहिम चलने के बाद बंद हो गई थी। एडवोकेट कुलविंदर शर्मा कहते हैं कि निगम काउ सेस तो ले रहा है। वहीं आज भी शहर की बहुत सी सड़कों पर पशुओं के झुंड आम तौर पर नजर आते है। उन्होंने बताया कि काउ सेंस का ब्यौरा लेने के लिए नगर निगम से आरटीआइ डाली जाएगी। उसके उपरांत निगम को कोर्ट में खड़ा करने के लिए एक जनहित याचिका डाली जाएगी।
किया जाएगा संघर्ष : अरोड़ा
इस संबंध में समाज सेवी संस्था के पदाधिकारी सोनू अरोड़ा ने कहा कि उनके द्वारा शहर में लावारिस पशुओं की समस्या को लेकर गत वर्ष भी डीसी व निगम कमिश्नरों को मांग पत्र दिया जाता चुका है।इसके अलावा पशुओं की समस्या का हल न होने के उपरांत मरनव्रत की चेतावनी दी जा चुकी है। उन्होंने बताया कि अगर आगामी सप्ताह तक शहर से लावारिस पशुओं की समस्या का समाधान नही हुआ तो उनके द्वारा नगर निगम के कार्यलय के आगे संघर्ष किया जाएगा।
इन इलाकों में गंभीर हुई समस्या
बता दें कि मोगा के अकालसर रोड, रेलवे रोड, चैंबर रोड, सब्जी मंडी, दाना मंडी, जीटी रोड, बहोना चौक, प्रताप रोड, गांधी रोड, गिल रोड़, रेलवे लाइनों के नजदीक, कृष्णा नगर, आरा रोड, चौक शेंखा व अन्य हिस्सों में पशुओं की आमद देखी जा सकती है।
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