अब घरों के अंदर पल रहा डेंगू, खतरा बरकरार

तापमान कम होने पर अब डेंगू के मच्छर घरों में घुस जाते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 10:15 PM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 10:15 PM (IST)
अब घरों के अंदर पल रहा डेंगू, खतरा बरकरार
अब घरों के अंदर पल रहा डेंगू, खतरा बरकरार

जागरण संवाददाता, जालंधर

तापमान में गिरावट से डेंगू का खतरा कम होगा। सुबह और शाम को ठंड होने से खुले में डेंगू भले ही सुस्त पड़ने लगा है, लेकिन घरों के अंदर डेंगू के पलने के लिए वातावरण अनुकूल है। नगर निगम सड़कों व गलियों में फागिंग कर ड्यूटी पूरी कर रहा है, परंतु इसका असर घरों के अंदर न पहुंचने से इसका खतरा बरकरार है। वहीं घरों में डेंगू का लारवा मिलने पर भार्गव कैंप में सेहत विभाग और नगर निगम की टीमों ने नौ चालान काटे।

सेहत विभाग के अनुसार 950 के करीब स्थानों पर डेंगू का लारवा मिल चुका है। इनमें से 80 फीसद के करीब लारवा घरों के अंदर गमलों, कूलरों व पानी के बर्तनों आदि में मिला है। शेष टायरों, दफ्तरों , वर्कशाप और घरों के बाहर पक्षियों को पानी पिलाने वाले बर्तनों आदि में मिला है। लोग डेंगू के बढ़ रहे मरीजों की संख्या का ठीकरा नगर निगम के सिर फोड़ रहे हैं। लोगों का कहना है कि नगर निगम की टीम मुख्य सड़क पर ही फागिंग कर निकल जाती है। छोटी गलियों और घरों तक इसका असर नहीं पहुंच पाता है। शहर के अंदरूनी इलाके में ज्यादातर घर छोटी गलियों में ही हैं। मामले को इलाका पार्षद भी गंभीर नहीं हैं।

एपीडिमोलाजिस्ट डा. शोभना बंसल कहती हैं कि खुले में तापमान में गिरावट आने के बाद डेंगू खुद की सुरक्षा के लिए घरों के अंदर जगह तलाशता है। ये घरों में पर्दो की पीछे और ट्यूब लाइट के आसपास छिप जाते हैं। जिला एपीडिमोलाजिस्ट डा. अदित्य पाल सिंह भी मानते हैं कि ज्यादातर डेंगू का लारवा घनी आबादी वाले इलाकों और लोगों के घरों से मिला है। मरीज भी घनी आबादी वाले इलाकों से ही ज्यादा हैं। जिले में 818 संदिग्ध मरीजों के सैंपलों की जांच हो चुकी है। मरीजों की संख्या 241 तक पहुंच गई है। इनमें 167 शहरी और 74 देहात इलाके के शामिल हैं।

उधर, डा. अदित्य पाल सिंह व निगम के हेल्थ अफसर डा. श्री कृष्ण की अगुआई में वीरवार को सेहत विभाग और नगर निगम की संयुक्त टीमों ने भार्गव कैंप का दौरा किया। उन्होंने बताया कि इस दौरान 150 के करीब घरों में दस्तक दी। 15 जगह पर डेंगू का लारवा मिला और नौ चालान काटे गए। लारवा घरों में पानी के भरे ड्रमों में भी मिला। उन्होंने लोगों को सप्ताह में एक दिन पूरी तरह ड्रम खाली कर दोबारा भरने की हिदायतें दी।

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