डेंगू की दस्तक, छह मरीज रिपोर्ट, कंपनी बाग में भी मिला लारवा

जालंधर में डेंगू ने दस्तक दे दी है। अब तक छह मरीज भी रिपोर्ट हो चुके हैं। मरीज आने के बाद जागे सेहत विभाग ने अब सार्वजनिक स्थलों का सर्वे शुरू कर दिया है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 11 Sep 2021 11:55 AM (IST) Updated:Sat, 11 Sep 2021 11:55 AM (IST)
डेंगू की दस्तक, छह मरीज रिपोर्ट, कंपनी बाग में भी मिला लारवा
डेंगू की दस्तक, छह मरीज रिपोर्ट, कंपनी बाग में भी मिला लारवा

जागरण संवाददाता, जालंधर : जालंधर में डेंगू ने दस्तक दे दी है। अब तक छह मरीज भी रिपोर्ट हो चुके हैं। मरीज आने के बाद जागे सेहत विभाग ने अब सार्वजनिक स्थलों का सर्वे शुरू कर दिया है। शुक्रवार को सर्वे के दौरान कंपनी बाग पार्क से टीम को डेंगू का एक लारवा मिला। इस पार्क में रोजाना सैकड़ों लोग सैर करने आते हैं। नगर निगम दफ्तर के सामने स्थित इस पार्क में डेंगू का लारवा मिलने के बाद निगम की भी सच्चाई सामने आ गई है कि जब अपने ही घर में डेंगू को पनपने से निगम नहीं रोक पा रहा तो बाकी शहर में फागिग का क्या हाल होगा। सेहत विभाग की टीमों ने शुक्रवार को शहर के विभिन्न पार्कों में लगे फव्वारों का दौरा कर पड़ताल की थी।

जिला एपीडिमोलाजिस्ट डा. अदित्य पाल सिंह ने कहा कि उन्होंने टीम के साथ शहर के कंपनी बाग, नामदेव चौक, गुरु नानक मिशन चौक, गुरु अमरदास चौक तथा माडल टाउन स्थित पार्कों का दौरा कर गहन जांच पड़ताल की। कंपनी बाग में पक्षियों को पानी पिलाने वाले मिट्टी के बर्तन में डेंगू का लारवा मिला। लारवा नष्ट के अलावा टैमीफोस का छिड़काव करवाया गया है।

एंटी लारवा स्टाफ की टीमों ने 72 घरों का दौरा कर सर्वे किया और फालतू टायर, बर्तन व अन्य समान की जांच पड़ताल कर कीटनाशक दवा का छिड़काव किया है। उन्होंने कहा कि लैब में 18 लोगों के सेंपल जांच के लिए भेजे गए थे और सभी की रिपोर्ट नेगेटिव पाई गई है। जालंधर के छह मरीज डीएमसी लुधियाना में रिपोर्ट होने के बाद सेहत विभाग भले ही सतर्क हो गया है लेकिन स्टाफ की कमी आड़े आ रही है। हालंकि एक मरीज की मौत भी हो चुकी है।

----------- सिविल अस्पताल में डेंगू वार्ड महज खानापूर्ति

सिविल अस्पताल के मेडिकल वार्ड में डेंगू के मरीजों के लिए केवल आठ बेड का एक वार्ड आरक्षित किया गया है। वार्ड में आनन-फानन में एक बेड पर मच्छरदानी और शेष बिना चादर बिछाए ही रखे हुए है। वार्ड को बिना साफ सफाई किए ताला बंद कर दिया गया है। हालांकि मौके पर तैनात स्टाफ को भी डेंगू वार्ड की जानकारी नहीं है।

ऐसे तो नहीं रुकेगा डेंगू, मैनपावर, इच्छाशक्ति व संसाधनों की कमी

भविष्य में डेंगू पैर पसारता है तो उस पर काबू पाने के लिए सेहत विभाग को बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। मैनपावर व संसाधन पहले से कम है। सर्वे भी देरी से शुरू किया गया। सिविल सर्जन डा. बलवंत सिंह ने स्टाफ की कमी को पूरा करने के लिए विभाग के आला अधिकारियों को पत्र लिखा दिया है।

-जिले में मेल हेल्थ वर्करों के कुल 224 पद है। इनमें से 92 पद लंबे अर्से से खाली है।

-41 फीसदी स्टाफ की कमी के अलावा तीन दर्जन के करीब मुलाजिम गृह जिलों या फिर अफसरों की तामीरदारों में जुटे है।

-डेंगू का मरीज रिपोर्ट होने के कई दिनों बाद टीमें उनके घरों में सर्वे करने के लिए पहुंच रही है।

-डेंगू सर्वेलेंस के लिए लैब में टेक्नीशियन की भी नियुक्ति नहीं की गई।

-ब्लड बैंक में प्लेटलेट्स तैयार करने के लिए उपकरणों की सुविधा है लेकिन स्टाफ की कमी आड़े आ रही है।

--------------------------- डेंगू के पनपने के लिए तापमान अनुकूल

एपीडिमोलाजिस्ट डा. शोभना बंसल कहती है कि डेंगू मच्छर के अंडे डेढ़ साल जीवित रह सकते है। मच्छर को पनपने के लिए 22-31 डिग्री सेल्सियस तापमान और 60 फीसदी से अधिक ह्यूमिडीटी की पर्याप्त है। इन दिनों खुले आसमान के नीचे तापमान 44 डिग्री सेल्सियस और ह्यूमिडीटी 40 फीसदी के करीब है जो मच्छर के लिए खतरनाक है।

----------------- डेंगू ही नहीं, डायरिया और स्वाइन फ्लू पर नियंत्रण का काम प्रभावित

सेहत विभाग में स्टाफ की कमी के चलते डेंगू के सर्वे का ही नहीं डायरिया और स्वाइन फ्लू का कामकाज भी प्रभावित हो रहा है। शहर में फील्ड में उतरने वाले मुलाजिमों के 25 पद है और केवल 9 मुलाजिम ही ड्यूटी पर तैनात है। शहर की करीब 13 लाख की आबादी में 9 मुलाजिम काफी कम है। डेंगू को लेकर सर्वे में विलंब होने के अलावा शहर में फैलने वाले डायरिया व पीलिया जैसे मामलों की जानकारी जुटाने में भी सेहत विभाग पूरी तरह से पिछड़ चुका है। वर्तमान में कोरोना के साथ मिलते लक्षणों वाले स्वाइन फ्लू के मरीज भी गुम हो चुके है। स्वाइन फ्लू को लेकर न तो डाक्टर गंभीर है और न ही फील्ड स्टाफ।

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