बुजुर्ग सास के पक्ष में फैसला आते ही बहू ने किया हंगामा

जागरण संवाददाता, जालंधर : अपनी बहू के उत्पीड़न से पीड़ित शिक्षा विभाग से हेड मिस्ट्रेस के रूप

By JagranEdited By: Publish:Wed, 10 Jan 2018 08:59 PM (IST) Updated:Wed, 10 Jan 2018 08:59 PM (IST)
बुजुर्ग सास के पक्ष में फैसला आते ही बहू ने किया हंगामा
बुजुर्ग सास के पक्ष में फैसला आते ही बहू ने किया हंगामा

जागरण संवाददाता, जालंधर : अपनी बहू के उत्पीड़न से पीड़ित शिक्षा विभाग से हेड मिस्ट्रेस के रूप में रिटायर्ड 72 साल की कैलाश के पक्ष में जैसे ही बुधवार को डिप्टी कमिश्नर व¨रदर कुमार शर्मा ने फैसला सुनाया पीड़ित की बहू ने रौद्र रूप दिखाते हुए जमकर हंगामा किया। कोर्ट के बाहर बहू ने मासूम बेटे-बेटियों को पिता को ये कहते हुए हवाले कर दिया कि उन्हें वह संभाले, वह तो जा रही है। मासूम बेटी ने मां को रोकने की कोशिश की, लेकिन मां पर कोई असर नहीं हुआ। बेटे-बेटियों को बिलखता छोड़ महिला वहां से चली गई।

गौरतलब है कि सीनियर सिटीजन की ओर से अपने बेटों व बहुओं के उत्पीड़न की बड़ी संख्या में आ रहीं शिकायतों के चलते बुधवार को सीनियर सिटीजन की शिकायतों को सुनने के लिए स्पेशल कोर्ट लगाना शुरू किया है। हर बार कोर्ट में बड़ी संख्या में शिकायतें पहुंच रही हैं। बुजुर्ग कोर्ट की कार्यवाही से खुश हैं। अब तक कई-कई महीनों तक उनकी शिकायतों का निस्तारण नहीं हो पाता है, अब कुछ ही समय में शिकायतों के निस्तारण के साथ फैसले हो रहे हैं।

वुधवार को कैलाश रानी बनाम नरेश कुमार मामले में सुनवाई करते हुए सभी तथ्यों का अवलोकन करने व साक्ष्यों को देखने के बाद डीसी व¨रदर कुमार शर्मा ने फैसला दिया कि नरेश कुमार अपनी पत्नी व बच्चों के साथ मां का घर छोड़कर कहीं और रहे। नरेश जॉब में अच्छी पगार पा रहा है वह कहीं रह सकता है, ताकि मां के उत्पीड़न को रोका जा सके। यह फैसला सुनते ही नरेश के साथ आई उसकी पत्नी नीलम भड़क गई। उसने कोर्ट में कह दिया कि वह सास का घर नहीं छ़ोड़ेगी। अगर घर छोड़ना ही है तो वह अपने बच्चों को पति के हवाले कर दो। मैं कहीं और चली जाऊंगी। कोर्ट के बाहर आते ही बहू ने हंगामा शुरू कर दिया। पीड़ित ने बताया कि पेंशन से मिलने वाली राशि बेटा और बहू लेते रहे हैं, लेकिन खाना तक नहीं देते। पूरा मोहल्ला जानता है कि खाने के लिए उन्हें टिफिन लगाना पड़ा है।

उधर, बुजुर्ग मां डीसी के फैसले से काफी राहत महसूस कर रही थी। बुजुर्ग कैलाश रानी का कहना था कि डीसी के आदेश पर अगर अमल हुआ तो 72 साल की उम्र में उन्हें नई ¨जदगी मिल जाएगी। डीसी की कोर्ट में सिर्फ कैलाश रानी ही नहीं बल्कि कई हाईप्रोफाइल फैमिली के मामले भी सामने आ रहे हैं। ऐसा ही एक मामला कालिया कॉलोनी से रा¨जदर कालिया बनाम सुचेता कालिया मामले में भी देखने को मिला। स्कूल संचालक रा¨जदर कालिया ने डीसी कोर्ट में अपनी ही पूर्व बहू सुचेता के उत्पीड़न मामले में इंसाफ की फरियाद की है। रा¨जदर कालिया की शिकायत थी कि सुचेता का उनके बेटे के साथ तलाक हो चुका है, लेकिन वह उनकी मकान खाली नहीं कर रही है। प‌रू्व में एसडीएम कोर्ट सुचेता को किराया देने का आदेश जारी कर चुकी है, उस पर भी अमल नहीं किया।

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