जालंधर में डीसी घनश्याम थोरी ने 2018 के बाद विकसित हुई अवैध कालोनियों में रजिस्ट्री पर लगाई रोक

डिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी ने 2018 के बाद विकसित हुई अवैध कालोनियों में रजिस्ट्रियों पर रोक लगा दी है। इन कालोनियों को विकसित करने वालों के खिलाफ पंजाब अपार्टमेंट एंड प्रापर्टी रेगुलाइजेशन एक्ट (पापरा) के तहत केस भी दर्ज होंगे।

By Edited By: Publish:Fri, 26 Nov 2021 02:01 AM (IST) Updated:Fri, 26 Nov 2021 09:54 AM (IST)
जालंधर में डीसी घनश्याम थोरी ने 2018 के बाद विकसित हुई अवैध कालोनियों में रजिस्ट्री पर लगाई रोक
जालंधर में डीसी ने 2018 के बाद विकसित हुई अवैध कालोनियों में रजिस्ट्री पर रोक लगा दी है।

जागरण संवाददाता, जालंधर : डिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी ने 2018 के बाद विकसित हुई अवैध कालोनियों में रजिस्ट्रियों पर रोक लगा दी है। इन कालोनियों को विकसित करने वालों के खिलाफ पंजाब अपार्टमेंट एंड प्रापर्टी रेगुलाइजेशन एक्ट (पापरा) के तहत केस भी दर्ज होंगे। डीसी ने एसडीएम एक और एसडीएम दो, तहसीलदार एक और तहसीलदार दो को लिखे पत्र में कहा है कि इन कालोनियों को विकसित करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और इन कालोनियों में किसी भी प्लाट की रजिस्ट्री न की जाए। डीसी के इन आदेशों से नगर निगम की हद में 100 से ज्यादा कालोनियों में रजिस्ट्रियों पर बैन लग गया है। 40 कालोनियों के खिलाफ तो नगर निगम ने पहले ही पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर केस दर्ज करने की सिफारिश की हुई है। नगर निगम कमिश्नर करनेश शर्मा ने ही डिप्टी कमिश्नर को पत्र लिखकर मांग की थी कि अवैध कालोनियां विकसित करने वाले कालोनाइजरों के खिलाफ पापरा एक्ट के तहत कार्रवाई की जाए और इन कालोनियों में रजिस्ट्री पर भी रोक लगाई जाए। 2018 के बाद विकसित हुई कालोनियों में एनओसी भी जारी नहीं हो सकती है ऐसे में तहसीलों में बिना एनओसी के ही रजिस्ट्री अभी तक होती रही हैं। डीसी के इस आदेश से शहर में करीब 10 हजार प्लाट होल्डर्स प्रभावित होंगे। साल 2018 से पहले विकसित हुई कालोनियों को सरकार की पालिसी के तहत फीस देकर रेगुलर करवाया जा सकता है। कैंट में अवैध कालोनियों की संख्या ज्यादा नगर निगम की हद में पिछले समय के दौरान बड़ी गिनती में अवैध कालोनियां विकसित हुई हैं। इनमें से 40 के करीब तो नगर निगम के रिकार्ड में दर्ज हो चुकी है और उन पर केस दर्ज किए जाने हैं। इसके अतिरिक्त भी बड़ी गिनती में ऐसी कालोनियां हैं जो अभी निगम के रिकार्ड में नहीं आई हैं। यह कालोनियां शहर के चारों विधानसभा हलकों में विकसित हुई है लेकिन कैंट विधानसभा हलका में इनकी गिनती ज्यादा है। -------------------------- कैद और जुर्माने का प्रावधन : कालोनाइजर बच निकलते हैं, किसान फंस जाते हैं पापरा एक्ट के तहत कालोनाइजरों पर अगर दर्ज केस में कोर्ट में साबित हो जाते हैं अलग-अलग सेक्शन के तहत पांच साल तक की सजा हो सकती है। हालांकि ऐसे में मामलों में अभी तक गिनती के लोगों पर कार्रवाई हुई है। कालोनियां डेवलप करने के मामले में ज्यादातर किसान ही फंसते हैं क्योंकि कालोनाइजर या तो जमीन किसान के नाम पर ही रहने देता है या फिर अपने किसी का¨रदे को कागजी कार्रवाई में शामिल करता है। ------ ओटीएस पालिसी को कोर्ट में चैलेंज करने की चेतावनी इधर आरटीआइ एक्टिविस्ट सिमरनजीत ¨सह ने कहा है कि डीसी का आदेश स्वागत योग्य हैं। पंजाब सरकार जो वन टाइम सेटेलमेंट स्कीम ला रही है उसका भी विरोध होगा और हाई कोर्ट में चैलेंज करेंगे। एक तरफ अवैध कॉलोनियां विकसित होने से रोकने की कोशिश की जा रही है वहीं वन टाइम सेटेलमेंट स्कीम से इसे बढ़ावा दिया जा रहा है। उअवैध कालोनियों को विकसित करने से शहर के मास्टर प्लान पर भी असर पड़ रहा है। -------- इन कालोनियों की लिस्ट पुलिस कमिश्नर को भेजी गई लाल मंदिर अमन नगर के पास, लम्मा ¨पड से कोटला रोड, हरगो¨बद नगर के पास, जमशेर रोड मोहन विहार के पास, न्यू माडल हाउस के पास, ओल्ड फगवाड़ा रोड पर नई कालोनी, सलेमपुर मुसलमाना, पटेल नगर मकसूदां के पास, जीव शेल्टर के पास, अमन नगर के पास, गुगा जहर पीर के पास, पटेल नगर के पास, शिवाजी नगर में वैष्णो धाम मंदिर के पास, दीपनगर की बैकसाइड, काला संघिया रोड पर 66 केवी स्टेशन के पास, राम नगर ब¨ड़ग के पास, सुभाना के पास, गुलमोहर सिटी की बैकसाइड, ब¨ड़ग के पास, गांव शेखे के पास, रतन नगर मंड पैलेस के पास, नंदनपुर, गांव खुरला ¨कगगरा, नेशनल हाईवे पर संत ब्रास के सामने, राजनगर कबीर एवेन्यू के पास, कालिया कालोनी फेस 2 के पास, ट्रांसपोर्ट नगर से बुलंदपुर रोड।

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