बादशाह शाहजहां के शासनकाल में बनी थी जालंधर की बस्ती शाह कुली, जानें क्यों इसे देखने पहुंचे थे दारा शिकोह

जालंधर की बस्ती शाह कुली को फकीर शाह कुली ने बसाया था। शुरुआत में यहां केव केवल दो या तीन घर ही थे लेकिन धीरे-धीरे बस्ती में बाहर के लोगों का आना-जाना होने लगा और इसका आकार बढ़ता गया। बस्ती शाह कुली से इतिहास की कई रोचक कहानियां जुड़ी हैं।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Wed, 03 Feb 2021 05:58 PM (IST) Updated:Wed, 03 Feb 2021 05:58 PM (IST)
बादशाह शाहजहां के शासनकाल में बनी थी जालंधर की बस्ती शाह कुली, जानें क्यों इसे देखने पहुंचे थे दारा शिकोह
जालंधर की बस्ती शाह कुली मुगल बादशाह शाहजहां के दौर में बनी थी। (जागरण)

जालंधर [प्रियंका सिंह]। जालंधर शहर खुद में इतिहास समेटे है। कहते हैं कि शहर 12 बस्तियों से जाना जाता था। ये बस्तियां उस समय के राजा-महाराजाओं और फकीरों ने बसाईं थी। आज कुछ ही बस्तियों के नाम और निशान बचे हैं। इन्हीं में से एक है बस्ती शाह कुली। इसे सूफी फकीर शाह कुली ने बसाया था। शुरुआत में यहां केव केवल दो या तीन घर ही थे लेकिन धीरे-धीरे बस्ती में बाहर के लोगों का आना-जाना होने लगा और इसका आकार बढ़ता गया। बस्ती शाह कुली से इतिहास की कई रोचक कहानियां भी जुड़ी हैं। मुगल बादशाह शाहजहां के बड़ा बेटा दारा शिकोह भी एक बार बस्ती का जायजा लेने आया था।

फकीर शाह कुली ने बसाई थी यह बस्ती

इतिहासकारों के अनुसार शहर में जब गेटों का निर्माण हो रहा था, तब व्यापारियों के साथ एक फकीर भी शहर में रहने आने लगे था। इन्हीं में से एक थे शाह कुली। शुरू में उन्होंने शहर के बाहर ही शरण ली थी। जब उनके पास अनुयायियों की भीड़ लगने लगी तो वे बस्ती में जाकर रहने लगे। पहले पहल इस बस्ती में कुछ ही घर थे। फकीर शाह कुली के वहां रहने पर आबादी बढ़ती गई। काफी तादाद में बाहर से आए लोगों ने वहां अपने घर बना लिए। कहते हैं बस्ती शाह कुली में दुनिया के सभी मुद्दों पर चर्चाएं होती रहती थी। फनकार शाह कुली के पास अपना हुनर दिखाने आते रहते थे।

मुगल बादशाह शाहजहां के दौर मं बनी थी बस्ती

बस्ती में रहने वाले लोग बताते हैं कि शाहजहां के दौर में यह बस्ती बनी थी। कहा जाता है कि जब शाहजहां गद्दीनशीं तो उसने अपने मुलाजिमों को आशीर्वाद लेने फकीर शाह कुली के पास भेजा। बादशाह ने बस्ती को हर प्रकार की सुविधा मुहैया करवाने का एलान किया। शाहजहां के बड़ा बेटा दारा शिकोह भी एक बार बस्ती का जायजा लेने आया था।

अब बस्ती का केवल नाम ही बाकी 

इतिहास की गवाह यह बस्ती अब वह पुरानी बस्ती नहीं है। अब केवल उसका नाम ही बाकी रह गया है। बस्ती शाह कुली बस्ती को अगर प्रशासन चाहता तो बचाकर रख सकता था लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

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