Petrol Price News : कच्चा तेल 16 डॉलर प्रति बैरल हुआ कम, उपभोक्ताओं को फिर भी नहीं मिल रही राहत

एक महीने में कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में 16 डॉलर प्रति बैरल की उल्लेखनीय कमी आई है। बावजूद इसके यह राहत उपभोक्ताओं को नहीं मिल पाई है। एक पखवाड़े के बाद पेट्रोलियम डीलर्स को रिवाइज्ड रेट तो भेजे गए लेकिन इसमें कीमतों में कमी के मुताबिक कटौती नहीं थी।

By Vinay KumarEdited By: Publish:Thu, 02 Dec 2021 10:04 AM (IST) Updated:Thu, 02 Dec 2021 10:04 AM (IST)
Petrol Price News : कच्चा तेल 16 डॉलर प्रति बैरल हुआ कम, उपभोक्ताओं को फिर भी नहीं मिल रही राहत
कच्चे तेल में कमी के बावजूद भी उपभोक्ताओं को राहत नहीं मिल रही है।

जालंधर [मनुपाल शर्मा]। देश की प्रमुख तेल कंपनियों की तरफ से मुनाफा कमाने की होड़ ने एक बार फिर से तेल उपभोक्ताओं को राहत से दूर रखा है। बीते लगभग एक महीने में कच्चे तेल (क्रूड ऑयल) की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में 16 डॉलर प्रति बैरल की उल्लेखनीय कमी आई है। बावजूद इसके यह राहत उपभोक्ताओं को नहीं मिल पाई है। हालांकि आशा यह व्यक्ति की जा रही थी कि नवंबर महीने में तेजी से गिरी कच्चे तेल की कीमतों के बाद एक दिसंबर से तेल की कीमतों में कमी की घोषणा कर दी जाएगी। एक दिसंबर भी बीत गई और तेल कंपनियों की तरफ से कीमतें कम करने को लेकर कोई घोषणा नहीं की गई।

एक पखवाड़े के बाद पेट्रोलियम डीलर्स को रिवाइज्ड रेट तो भेजे गए, लेकिन इसमें अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आई कमी के मुताबिक कोई कटौती नहीं थी। अलबत्ता दिल्ली सरकार की तरफ से अपने स्तर पर तेल की कीमतों में कटौती की घोषणा जरूर की गई, लेकिन वह सरकार की तरफ से वसूले जाने वाले वैट की ही कमी थी। पेट्रोल पंप डीलर्स एसोसिएशन, पंजाब (पीपीडीएपी) के प्रवक्ता मोंटी गुरमीत सहगल ने कहा है कि देश की प्रमुख तेल कंपनियों की मनमानी करोड़ों उपभोक्ताओं पर भारी पड़ रही है। केंद्र और राज्य सरकारें भी तेल कंपनियों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए कुछ नहीं कर रही हैं।

मोंटी गुरमीत सहगल ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतें एक रुपए प्रति बैरल भी ऊपर जाती है तो तत्काल तेल कंपनियां तेल की कीमतों में वृद्धि कर डालती हैं, लेकिन बीते लगभग एक महीने से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें औंधे मुंह गिर रही हैं, लेकिन तेल कंपनियां इसका लाभ उपभोक्ताओं को ट्रांसफर नहीं कर रही है। एक दिसंबर को इस बात की प्रबल संभावना थी कि तेल की कीमतों में हर हाल में कटौती होगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।

पेट्रोलियम डीलर्स ने बेहद कम रखा था स्टॉक

कच्चे तेल की कीमतों में लगातार आ रही कमी से तेल की कीमतों का कम होना लगभग तय माना जा रहा था। यहां तक कि पेट्रोलियम डीलर्स भी एक दिसंबर को रेट कम होने की उम्मीद लगाए बैठे थे। यही वजह थी कि 30 नवंबर को पेट्रोलियम डीलर्स की तरफ से अपना स्टॉक भी बेहद कम रखा गया था, ताकि कि कीमतें कम होने पर ज्यादा नुकसान न उठाना पड़े। हालांकि कीमतें कम की ही नहीं गई।

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