कोरोना से हर दुकानदार को हुआ नुकसान, सरकार उनके बारे में सोचे
कोरोना की वजह से पहले लंबे समय तक दुकानें बंद रखनी पड़ी फिर निर्धारित समय पर दुकानें खोलने की छूट मिली।
जासं, जालंधर
कोरोना की वजह से पहले लंबे समय तक दुकानें बंद रखनी पड़ी, फिर निर्धारित समय पर दुकानें खोलने की छूट मिली। हर दुकानदार ने सरकार की गाइडलाइंस का ध्यान रखा, मगर सरकार ने उनके लिए क्या किया? लंबे समय तक दुकानें बंद रही, लेकिन उन्हें किराया तो देना पड़ा। सरकार को चाहिए कि कोरोना की वजह से हर छोटे-बड़े दुकानदारों के नुकसान के बारे में भी सोचती। उनके लिए कोई प्रयास तो करती, मगर किसी ने ध्यान नहीं दिया। ये बातें दैनिक जागरण के फेसबुक लाइव के दौरान लाडोवाली रोड मार्केट के दुकानदारों ने कहीं।
----------- कोरोना के कारण आर्थिक तंगी आ गई। सरकार ने कहा, दुकानें बंद कर दें पर यह नहीं सोचा कि आखिर दुकानदार कमाएंगे नहीं तो खाएंगे क्या। सरकार को चाहिए कि दुकानदारों के बारे में भी सोचे।
सुरिदर, चाय बिक्रेता
------- मार्केट के हालात तो लोगों की आर्थिक तंगी दूर होने पर ही सुधर सकते हैं। कोविड की वजह से हर कोई परेशान है। जब लोगों के पास पैसा आएगा, तभी वे मार्केट में आएंगे। दुकानदारों का हाल बुरा है।
भूषण भल्ला
-------- हालात तो खराब हैं। सरकार को चाहिए कि जिन्हें वैक्सीन की पहली या दूसरी डोज लगनी है, उन्हें जल्द से जल्द लगवाए, ताकि लोगों को डर दूर हो और खुद को सुरक्षित महसूस करते हुए बाहर आएं।
साहिल
---------- मार्केट में तो अभी मंदी है। हालांकि अब ग्राहक आने शुरू हो रहे हैं। उम्मीद है कि जल्द हालात सुधर जाएंगे। बाकी देखें आगे क्या होता है? सरकार कोरोना को जड़ से खत्म करने के लिए कदम उठाए।
कुलविदर
------- ग्राहक मार्केट में नहीं आ रहा है। सरकार जल्द से जल्द वैक्सीनेशन पूरी करवाए, तभी कुछ हो सकता है। वो हर टैक्स समय पर दे रहे हैं। अब सरकार भी उनकी बेहतरी के लिए कदम उठाए।
अवतार सिंह, वेल्डिंग वर्क्स
---------- दुकान पर काम होगा तभी हालात सुधरेंगे। मार्केट सातों दिन खुलने के बाद भी कोई खास फर्क नहीं पड़ा है। आर्थिक तंगी के कारण दुकान का खर्च भी नहीं निकल रहा है। सरकार उनके बारे में सोचे।
विकास
----------- मार्केट में पूरी तरह से मंदी है, तभी तो दुकानदारों के साथ-साथ उसके वर्कर भी आर्थिक तंगी झेल रहे हैं। जब काम अच्छा होगा तभी कहेंगे कि अच्छे दिन हैं। अभी तो ग्राहक घर से बाहर आ ही नहीं रहे हैं।
सोहेल
--------- इतनी आर्थिक तंगी भरे हालात पहले कभी नहीं देखे। कोरोना ने ऐसे दिन दिखा दिए। इन दिनों हर कोई परेशान है, क्योंकि लोगों के पास पैसे नहीं है। यही आशा करते हैं कि जल्द से जल्द हालात सुधरे।
बिल्लू
----------- मार्केट के हालात तो खराब ही चल रहे हैं। हर कोई बाहर निकलने से डर रहा है। कोरोना की तीसरी लहर की आशंका ने परेशान कर दिया है। सरकार व सेहत विभाग इसको लेकर उचित कदम उठाए।
पवन कुमार
-------- हालात सुधारने के लिए वैक्सीनेशन की प्रक्रिया को अधिक से अधिक बढ़ाया जाना चाहिए। जब लोगों को वैक्सीन की दूसरी डोज लग जाएगी तो उनके अंदर का डर भी दूर होगा और वो बाहर निकलने लगेंगे।
कृष्ण