Good News : 54 फीसद बच्चों को हुआ कोरोना, पता भी नहीं लगा और ठीक हो गए; एंटी बाडी हुई विकसित
अमृतसर के 92 बच्चों में से 50 के शरीर में कोरोना रोधी एंटी बाडी यानी रोग प्रतिरोधक मिली है। इसका अर्थ है कि ये बच्चे अतीत में कोरोना संक्रमित तो हुए लेकिन इस वायरस से लडऩे के लिए शरीर में एंटी बाडी का निर्माण भी हो गया।
अमृतसर [नितिन धीमान]। कोरोना की तीसरी लहर बच्चों पर खतरनाक असर नहीं दिखा पाएगी। तीसरी लहर की दस्तक की अप्रत्याशित चर्चाएं छिड़ी हैं, पर राहत भरी बात है कि बच्चों में कोरोना से लड़ने के लिए एंटी बाडी विकसित हो चुकी है। अमृतसर के 92 बच्चों में से 50 के शरीर में कोरोना रोधी एंटी बाडी यानी रोग प्रतिरोधक मिली है। इसका अर्थ है कि ये बच्चे अतीत में कोरोना संक्रमित तो हुए, लेकिन इस वायरस से लड़ने के लिए शरीर में एंटी बाडी का निर्माण भी हो गया। इसी एंटी बाडी ने वायरस को गंभीर प्रभाव छोड़ने में नाकाम कर वायरस को नष्ट कर दिया। एंटी बाडी से अभिप्राय प्रोटीन कोशिकाओं का समूह है जो किसी भी वायरस का अटैक होने पर सक्रिय होता है और शक्तिशाली तरीके से वायरस पर अटैक कर इसे नष्ट करता है। शेष 42 बच्चे वे हैं जिन्हें कभी कोरोना नहीं हुआ। इसकी प्रमाणिकता सीरो सर्वे से भी मिली है।
दरअसल, स्वास्थ्य विभाग ने 19 जुलाई को अमृतसर के तीन अस्पतालों सिविल अस्पताल अमृतसर, सिविल अस्पताल अजनाला व सिविल अस्पताल बाबा बकाला में कुल 92 बच्चों के रक्त के नमूने लिए थे। 50 फीसद सैंपल शहरी क्षेत्रों से, जबकि इतने ही ग्रामीण क्षेत्रों से संंबंधित बच्चों के लिए गए। यह इसलिए ताकि पता लगाया जा सके कि तीसरी लहर आने पर यदि बच्चे कोरोना की चपेट में आते हैं तो शरीर में एंटी बाडी हैं या नहीं। वर्तमान में कोरोना की दूसरी लहर चल रही है। इस लहर में भी 300 से अधिक बच्चे सरकारी रिकार्ड के अनुसार संक्रमित हुए हैं। जिन 92 बच्चों के रक्त के नमूने लिए गए, वे संक्रमण ग्रस्त थे या नहीं, इसकी जानकारी नहीं थी। 6 से 9, 10 से 13 व 14 से 17 आयु वर्ग के इन 92 बच्चों को तीन ग्रुपों में बांटकर सैंपल लिए गए।
सैंपलों को आइडीएसपी लैब में भेजकर एलाइजा रीडर मशीन से टेस्ट किया गया। बुधवार को टेस्ट रिपोर्ट में 50 बच्चों के शरीर मे एंटी बाडी पाई गई। यह सुखद संकेत हैं कि बच्चे इस वायरस से लडऩे में सक्षम हैं। हालांकि एंटी बाडी का लेवल कम व ज्यादा होता रहता है। इसलिए बच्चों को कोरोना के गंभीर खतरे से बचाए रखने के लिए मास्क पहनना अनिवार्य है। शारीरिक दूरी बनाए रखने की आदतें भी अभिभावकों को विकसित करनी होंगी।
तीसरी लहर से निपटने को तैयार हैं : सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डा. चरणजीत सिंह ने कहा कि हम तीसरी लहर से लडऩे में सक्षम हैं। यह खुशी की बात है कि बच्चों में एंटी बाडी है। हमने तीसरी लहर को देखते हुए एहतियात के तौर पर सरकारी एवं निजी अस्पतालों में बच्चों के लिए अलग से कोरोना वार्ड तैयार कर दिए हैं।