रेलवे में जुर्माने की लगाम, बसों में कोरोना को सलाम; जमकर उड़ाई जा रही नियमों की धज्जियां
कोविड-19 से बचाव के लिए रेलवे ने तो यात्रियों को ट्रेन के भीतर अथवा रेलवे परिसर में मास्क पहनना जरूरी कर दिया है लेकिन प्रदेश में बस परिवहन सेवाओं में फिलहाल कोरोना को रोकने की कोई कोशिश भी होती नजर नहीं आ रही है।
जालंधर, [मनुपाल शर्मा]। रेलवे ने तो कोविड-19 से बचाव के लिए यात्रियों को ट्रेन के भीतर अथवा रेलवे परिसर में मास्क पहनना जरूरी कर दिया है, लेकिन प्रदेश में बस परिवहन सेवाओं में फिलहाल कोरोना को रोकने की कोई कोशिश भी होती नजर नहीं आ रही है।
रेलवे ने रेलवे परिसर और ट्रेन के भीतर बिना मास्क वाले यात्री से 500 रुपए जुर्माना वसूला जाना जरूरी बना दिया है, लेकिन सरकारी अथवा निजी बसों में फिलहाल ऐसी कोई व्यवस्था नहीं हो पाई है। प्रदेश सरकार की तरफ से पंजाब के भीतर बसें 100 फीसद क्षमता के मुताबिक चलाने की अनुमति दी गई है। ऐसे हालातों में शारीरिक दूरी के नियम को भी लागू नहीं रखा जा रहा है। बसों के भीतर बेहद कम संख्या में यात्री मास्क पहने नजर आ रहे हैं। सरकारी एवं निजी बसों में तैनात स्टाफ खुद भी लापरवाही करता नजर आ रहा है। रेलवे की तरफ से तो नियमों का पालन न करने वाले यात्रियों से 500 रुपए जुर्माना वसूलने के लिए अधिकारियों को तैनात कर दिया गया है, लेकिन बस परिवहन में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है।
पंजाब रोडवेज के डिप्टी डायरेक्टर परनीत सिंह मिन्हास ने कहा कि यात्रा के दौरान यात्रियों को मास्क पहनना जरूरी बनाया गया है। इसके लिए स्टाफ को भी निर्देश जारी किए गए हैं कि बसों में सवार होने वाले प्रत्येक यात्री को मास्क पहनने के लिए कहा जाए। उन्होंने कहा कि खुद स्टाफ को भी मास्क पहने एवं अन्य सावधानियां बरतने के लिए कहा गया है। बावजूद इसके अगर स्टाफ सदस्य निर्देशों का पालन नहीं करते हुए पाए गए तो फिर उनके खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
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