जालंधर में Sports wing खुले, लेकिन नहीं लौटी रौनक; इस वजह से ट्रेनिंग के लिए कम पहुंच रहे खिलाड़ी

जालंधर में ऐसे खिलाड़ियों की गिनती 900 के करीब है जोकि स्पोर्ट्स विंग से ट्रनिंग ले रहे हैं। खिलाड़ी कोरोना की गंभीरता को देखते हुए विभाग की ओर से जारी एसओपी के मुताबिक ट्रेनिंग कर रहे हैं। .

By Vikas_KumarEdited By: Publish:Tue, 24 Nov 2020 02:51 PM (IST) Updated:Tue, 24 Nov 2020 02:51 PM (IST)
जालंधर में Sports wing खुले, लेकिन नहीं लौटी रौनक; इस वजह से ट्रेनिंग के लिए कम पहुंच रहे खिलाड़ी
हाकी खिलाड़ियों को एक दूसरे से हाकी स्टिक, हेल्मेट शेयर न करने के आदेश हैं।

जालंधर, जेएनएन। शहर में खेल विभाग ने खेल विंग तो शुरु कर दिए हैं। लेकिन कोरोना वायरस की गंभीरता को देखते हुए खिलाड़ी विंग में अभ्यास करने भी कम ही आ रहे हैं। कोरोना का खौफ खिलाड़ियों के चेहरे पर देखा जा सकता है। आम दिनों में विभाग की ओर से चलाए जा रहे विंग में तीन हजार से अधिक खिलाड़ी विंग में अभ्यास करने पहुंचते थे। अब खिलाड़ियों की गिनती 900 के करीब है। खिलाड़ी फिलहाल कोरोना की गंभीरता को देखते हुए विभाग की ओर से जारी एसओपी के मुताबिक ट्रेनिंग कर रहे है। खिलाड़ी एक दूसरे के खेल सामग्री शेयर नहीं कर रहे है।

एथलेटिक्स की बात करें तो खेल सामग्री को खिलाड़ी बार-बार सैनिटाइज कर रहे है। खिलाड़ियों को हाथों में गलव्स पहने के लिए भी कह रहे हैं। कोचों को हिदायतें जारी की हुई है कि खिलाड़ियों को छोटे-छोटे ग्रुप बनाकर कोचिंग दी जाए। शारीरिक दूरी की पालना की जाए। एक दूसरे के साथ हाथ न मिलाया जाए। हाकी के कोच गुरप्रीत सिंह ने कहा है कि संसारपुर में हाकी विंग चल रहा है। खिलाड़ियों को कोरोना की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए कोचिंग दी जा रही है। हाकी खिलाड़ियों को एक दूसरे से हाकी स्टिक, हेल्मेट शेयर न करने के आदेश हैं।

इन जगहों में चल रहे है खेल विंग

स्पोर्ट्स कालेज में जिमनास्टिक विंग, एथलेटिक्स, वालीबाल, बाक्सिंग, बलर्टन पार्क में हाकी, डीएवी कालेज में हैंडबाल, हंसराज स्टेडियम में बैडमिंटन, रेसलिंग टेबल टेनिस, बास्केटबाल के विंग है। 

एसओपी के मुताबिक दी जा रही है ट्रेनिंग

जिला खेल अधिकारी जसमीत कौर ने कहा कि खेल विंग शुरु हो चुके हैं। विंग में खिलाड़ियों को कोचिंग विभाग की ओर से जारी एसओपी के मुताबिक दी जा रही है। कोचों को हिदायतें जारी कर रखी है कि खिलाड़ियों को ट्रेनिंग छोटे-छोटे ग्रुप बनाकर दी जाए। खिलाड़ियों में शारीरिक दूरी रखी जाए।

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