श्री देवी तालाब मंदिर में सुंदरकांड पाठ के 15 साल पूरे
सनातन धर्म प्रचार मंडल रजिस्टर्ड की ओर से श्री सुंदरकांड पाठ का भव्य आयोजन हर मंगलवार को श्री देवी तालाब मंदिर के शाही दरबार में किया जाता है।
जागरण संवाददाता, जालंधर : सनातन धर्म प्रचार मंडल रजिस्टर्ड की ओर से श्री सुंदरकांड पाठ का भव्य आयोजन हर मंगलवार को श्री देवी तालाब मंदिर के शाही दरबार में किया जाता है। यह पाठ पांच दिसंबर 2005 को आरंभ किया गया था। मंगलवार को 15 वर्ष की संपूर्णता श्री देवी तालाब मंदिर प्रबंधक कमेटी के महासचिव राजेश विज की अगुवाई में पंडित महेश कांत शर्मा ने की। पहले दिन संकीर्तन किया गया।
पंडित महेश कांत शर्मा ने बताया कि प्रभु श्री राम सागर के तट पर तीन दिन तक तपस्या करते हैं पर सागर उन्हें रास्ता नहीं देता। श्रीराम अग्निबाण का संघान करते हैं, जब जलचर अग्नि से अकुलाने लगते हैं तो सागर मणियों से भरा थाल लेकर प्रभु श्री राम के सामने प्रस्तुत होते हैं और कहते हैं कि आप चाहें तो मुझे सुखा सकते हैं लेकिन फिर कोई भी आपको मर्यादा पुरुषोत्तम नहीं कहेगा। आपकी सेना में नल और नील नामक दो वानर हैं जिन्हें बचपन में एक ऋषि से श्राप मिला था कि उनके द्वारा फेंकी गई कोई भी वस्तु जल में नहीं डूबेगी और मैं साथ में समन्वय करके सेतुबंध करूंगा।
सकल सुमंगल दायक रघुनायक गुणगान
सादर सुनही ते तरही भव सिधु बिना जल जान
मंगलवार को पाठ संपूर्ण होने पर मंडल के प्रधान सुखदेव सैनी, सुरेंद्र अग्रवाल, गोपाल वर्मा, राकेश महाजन, रमेश मेहंदीरत्ता, अजय, श्रवण, दविदर, बिदरी, संयोगिता, लीना महाजन, तुषार, तानिया, अंश गुप्ता व अन्य भक्तों ने मिलकर श्री हनुमान जी व मां भगवती जी की आरती की व अंत में सब को प्रसाद वितरित किया गया।