10 वर्षो से हक के लिए संघर्ष कर रहे कंप्यूटर अध्यापक, संघर्ष तेज करने का एलान

राज्य के सरकारी स्कूलों में सेवाएं निभा रहे लगभग सात हजार कंप्यूटर अध्यापकों की सेवाओं को तत्कालीन पंजाब सरकार द्वारा एक जुलाई 2011 से पंजाब सिविल सर्विस रूल्स के अंतर्गत वोकेशनल मास्टर के ग्रेड के साथ रेगुलर किया गया था।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 15 Jun 2021 09:15 PM (IST) Updated:Tue, 15 Jun 2021 09:15 PM (IST)
10 वर्षो से हक के लिए संघर्ष कर रहे कंप्यूटर अध्यापक, संघर्ष तेज करने का एलान
10 वर्षो से हक के लिए संघर्ष कर रहे कंप्यूटर अध्यापक, संघर्ष तेज करने का एलान

संवाद सूत्र, शाहकोट : राज्य के सरकारी स्कूलों में सेवाएं निभा रहे लगभग सात हजार कंप्यूटर अध्यापकों की सेवाओं को तत्कालीन पंजाब सरकार द्वारा एक जुलाई 2011 से पंजाब सिविल सर्विस रूल्स के अंतर्गत वोकेशनल मास्टर के ग्रेड के साथ रेगुलर किया गया था। परंतु रेगुलर होने के 10 वर्ष बाद भी राज्य भर के कंप्यूटर अध्यापक अधिकारों से वंचित हैं और पिछले एक दशक से लगातार संघर्ष कर रहे हैं। यह शब्द मंगलवार को विभिन्न जिलों के कंप्यूटर अध्यापकों ने एक आनलाइन मीटिग में कहे।

इस अवसर पर कंप्यूटर अध्यापक नेता प्रदीप मलूका ने बताया कि वह न जाने कितनी बार मांगों/अधिकारों के लिए शिक्षा मंत्री के साथ साथ शिक्षा विभाग के उच्च आधिकारियों से बैठक कर चुके हैं परंतु स्थिति 'ढाक के तीन पात' वाली बनी हुई है। 20 जून को करेंगे सीएम आवास का घेराव

अध्यापक नेता परमवीर सिंह पम्मी ने कहा कि संघर्ष कंप्यूटर अध्यापकों संस्कृति है, और अब भी वह अपने अधिकार संघर्ष के द्वारा ही लेंगे। उन्होंने बताया कि 20 जून को वे एक रैली के रूप में पटियाला में मुख्यमंत्री आवास घेराव करते हुए मांगों के प्रति आवाज बुलंद करेंगे। उन्होंने बताया कि इस संघर्ष में दूसरे अध्यापक संगठनों ने भी उनका साथ देने का एलान किया है। सड़कों के साथ-साथ इंटरनेट मीडिया पर भी घेरेंगे सरकार

प्रभजोत सिंह बल्ल ने कहा कि पिछली सरकार की तरह ही वर्तमान पंजाब सरकार से भी पिछले साढ़े चार वर्षों से सिर्फ बहाने ही मिले हैं। परंतु अब वह बहानों में नहीं आएंगे। उन्होंने बताया कि वह सिर्फ सड़कों पर ही नहीं इंटरनेट मीडिया पर भी सरकार और शिक्षा विभाग के आधिकारियों को घेरते हुए उनके द्वारा की जा रही ना इंसाफी के खिलाफ आवाज बुलंद करेंगे।

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