ड्राइवर यूनियन-निगम प्रशासन में समझौता, मांगों पर सहमति बनीं, मानिटरिग जारी रहेगी

निगम की ड्राइवर एंड टेक्निकल यूनियन की अधिकांश मांगें निगम प्रशासन ने मान ली हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 06 Jun 2020 12:05 AM (IST) Updated:Sat, 06 Jun 2020 12:05 AM (IST)
ड्राइवर यूनियन-निगम प्रशासन में समझौता,  मांगों पर सहमति बनीं, मानिटरिग जारी रहेगी
ड्राइवर यूनियन-निगम प्रशासन में समझौता, मांगों पर सहमति बनीं, मानिटरिग जारी रहेगी

जागरण संवाददाता, जालंधर : नगर निगम की ड्राइवर एंड टेक्निकल यूनियन की अधिकांश मांगें निगम प्रशासन ने मान ली हैं। निगम प्रशासन कूड़ा उठाने वाली गाड़ियों की मॉनिटरिग के लिए यूनियन को मनाने में सफल रहा है। समझौते से यूनियन की 10 जून से हड़ताल का अल्टीमेटम टल जाने से राहत मिली है।

मेयर जगदीश राजा, कमिश्नर दीपर्वा लाकड़ा, हेल्थ एंड सैनिटेशन कमेटी की ड्राइव एंड टेक्निकल वर्कर यूनियन से मीटिग में यह भी तय किया है कि निगम प्रशासन यूनियन की मांगों को दो महीने में पूरा करेगा। जो मांगें पंजाब सरकार के स्तर की हैं उन्हें पूरा करने के लिए सरकार पर दबाव बनाया जाएगा। डेढ़ घंटा तक चली मीटिग में यूनियन ने अपनी ज्यादातर मांगें मनवा लीं। यह भी तय किया कि ड्राइवरों को रविवार को छुट्टी मिलेगी और शनिवार को काम करने पर साल में एक सैलरी ज्यादा मिलेगी। मेयर और कमिश्नर ने यह भी आश्वासन दिया है कि पिछले समय के दौरान शनिवार, रविवार और त्योहारों के दिन काम करने वाले मुलाजिमों को सरकार की पॉलिसी के हिसाब से बकाया दिलवाने के लिए काम करेंगे। इन मांगों पर बनीं सहमति

- जो सफाई सेवक, सीवरमैन, बेलदार और ड्राइवर पिछले 15 से 20 साल से काम कर रहे हैं उन्हें ड्राइवर की पोस्ट पर पक्का करने के लिए निगम बजट में इंतजाम होगा।

- जो जेसीबी ड्राइवर एवं अन्य कर्मचारी पिछले 15 से 20 साल से कच्चे तौर पर काम कर रहे हैं उन्हें पंजाब सरकार की पॉलिसी के तहत पक्का किया जाएग।

- वर्कशॉप में वाशिग सेंटर ठीक करवाए जाएंगे।

- पीने वाले पानी के लिए दो बड़े कूलर लगाए जाएंगे।

- वर्कशॉप की बाउंड्री वॉल ऊंची की जाएगी

- वर्कशॉप की सारी गाड़ियों को समय-समय पर रिपेयर करवाया जाएगा।

- वरियाणा डंप पर ड्राइवरों के बैठने के लिए कमरा बनाया जाएगा और पीने वाले पानी का इंतजाम होगा

- वर्कशॉप से दूर अगर गाड़ी खराब या पंचर होती है तो रिकवरी वैन मुहैया करवाई जाएगी

- सभी ड्राइवरों का बीमा किया जाएगा।

- सारी गाड़ियों में जीपीएस सिस्टम लागू होगा, अगर किसी गाड़ी में जीपीएस सिस्टम खराब होता है उसे तब तक नहीं चलाया जाएगा जब तक जीपीएस नहीं हो जाता

- वर्कशॉप से काम के स्थान की दूरी के हिसाब से ही तेल जारी किया जाएगा। इसमें जरूरत के हिसाब से बदलाव होता रहेगा

- सभी गाड़ियों का रोजाना वजन होगा

- कंप्यूटराइज्ड वर्कशॉप मैनेजमेंट सिस्टम लागू होगा और सभी गाड़ियों की रिपेयर, तेल, काम की डिटेल रहेगी

- हेल्पर सिर्फ बड़ी गाड़ी पर दिया जाएगा जाया जाएगा। हेल्पर का काम कूड़े को जाली या तिरपाल से ढंकने का होगा

- वर्कशॉप की गाड़ी को ड्राइवर के अलावा कोई और मुलाजिम नहीं चलाएगा। इसमें कोई लापरवाही होती है तो उसने ड्राइवर जिम्मेदार होगा

- अगर किसी ड्राइवर को छुट्टी पर जाना है तो वह पहले वर्कशॉप में सेनेटरी इंस्पेक्टर को जानकारी देगा

- टायरमैन, पंक्चर मैन, वाशिग मैन केवल यही काम करेंगे और सुबह नौ बजे वर्कशाप में हाजिरी देंगे

- कूड़ा उठाने वाली गाड़ियों को डंप अलॉट किए जाएंगे और वह केवल उसी डंप से कूड़ा उठाएंगे। इसमें बदलाव भी होता रहेगा।

- जेसीबी ड्राइवरों को समय पर वेतन मिलेगा

- ड्राइवरों को साबुन, तेल दो वर्दियां, दी जाएंगी लेकिन ड्राइवरों को वर्दी पहननी होगी और जो वर्दी पहन की नहीं आएगा उसके काम नहीं करने दिया जाएगा। जेसीबी आपरेटरों की हड़ताल से दूसरे दिन भी कूड़ा लिफ्टिग प्रभावित

निगम वर्कशॉप में ठेके पर तैनात जेसीबी आपरेटरों को वेतन ना मिलने से दूसरे दिन भी कूड़ा लिफ्टिग प्रभावित रही। वीरवार को 173 टन कूड़ा डाला गया था जबकि शुक्रवार को करीब 165 टन कूड़ा ही उठाया जा सका। पिछले एक हफ्ते से कूड़ा लिफ्टिग प्रभावित है। जेसीबी ऑपरेटरों के ठेकेदार को एक चेक दे दिया है और एक चेक देने की तैयारी है। शहर में डंपों पर अभी करीब 1000 टन कूड़ा पड़ा है। शनिवार को भी जेसीबी ऑपरेटरों के काम पर लौटने की उम्मीद कम है। नगर निगम मुलाजिमों के पास जितनी मशीनरी है उससे निगम की गाड़ियों ने करीब 100 टन कूड़ा उठाया जबकि एक ठेकेदार ने करीब 65 टन कूड़ा उठाया है। शहर से इस समय रोजाना करीब 400 टन कूड़ा निकल रहा है।

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