जालंधर में बिना चीरा लगाए किया Cervical Spondylosis का जटिल आपरेशन, युवक को दिलाई दर्द से राहत

जालंधर के ऑर्थोनोवा अस्पताल में Cervical Spondylosis यानी गर्दन की हड़्डी में दर्द की वजह से अमृतपाल सिंह निवासी बठिंडा बेहद परेशान था। उसके साथ हाथ सुन्न हो गए थे और चलने फिरने में भी असमर्थ हो गया था।

By Vikas_KumarEdited By: Publish:Sun, 16 May 2021 03:02 PM (IST) Updated:Sun, 16 May 2021 03:06 PM (IST)
जालंधर में बिना चीरा लगाए किया Cervical Spondylosis का जटिल आपरेशन, युवक को दिलाई दर्द से राहत
अमृतपाल सिंह का गर्दन की रीड की हड्डी का विशेष ऑपरेशन एंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जरी की अत्याधुनिक तकनीक द्वारा किया गया।

जालंधर, जेएनएन। Cervical Spondylosis यानी गर्दन की हड़्डी में दर्द की वजह से अमृतपाल सिंह निवासी बठिंडा बेहद परेशान था। उसके साथ हाथ सुन्न हो गए थे और चलने फिरने में भी असमर्थ हो गया था। दर्द से निजात पाने के लिए  राज्य के विभिन्न अस्पतालों में जांच करवाई। देसी नुस्खे भी इस्तेमाल किए परंतु नतीजे ढाक के तीन पात मिले। झांड़ फूंक भी बेअसर रही।

ऑर्थोनोवा अस्पताल के एमडी डॉ. हरप्रीत सिंह ने बताया कि 29 साल के अमृतपाल सिंह का गर्दन की रीड की हड्डी का यह विशेष ऑपरेशन एंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जरी की अत्याधुनिक तकनीक द्वारा किया गया। इस तकनीक में कोई चीरा भी नहीं लगता और मरीज ऑपरेशन के 2 घंटे के बाद चलने फिरने  में फिर से समर्थ हो गया है। आधुनिक तकनीक बेहद कारगर है। रीड के हड्डी के रोगों से ग्रस्त मरीज इस तकनीक का भरपूर लाभ उठा रहे हैं।

इस तकनीक से दवाइयां कम खानी पड़ती है और अस्पताल में कम समय रहना पड़ता है। मरीज कुछ ही दिनों में रोजमर्रा कामकाज करने लगते है। इस अत्याधुनिक तकनीक से  रीड की हड्डी के 450 के करीब सफल ऑपरेशन कर किए जा चुके है। वहीं अमृतपाल सिंह डा. हर्परीत सिंह व टीम के सदस्यों का आभार व्यक्त किया।

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जालंधर : आर्य मोहल्ला के अश्वनी कुमार के हौसले के आगे कोरोना संक्रमण हार गया। उन्हें पहले टायफायड हुआ और फिर खांसी व जुकाम ने जकड़ लिया। निजी डाक्टर ने कोरोना टेस्ट भी करवाने की हिदायत दी। अप्रैल में टेस्ट करवाया तो पाजिटिव निकले। कोरोना पाजिटिव आने पर भी हिम्मत नहीं हारी। फिर कोरोना से जंग जीतने के लिए उपचार शुरू करवाया और खुद को अपनों से दूर रख लिया, ताकि परिवार के किसी अन्य सदस्य तक कोरोना संक्रमण न पहुंचे। अश्वनी कुमार बताते हैं कि सरकारी डिस्पेंसरी से रिपोर्ट तथा लक्षण बताकर दवाई मंगवाई। इसका निरंतर नियमित रूप से सेवन किया। दवा के कारण कुछ दिनों में ही बुखार व खांसी की समस्या खत्म हो गई। अब सिर्फ कोरोना को लेकर निर्धारित अवधि को पूरा करना शेष रह गया था। इसे पूरी सजगता के साथ पूरा किया और कोरोना भाग गया।

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