पूर्व पार्षद के खिलाफ सिविल अस्पताल स्टाफ ने किया प्रदर्शन
बीते दिनों पूर्व पार्षद मंजीत सिंह के भाई हरजीत सिंह का रेपिड टेस्ट पॉजिटिव आने के बाद पूर्व पार्षद ने अपने समर्थकों के साथ सिविल अस्पताल में आकर स्टाफ से अभद्र व्यवहार किया था।
करतारपुर, जेएनएन। सिविल अस्पताल करतारपुर के डॉक्टरों व स्टाफ ने पूर्व पार्षद मंजीत सिंह के खिलाफ वीरवार को प्रदर्शन किया। अस्पताल प्रशासन ने उक्त लोगों की तरफ से किए अभद्र व्यवहार, धमकियां देने व अस्पताल में गुंडागर्दी करने के संबंध में डीएसपी परमिंदर सिंह को मांगपत्र सौंप कार्रवाई करने की मांग की। सिविल अस्पताल के एसएमओ, डॉक्टरों व अन्य स्टाफ ने पूर्व पार्षद मंजीत सिंह की तरफ से लगाए गए आरोपों को निराधार बताते हुए बिना वजह अस्पताल का माहौल खराब करने के रोष स्वरूप प्रदर्शन किया। एसएमओ डॉ. कुलदीप सिंह ने बताया कि अस्पताल में सरकार की हिदायतों का पालन करते हुए काम किया जा रहा है। डीएसपी परमिंदर सिंह ने बताया कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी।
क्या है मामला
दो दिन पहले पूर्व पार्षद व अकाली नेता मंजीत सिंह के भाई हरजीत सिंह का रेपिड टेस्ट किया गया था, जो पॉजिटिव आया था, लेकिन उनका कहना था कि प्राइवेट अस्पताल में करवाए गए टेस्ट की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। इसी बात को लेकर पूर्व पार्षद मंजीत सिंह व उनके समर्थकों ने सिविल अस्पताल में आकर जहां स्टाफ से अभद्र व्यवहार किया था, वहीं एसएमओ, डॉक्टरों व स्टाफ पर लापरवाही के आरोप भी लगाए थे।
धीर ने भेजे वॉयस मैसेज, विधायकों को याद दिलाए वादे
खेल उद्योग संघ संघर्ष समिति के कन्वीनर रविंदर धीर ने जालंधर के चारों विधायकों को वॉयस मैसेज भेज कर पंजाब सरकार की कारगुजारी पर रोष प्रकट किया है। अपने मैसेज में रविंदर धीर ने विधायकों को याद दिलाया कि उनसे वादाखिलाफी की गई है। उनकी समस्याओं के समाधान के लिए कांग्रेस पार्टी ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में अनेकों वादे किए, परंतु एक भी पूरा नहीं हुआ।
अब आबकारी एवं कराधान विभाग ने नया नादिरशाही फरमान जारी कर दिया है कि कारोबारी 2012-2013 से लेकर 2016-2017 के सी-फार्म 17 अगस्त तक जमा कराएं अन्यथा देय टैक्स ब्याज सहित वसूला जाएगा। उन्होंने कहा कि इस महामारी के दौरान देश भर में कारोबारी गतिविधियां ठप पड़ी हैं। देश भर में बदतर हालात हैं। बाकी सी फॉर्म सामान्य हालात में इकट्ठा नहीं होते तो ऐसी महामारी में कहां से आएंगे। कारोबारी पहले ही सरकार से अपनी सुनवाई न होने के कारण नाराज हैं, ऐसे हालात में यह फैसला कारोबारियों को तो चोट पहुंचाएगा ही, किंतु सरकार को ऐसे फैसलों से आने वाले समय में गंभीर नुकसान उठाना पड़ेगा।