कोरोना की संभावित तीसरी लहर में नहीं आएगी आक्सीजन की किल्लत : डा. सीमा

राज्य का सबसे बड़ा सिविल अस्पताल है जहां मेडिकल कालेज के बराबर सेहत सुविधाएं दिए जाने का दावा किया जाता है लेकिन सुविधाओं को लेकर अस्पताल हमेशा विवादों में घिरा रहता है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 01:01 AM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 01:01 AM (IST)
कोरोना की संभावित तीसरी लहर में नहीं आएगी आक्सीजन की किल्लत : डा. सीमा
कोरोना की संभावित तीसरी लहर में नहीं आएगी आक्सीजन की किल्लत : डा. सीमा

जगदीश कुमार, जालंधर

शहर का शहीद बाबू लाभ सिंह सिविल अस्पताल अंग्रेजों के जमाने से स्वास्थ्य सेवाएं दे रहा है। पंजाब हेल्थ सिस्टम कारपोरेशन की सूची में आज यह राज्य का सबसे बड़ा सिविल अस्पताल है जहां मेडिकल कालेज के बराबर सेहत सुविधाएं दिए जाने का दावा किया जाता है लेकिन सुविधाओं को लेकर अस्पताल हमेशा विवादों में घिरा रहता है। अस्पताल प्रशासन सरकारी सुविधाओं को लेकर लोगों का विश्वास जीतने में काफी पिछड़ा हुआ है। अस्पताल में तेजी से विकास हो रहा है। आने वाले दिनों में अस्पताल में आक्सीजन की कमी नहीं होगी। कोरोना की संभावित तीसरी लहर से बच्चों को बचाने के लिए पुख्ता इंतजाम जोरों पर चल रहे है। सिविल अस्पताल की सेवाओं को लेकर दैनिक जागरण संवाददाता जगदीश कुमार ने सिविल अस्पताल की मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डा. सीमा से खास बातचीत। सवाल: डेंगू मरीजों को एसडीपी नहीं मिल रहे। निजी ब्लड बैंकों से महंगे खरीदने पड़ रहे है। ऐसे हालात क्यों?

जवाब: अस्पताल में दो एफेरेसिस यूनिट है। उनमें से एक खराब पड़ा है। दूसरे यूनिट की किटों की सप्लाई कंपनी स्तर से नहीं आ रही थी। खराब यूनिट ठीक करवाने के लिए साढ़े छह लाख खर्च आएगा जिसके लिए पंजाब हेल्थ सिस्टम कारपोरेशन ने हरी झंडी दे दी है। हालांकि मरीजों को प्लेटलेट्स के छोटे पैक दिए जा रहे थे। सवाल: डेंगू वार्ड में गंदगी का आलम है। स्टाफ सहयोग नहीं करता। क्या समाधान करेंगे?

जवाब: अस्पताल में नर्सिंग स्टाफ और सफाई कर्मियों की लंबे अर्से से कमी चल रही है। वार्ड में बने शौचायलों की मरम्मत का काम चलने की वजह से कुछ दिन मरीजों को परेशान होना पड़ा। स्टाफ की कमी को पूरा करने के लिए ट्रेनिंग के लिए आए विद्यार्थियों और नर्सिग छात्राओं को वरिष्ठ स्टाफ के सहयोगी के रूप में तैनात किया गया। सप्ताह में दो-तीन बार कीटनाशक दवा का छिड़काव करवाया जा रहा है। सवाल: कोरोना की संभावित तीसरी लहर बच्चों के लिए खतरनाक हो सकती है, इसके लिए क्या प्रबंध है?

जवाब: बिल्कुल पुख्ता प्रबंध किए जा रहे है। ट्रामा सेंटर की दूसरी मंजिल पर बच्चों को लिए 12 बेड का विशेष पीडियाट्रिक्स इंटेसिव केयर यूनिट (पीआईसीयू) बनाया जाएगा। इलेवल-2 के मरीजों के लिए बाल रोग वार्ड में ही 30 बेड का विशेष वार्ड बनाया जा रहा है। नवजात के लिए 16 बेड का न्योनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट (एनआईसीयू) पहले से ही काम कर रहा है। सवाल: आक्सीजन के दो प्लांट होने के बावजूद बाहर से आक्सीजन क्यों खरीदनी पड़ है?

जवाब: सिविल अस्पताल में एक हजार लीटर प्रति मिनट की क्षमता वाला आक्सीजन गैस प्लांट तैयार हो गया लेकिन कंपनी की ओर से हरी झंडी मिलने के बाद इसे शुरू किया जाएगा। सात सौ लीटर प्रति मिनट क्षमता वाला प्लांट चल रहा है। भविष्य में सिविल अस्पताल में आक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए 10 किलोलीटर की क्षमता वाला टैंक बनाया जा रहा है। वहां लिक्विड आक्सीजन से गैस अस्पताल को सप्लाई होगी। सवाल: मरीज कब तक स्टाफ की कमी के कारण परेशान होते रहेंगे?

जवाब: सेहत विभाग को स्टाफ की पूरी करने के लिए पत्र लिखा गया है। ट्रेनिंग के लिए विद्यार्थियों से कमी को पूरा किया जा रहा है। हाल ही में डीएनबी गायनी में डीएनबी की दो सीटें मिली है। पीडियाट्रिक्स में चार सीटें मिलने की संभावना है। मेडिकल, सर्जरी और एंस्थीसिया में डीएनबी के विद्यार्थी आने से डाक्टरों की कमी दूर होगी। सवाल: छतों से पानी लीकेज की वजह से उपकरण खराब हो चुके है। किसी लापरवाही है

जवाब: सही बात है। आने वाले कुछ समय में इसका पूर्ण रूप से सुधार होगा। पंजाब हेल्थ सिस्टम कारपोरेशन ने इसकी रिपेयर के लिए फंड दिया है। अगले कुछ दिनों तक आपरेशन थियेटर तैयार हो जाएंगे। सवाल: जच्चा-बच्चा वार्ड में सफाई की कमी है। चादरें नहीं मिलती। गद्दे फटे हुए है। समाधान कैसे किया जाएगा?

जवाब: जच्चा बच्चा वार्ड में सीवरेज की समस्या थी जिसे ठीक करवा दिया है। वार्ड में पर्याप्त मात्रा में चादरें दी गई है। इनमें डिजपोजेबल भी शामिल है। समय-समय पर जांच की जाएगी।

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