शहर में विकास भूल 'बचाने-गिराने' के फेर में उलझी काग्रेस
महानगर के विकास को लेकर अति महत्वपूर्ण मसलों को छोड़कर जालंधर काग्रेस अवैध निर्माण को लेकर ही गुत्थमगुत्था होती दिखाई दे रही है।
मनुपाल शर्मा, जालंधर: महानगर के विकास को लेकर अति महत्वपूर्ण मसलों को छोड़कर जालंधर काग्रेस अवैध निर्माण को लेकर ही गुत्थमगुत्था होती दिखाई दे रही है। एक तरफ जालंधर वेस्ट के विधायक सुशील कुमार ¨रकू जहा अवैध निर्माण करने वालों के खिलाफ निगम की कार्रवाई का लगातार विरोध कर रहे हैं, वहीं सोमवार को कांग्रेस के ही एक अन्य विधायक राजिंदर बेरी अवैध निर्माण के समर्थन में उतर आए।
शहर में अवैध निर्माण को लेकर कई दिन से राजनीति चरम पर है। काग्रेस सरकार के स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू नगर निगम के डिप्टी मेयर की रिपोर्ट पर विधायक परगट सिंह को साथ लेकर कब्जा गिराने की मुहिम पर निकलते हैं, तो काग्रेस के ही विधायक सुशील रिंकू कार्रवाई रुकवाने के लिए डिच पर चढ़ बैठते हैं। अवैध निर्माण को लेकर राजनीति इतनी कि तमाम अन्य मसलों को भूलकर मामला चंडीगढ़ दरबार तक जा पहुंचता है और वहा से सिद्धू के निर्देश पर रोक लगवाने को रस्साकशी शुरू हो जाती है। 4 माह होने को है और अब इंतजार अवैध को वैध बनाने के लिए घड़ी गई एक पॉलिसी के नोटिफिकेशन जारी होने का है। चार माह बीतने के बावजूद अवैध निर्माण का भूत जालंधर काग्रेस को छोड़ता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है।
जालंधर सेंट्रल विधानसभा हलके के विधायक राजिंदर बेरी स्काईलार्क होटल के पास अवैध निर्माण गिराने के लिए अपनी ही पार्टी के मेयर जगदीश राजा के साथ सोमवार को मोर्चे पर थे। चाहे विपक्ष के नेता निर्णाण गिराने के खिलाफ डटे थे, लेकिन कांग्रेस के किसी विधायक के लिए यह एक अच्छी शुरुआत मानी जा सकती है। हालांकि अब बाकी के अवैध निर्माण गिराने को लेकर बेरी कैसी भूमिका अदा करते हैं, इसका जवाब तो भविष्य ही दे पाएगा, लेकिन यह जरूर है की अवैध निर्माण पर सत्तासीन विधायकों की तरफ से हो रही राजनीति महानगर के विकास एवं अन्य महत्वपूर्ण मसलों पर मिट्टी जरूर डाल रही है।
संसदीय चुनाव सिर पर हैं और अभी तक लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाले जालंधर शहरी के विधायक इस मसले को निपटा नहीं सके हैं। पहले तो क्रेडिट अवैध निर्माण कराने को लेकर हो रही कार्रवाई रुकवाने का होता था, लेकिन सोमवार को राड्क्षजदर बेरी ने इसमें भी नई शुरुआत की है।