CBSE एवरेज फार्मूला से तैयार होने वाले रिजल्ट से स्टूडेंट्स नाखुश, मार्किंग को लेकर कही ये बात
सीबीएसई ने तय किया है कि 10 और 11वीं की कक्षाओं की परफार्मेंस पर 30-30 के हिसाब से वेटेज मिलेगी और 12वीं के क्लास टेस्ट मंथली टेस्ट व आनलाइन परीक्षाओं के आधार पर 40 फीसद वेटेज मिलेगी। मगर इस फार्मूले से विद्यार्थी कुछ ज्यादा खुश नहीं हैं।
जालंधर, [अंकित शर्मा]। कोरोना महामारी के चलते सीबीएसई की तरफ से परीक्षाएं रद कर दी गई हैं और विद्यार्थियों के भविष्य का फैसला अब 30:30:40 के फार्मूले पर निर्भर होगा। बोर्ड की तरफ से 31 जुलाई को नतीजे घोषित किए जाने हैं। इस फार्मूले के तहत 10 और 11वीं की कक्षाओं की परफार्मेंस पर 30-30 के हिसाब से वेटेज मिलेगी और 12वीं के क्लास टेस्ट, मंथली टेस्ट व आनलाइन परीक्षाओं के आधार पर 40 फीसद वेटेज मिलेगी। मगर इस फार्मूले से विद्यार्थी कुछ ज्यादा खुश नहीं हैं। उनका यही कहना है कि वे 11वीं में तो पढ़े ही नहीं, उसमें तो कुछ खास तैयारी भी नहीं की थी। रही बात 12वीं की उसमें कुछ खास हुआ ही नहीं। सिर्फ फोक्स था फाइनल की तैयारी। मगर अंत में आकर परीक्षाएं रद हो जाने से सारी समस्या खड़ी हो गई। अब नतीजे कैसे आएंगे वही देखना होगा।
एपीजे स्कूल के शिवम कहते हैं कि दसवीं कक्षा की परीक्षा की मार्किंग तो ठीक है मगर 11वीं की कक्षा में तो ज्यादा मेहनत नहीं की थी क्योंकि वह 11वीं के दौरान भी 12वीं कक्षा की तैयारी में जुटे रहते थे क्योंकि 12वीं की परीक्षा के नतीजे पर ही शुरू से फोकस रखा हुआ था। ऐसे में एवरेज बेस के हिसाब से मार्किंग करना ठीक नहीं है।
एमजीएन के सिद्धार्थ कहते हैं कि 10वीं 11वीं के नतीजे और 12वीं के हाउस अरेस्ट, मासिक परीक्षाएं और प्रैक्टिकल के आधार पर एवरेज नतीजा घोषित करना उन्हें उचित नहीं लगा। 12वीं की परीक्षा सबसे अहम रहती है और इसके नतीजे भी बेहद मायने रखते हैं। ऐसे में परिस्थितियां अब अनुकूल हो चुकी थी तो परीक्षाएं कराने पर फोकस होना चाहिए था। बोर्ड की तरफ से युद्ध स्थिति सामान्य होने पर लिखित परीक्षा देने की भी मंजूरी की गई है। मगर इसमें होना यह चाहिए था कि जो रिटर्न परीक्षाएं देना चाहते हैं वह परीक्षाएं दे और बाकियों का ऑनलाइन नतीजा निकाला जा सकता था।