असंतुष्ट बसपाई ही करवा रहे हैं विरोध! विधानसभा चुनाव में हो सकता है नुकसान
पंजाब में असंतुष्ट बसपाई एक बार फिर से पार्टी हाईकमान के खिलाफ विरोध का झंडा उठा रहे हैं। इस बार विरोध की वजह टिकट वितरण को बनाया जा रहा है और पूरी रणनीति बनाकर पार्टी हाईकमान के फैसले के खिलाफ बैठकों का आयोजन करवाया जा रहा है।
जालंधर, [मनुपाल शर्मा]। अरसे तक पार्टी हाईकमान पर समझौते के तहत चुनाव लड़ने का दबाव बनाते रहे असंतुष्ट बसपाई एक बार फिर से पार्टी हाईकमान के खिलाफ विरोध का झंडा उठा रहे हैं। इस बार विरोध की वजह टिकट वितरण को बनाया जा रहा है और पूरी रणनीति बनाकर पार्टी हाईकमान के फैसले के खिलाफ बैठकों का आयोजन करवाया जा रहा है। चुनावी समझौते का विरोध करवाया जा रहा है। साफ तौर पर हाईकमान को चेतावनी दी जा रही है कि अगर टिकट वितरण को बदला नहीं गया तो फिर समझौता करने वाले अकाली दल के उम्मीदवारों का विधानसभा चुनाव में सहयोग करने की बजाय पूरा विरोध किया जाएगा।
पार्टी के जानकारों का तर्क है कि इस समय नए और पुराने ही एक दूसरे को फ्लॉप साबित करने की कोशिश कर रहे हैं, जिस वजह से ऐसे हालात पैदा हुए हैं। आरोप तो यहां तक भी हैं कि कई लोग पार्टी के भीतर बैठकर विपक्षी पार्टियों के उम्मीदवारों से हाथ मिलाए हुए हैं। हालांकि बसपा में टिकट वितरण को लेकर एक राय तो जरूर है कि उन सीटों पर भी भाजपा के उम्मीदवार खड़े होने चाहिए थे, जहां पर पार्टी का मजबूत आधार है और कैडर भी है।
बावजूद इसके बसपा के नेताओं का तर्क है कि सार्वजनिक तौर पर विरोध करवाना पार्टी को कमजोर बनाने की कोशिश है। अगर टिकट वितरण को लेकर संतुष्टि नहीं है तो फिर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से बैठक करनी चाहिए और इसे बकायदा तौर पर पार्टी हाईकमान के समक्ष रखना चाहिए। इस बारे में बसपा पंजाब के अध्यक्ष जसवीर सिंह गढ़ी के साथ बार-बार कोशिश किए जाने के बावजूद भी संपर्क संभव नहीं हो सका है।