पंजाब में वैक्सीनेशन में ब्रेक , राज्य के 16 जिलों में वैक्सीन खत्म का स्टाक खत्म, नहीं आई नई खेप
Punjab Vaccination पंजाब में वैक्सीनेशन पर ब्रेक लगने का खतरा पैदा हो गया है। राज्य के 16 जिलों में वैक्सीन का स्टाक खत्म हाे गया है और वैक्सीन की खेप नहीं आई है। जिन जिलों में वैक्सीन है भी तो उसकी संख्या बेहद कम है।
जालंधर , जेएनएन। Punjab Vaccination: पंजाब में टीकाकरण अभियान रफ्तार नहीं पकड़ पा रहा। हफ्ते में मुश्किल से एक दिन ही वैक्सीनेशन का आंकड़ा एक लाख के ऊपर जा पा रहा है। यही कारण है कि पंजाब में अब तक एक करोड़ की आबादी भी कवर नहीं हो पाई है। सिर्फ 80 लाख लोगों को ही टीका लग पाया है। अब स्थिति यह है कि 16 जिलों में वैक्सीन का स्टाक खत्म हो गया है, जबकि अन्य सात जिलों में एक से दो दिन का ही स्टाक है। नई खेप न आने से संकट बढ़ गया है।
मुख्यमंत्री के गृह जिले पटियाला में भी आज के लिए, कई जिलों में वैक्सीनेशन कैंप रद
जिन जिलों में वैक्सीन खत्म हो गई है, उनमें लुधियाना, अमृतसर, संगरूर, मालेरकोटला, बठिंडा, मानसा, पठानकोट, गुरदासपुर, रूपनगर, फरीदकोट, मुक्तसर, फिरोजपुर, कपूरथला, फाजिल्का, फतेहगढ़ साहिब और मोगा शामिल हैं। कई जिलों में वीरवार को अभियान बीच में ही रोकना पड़ा। कपूरथला में तो दस टीकों के बाद ही लोगों को लौटा दिया गया। पठानकोट में भी 377 डोज ही लग सकीं।
राज्य में अभी एक करोड़ की आबादी भी नहीं हुई कवर
बठिंडा में दस जुलाई तक सप्लाई आने की उम्मीद है। फाजिल्का में 250 लोगों को टीका लगाने के बाद वैक्सीन खत्म हो गई, जबकि अबोहर में आठ स्थानों पर लगने वाले कैंप रद करने पड़े। लोगों को निराश होकर लौटना पड़ा। अमृतसर में भी वैक्सीन की सप्लाई न आने से लोग टीकाकरण केंद्रों पर भटकते रहे। मुक्तसर में 2600, रूपनगर में 1901, बठिंडा में 196 के टीकाकरण के बाद लोगों को वापस भेज दिया गया।
सात जिलों में एक से दो दिन का ही स्टाक
मुख्यमंत्री के गृह जिले में शुक्रवार के लिए सिर्फ 300 वैक्सीन की डोज बची हैं। यहां 915 को, जबकि नवांशहर में 497 को टीका लगाया गया। नवांशहर में 370 डोज ही बाकी हैं। बरनाला और मोहाली में सिर्फ 250-250 लोगों को की वैक्सीन लग पाई। यहां मुश्किल से तीन दिन का स्टाक बचा है।
तरनतारन में 900 लोगों का टीकाकारण हुआ। यहां भी सिर्फ दो हजार डोज उपलब्ध हैं। होशियारपुर में 2755 को टीका लगाया गया, यहां करीब 6200 डोज हैं। जालंधर के सात केंद्रों में 2490 डोज लगाई गई। यहां कोवैक्सीन की 3200 डोज बची हैं। हालांकि, कोविशील्ड खत्म हो गई है।