भाजपा का कांग्रेस पर हमला, कहा- पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति जारी न कर कैप्टन सरकार एससी छात्रों के भविष्य से कर रही खिलवाड़
भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष राजेश बागा ने कहा कि पंजाब सरकार ने अनुसूचित जाति (एससी) पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के 1549 करोड़ रुपये निजी शिक्षण संस्थानों को जारी नहीं किए हैं। कैप्टन सरकार ने पंजाब के लाखों एससी छात्रों का भविष्य अंधकार में धकेल दिया है।
चंडीगढ़, जेएनएन। पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप की राशि जारी न करने को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पंजाब की कांग्रेस सरकार को आड़े हाथ लिया है। भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष राजेश बागा ने कहा कि पंजाब सरकार ने अनुसूचित जाति (एससी) पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के 1549 करोड़ रुपये निजी शिक्षण संस्थानों को जारी नहीं किए हैं। अनुसूचित जाति की हितैषी होने का दम भरने वाली कैप्टन सरकार ने पंजाब के लाखों एससी छात्रों का भविष्य अंधकार में धकेल दिया है।
उन्होंने कहा कि यह चौंकाने वाली बात है कि कैप्टन सरकार ने पिछले तीन वित्तीय वर्षों से निजी शिक्षण संस्थानों को एससी पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति वितरित नहीं की है। इसकी करीब 1549 करोड़ की राशि सरकार के पास बकाया है। वहीं, नेशनल शेड्यूल्ड कास्टस अलायंस के अध्यक्ष परमजीत सिंह कैंथ ने कहा है कि पंजाब में कैप्टन सरकार के मंत्रियों के समूह ने दलित समुदाय के छात्रों की छात्रवृत्ति योजना के मुद्दों को निपटाने के लिए बनाई गई कमेटी ने गरीब परिवारों के साथ विश्वासघात किया हैं।
निजी शैक्षणिक संस्थानों ने लाखों दलित छात्रों के रोल नंबर जारी करने से इनकार कर दिया है। कैंथ ने कहा कि कैप्टन सरकार ने वर्ष 2017 से जनवरी 2021 में भुगतान करने का वादा किया था। वह इससे मुकर गए हैं। अब पंजाब के 1600 निजी शिक्षण संस्थानों ने अनुसूचित जाति के छात्रों को रोल नंबर जारी करने से इनकार कर दिया है। पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति की उपलब्धता करवाने के लिए मंत्रियों के समूह की घोषणा पर अब तक कोई सार्थक कदम नही उठाया गया है। अब गरीब छात्रों के लिए अपनी पढ़ाई जारी रखने का संकट पैदा हो गया है।
राजेश बाघा ने कहा कि राज्य सरकार पिछले तीन वर्षों के दौरान अनुसूचित जाति छात्रवृत्ति के लिए 2400 करोड़ रुपये के बजट प्रावधान में से एक रुपया भी जारी करने में विफल रही है। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधान सचिव समाज कल्याण द्वारा कैबिनेट मंत्री साधु सिंह धर्मसोत पर एससी छात्रवृति योजना के 64 करोड़ रुपये अपने अधिकरियों के साथ मिल कर गबन करने का आरोप लगाया था। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह इस भ्रष्ट मंत्री के विरुद्ध कारवाई ना करके उल्टा उसे क्लीनचिट दे दी। ऐसा ही कई अन्य मंत्रियों तथा विधायकों के मामलों में भी किया गया। उन्होंने कहा कि कैप्टन को अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों की पनपी इस स्थिति को देखते हुए तुरंत निजी शिक्षण संस्थानों का बकाया तत्काल जारी किया जाना चाहिए।