भाजपा नेता मनोरंजन कालिया बोले- देश में इमरजेंसी लागू करने वाली कांग्रेस में मां-बेटे के बीच घूमता है अध्यक्ष पद

जालंधर में भाजपा नेताओं ने कहा कि देश में कांग्रेस ने ही इमरजेंसी लागू की थी। आपातकाल खत्म हो गया लेकिन कांग्रेस में आज भी आपातकाल जैसी स्थिति है। कांग्रेस पार्टी में लोकतंत्र बहाल नहीं हो सका है।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Fri, 25 Jun 2021 03:46 PM (IST) Updated:Fri, 25 Jun 2021 03:46 PM (IST)
भाजपा नेता मनोरंजन कालिया बोले- देश में इमरजेंसी लागू करने वाली कांग्रेस में मां-बेटे के बीच घूमता है अध्यक्ष पद
जालंधर में वरिष्ठ भाजपा नेता मनोरंजन कालिया ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। जागरण

जागरण संवाददाता, जालंधर। पूर्व मंत्री वरिष्ठ भाजप नेता मनोरंजन कालिया और जिला भाजपा अध्यक्ष सुशील शर्मा ने देश में आपातकाल लागू करने के 46 साल पूरे होने पर कांग्रेस को घेरा है। भाजपा नेताओं ने कहा कि देश में कांग्रेस ने ही इमरजेंसी लागू की थी। आपातकाल खत्म हो गया लेकिन कांग्रेस में आज भी आपातकाल जैसी स्थिति है। पार्टी में लोकतंत्र बहाल नहीं हो सका है।

कालिया ने कहा कि 25 जून, 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पूरे भारत में आपातकाल लगा दिया गया था। उस समय भारत के लोकतंत्र का गला घोंट दिया गया था। संविधान में निहित मौलिक अधिकारों को निलंबित कर दिया गया था, प्रिंट मीडिया पर सेंसरशिप लगा दी गई थी और सभी नेताओं को सलाखों के पीछे डाल दिया गया था। यह सब तब इंदिरा गांधी ने प्रधानमंत्री की कुर्सी को बचाने के लिए किया था। 25 जून, 1975 भारतीय लोकतंत्र के लिए एक काला दिन था। इसे 46 साल बीत चुके हैं और सत्ता में आई कोई भी पार्टी इस गलती को दोहरा नहीं सकती है। बावजूद इसके कांग्रेस में अब भी ये प्रवृत्तियां प्रचलित हैं। कांग्रेस पार्टी के भीतर लोकतंत्र नहीं है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद किसी न किसी बहाने गांधी परिवार में मां-बेटा के बीच घुमाया जाता है। 

अनुकंपा नियम दरकिनार कर दी गई विधायकों के बेटों को नियुक्ति

पंजाब में कांग्रेस विधायकों के बीच बढ़ते असंतोष को रोकने के लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने विधायक फतेह जंग बाजवा के बेटे को पंजाब पुलिस में इंस्पेक्टर और विधायक राकेश पांडे के बेटे को नायब तहसीलदार की नियुक्ति अनुकंपा के आधार पर दी है। ऐसा करते समय नियमों को दरकिनार किया गया क्योंकि ये नियुक्तियां अनुकंपा नियुक्तियों के नियमों के अंतर्गत नहीं आती थी । इसके लिए कांग्रेस में हंगामा भी हुआ था। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 2017 में सत्ता में आते ही 22 साल पूर्व हुई पूर्व मुख्यमंत्री स. बेअंत सिंह की शहादत के लिए उनके पोते को डीएसपी के पद पर अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति दी थी। उक्त नियुक्ति पर माननीय पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने रोक लगा दी थी।

इससे सिद्ध होता है कि कांग्रेस के लिए जनहित से अधिक महत्वपूर्ण कुर्सी है। कुर्सी बचाने के लिए कांग्रेस अब भी किसी भी हद तक जा सकती है। भाजपा देश के लोगों को सतर्क करने के लिए 25 जून को 'ब्लैक डे' के रूप में मना रही है क्योंकि जो लोग इतिहास को भूल जाते हैं वह इतिहास दुहराते हैं। इस मौके पर प्रदेश उपाध्यक्ष राकेश राठौर, पूर्व विधायक कृष्णदेव भंडारी, प्रदेश सचिव अनिल सच्चर, पूर्व मेयर सुनील ज्योति, पूर्व जिलाध्यक्ष रमन पब्बी, जिला महामंत्री भगवंत प्रभाकर, राजीव ढींगरा मीडिया इंचार्ज, अमित भाटिया व  करण सद्दी उपस्थित थे। 

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