पंजाब में जहरीली शराब का बड़ा खेल, किंग पिन तक पहुंच पाने में पुलिस हुई फेल

पंजाब के जहरीली और नकली शराब मामले में बड़ा खेल है और जांच में कुछ खास सामने नहीं आ रहा है। पंजाब पुलिस पूरे मामले में जहरीली शराब के मामले में किंग पिन तक पहुंचने में अब तक विफल रही है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Fri, 25 Sep 2020 12:30 PM (IST) Updated:Fri, 25 Sep 2020 12:30 PM (IST)
पंजाब में जहरीली शराब का बड़ा खेल, किंग पिन तक पहुंच पाने में पुलिस हुई फेल
जहरीली शराब मामले में पंजाब पुलिस की जांच में अब तक असली खिलाडी बचे हुए हैं। (फाइल फोटो)

जालंधर, [मनोज त्रिपाठी]। पंजाब के नकली और जहरीली शराबके मामले में बड़े 'खेल' का अंदेशा है। मई, जून, जुलाई, अगस्त और अब सितंबर तक पंजाब में जहरीली व अवैध शराब के मामले में दर्जनों गिरफ्तारियों के बाद भी पुुलिस किंगपिन तक पहुंच पाने में फेल रही है। तरनतारन, अमृतसर, मोहाली, पटियाला, लुधियाना व  खन्ना में दर्ज की गई 11 एफआइआर में पुुलिस ने 64 लोगों को आरोपित बनाया है। इसके बाद भी इनकी गिरफ्तारियों को लेकर पंजाब पुलिस कितनी गंभीर है इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कई आरोपितों  के पते भी पुलिस ढूंढ नहीं पाई है।

छह जिलों की पुलिस चार महीने में भी नहीं नहीं ढूंढ पाई किंगपिन को

पंजाब में मई व जून के दौरान जहरीली शराब पीने से 125 लोगों की मौत हो गई थी। इनमें तरनतारन के 100 व  25 लोग अन्य जिलों के शामिल हैं। कई दिनों तक जहरीली शराब पीने से होने वाली मौतों का सिलसिला जारी रहा तो विपक्ष सहित कांग्रेसी नेता प्रताप सिंह बाजवा व शमशेर सिंह दूलो ने भी सरकार को कटघरे में खड़ा किया था।

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने  मामले को गंभीरता से लिया और पुलिस को सख्त हिदायतें दी। उसके बाद जागी पुलिस ने ताबड़तोड़ कारवाई कर अवैध रूप से शराब बनाने वाली फैक्ट्री पकड़ने के साथ-साथ कई डिस्टरियां भी निशाने पर आई, लेकिन पुलिस की कारवाई केवल शराब के कारोबार में जुटे सफेदपोशों के करिंदों तक ही सीमित रही।

11 एफआइआर में 64 लोगों को आरोपित बनाया है पुलिस ने

पुलिस के ढुलमुल रवैये के चलते प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के डिप्टी डायरेक्टर निरंजन सिंह ने खुलकर फेसबुक पर अपने विचार व्यक्त किए थे कि अगर पंजाब में इस गोरखधंधे पर शिकंजा नहीं सका गया तो शराब पीकर लोग मर भी सकते हैं। उनके सोशल मीडिया पर इस पोस्ट के डालने के कुछ दिन बाद ही अचानक से मौतों का सिलसिला  शुरू हो गया। फिर ईडी ने इस मामले में पुलिस से दस्तावेज मांगे, लेकिन पुलिस ने दस्तावेज उपलब्ध नहीं करवाए।

ईडी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वतः संज्ञान लेकर पहली बार शराब के मामले की जांच करने का फैसला किया और केस दर्ज कर लिए। अभी ईडी जांच शुरू नहीं कर पाई थी कि उससे पहले ही केस ईडी की दिल्ली टीम को ट्रांसफर कर दिया गया। अब इसकी जांच ईडी की दिल्ली टीम करेगी।

पुलिस ने सिर्फ करिंदों को किया गिरफ्तार, आका हैं फरार, एक भी बड़े चेहर को बेनकाब नहीं कर पाई

पूरे मामले में अभी तक पुलिस की कारवाई पर नजर डालें तो तस्वीर स्पष्ट हो जाती है कि किस प्रकार जब मुख्यमंत्री के आदेशों के बाद अवैध रूप से पंजाब में जहरीली शराब के कारोबारियों की धड़पकड़ की गई तो कई स्थानों पर पुलिस की चौकीदारी में गोरखधंधे को अंजाम दिया जा रहा था।

जिन आरोपितों की गिरफ्तारी पुलिस ने कर ली उनसे या तो आगे की कड़ी की जानकारी नहीं जुटाई गई या फिर सारी जानकारी जुटाकर किंग पिन व उनके साथ इस कारोबार में लगे दर्जनों सफेदपोशों को पुलिस ने सांठगांठ करके मामले से बचाने की कवायद में  जांच की स्पीड कम कर दी है। मुख्यमंत्री के आदेश व १२५ लोगों की मौत के बाद भी पूरे मामले की जांच में पुलिस की अभी तक की कार्यप्रणाली ने खाकी को कटघरे में खड़ा कर कर रही है।

सबसे ज्यादा आरोपित सीएम सिटी पटियाला के

पुलिस ने अवैध व जहरीली शराब के कारोबार में जिन 64 लोगों को आरोपित बनाया था उनमें सबसे ज्यादा 22   लोग सीएम सिटी पटियाला के हैं। पकड़ी गई अवैध शराब की फैक्ट्री भी पटियाला की है। दूसरे नंबर पर दूसरे नंबर लुधियाना के 11 आरोपित हैं। उत्तर प्रदेश के छह, दिल्ली के दो आरोपित हैं। बाकी आरोपितों में हरियाणा, राजस्थान,हिमाचल प्रदेश के आरोपित शामिल हैं।

ढाबे व कोल्ड स्टोर संचालकों से भी कुछ खास नहीं उगला पाई पुलिस

पुलिस की अभी तक की कारवाई में सबसे बड़े नामों में राजपुरा निवासी हरदीप सिंह उर्फ बच्ची व पटियाला के शंभू निवासी विजय सिंह, पटियाला निवासी दर्शन सिंह,बनूड़ पटियाला निवासी व ढिलमिल ढाबे के संचालक परमजीत सिंह तथा पटियाला के डेदहना घग्घा निवासी अमरीक सिंह, मोहाली फेस 5 निवासी जसवंत सिंह, मोहाली निवासी दामोदर दास के नाम प्रमुख हैं।

जसवंत सिंह व दामोदर दास लालड़ू स्थित ब्लू स्काई बाटलिंग प्लांट के डायरेक्टर हैं। दर्शन सिंह एक्स्ट्रा नेचुरल एल्कोहल (ईएनए)को स्टोर करता था। इन्हें ईएनए की सप्लाई कहां से होती थी पुलिस अभी तक पुख्ता तौर पर यह भी जानकारी नहीं उगला पाई है। ईएनए की सप्लाई केवल मंजुरशुदा डिस्टरियों को ही होती है। अगर इसी कड़ी को पुलिस पकड़ ले तो अवैध व जहरीली शराब के गोरखधंधे में लिप्त किंग पिन तक पहुंचा जा सकता था।

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