एमएसएमई सेक्टर को भी मिलना चाहिए पीएलआइ का लाभ: उद्योगपति
फेडरेशन आफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशन के रीजनल चेयरमैन अश्विनी विक्टर ने जीएसटी दरों में कटौती कर उसे पांच फीसद करने कच्चे माल पर ड्यूटी कम करने जालंधर के लिए रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर देने एवं कोरोना काल तथा किसान आंदोलन के चलते आर्थिक मंदी झेल रही जालंधर की इंडस्ट्री के लिए पैकेज देने की मांग भी की।
जागरण संवाददाता, जालंधर: प्रोडक्शन लिक इंसेंटिव (पीएलआइ) स्कीम का लाभ माइक्रो, स्माल एवं मीडियम एंटरप्राइज (एमएसएमई) सेक्टर को भी मिलना चाहिए। एमएसएमई सेक्टर को पीएलआइ का लाभ देने के लिए रखी गई कैपिटल इन्वेस्टमेंट की लिमिट को भी कम करना चाहिए। उक्त बातें शहर के उद्योगपतियों ने शुक्रवार शाम केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री सोमप्रकाश के साथ स्थानीय सर्किट हाउस में मुलाकात के दौरान कही। इस दौरान उन्होंने उद्योग के उत्थान के लिए सहूलियत एवं समस्याओं को लेकर विचार विमर्श किया एवं अपने तर्क भी दिए।
फेडरेशन आफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशन के रीजनल चेयरमैन अश्विनी विक्टर ने जीएसटी दरों में कटौती कर उसे पांच फीसद करने, कच्चे माल पर ड्यूटी कम करने, जालंधर के लिए रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर देने एवं कोरोना काल तथा किसान आंदोलन के चलते आर्थिक मंदी झेल रही जालंधर की इंडस्ट्री के लिए पैकेज देने की मांग भी की।
स्पोर्ट्स गुड्स मैन्युफैक्चरर्स एंड एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के महासचिव एवं सावी इंटरनेशनल के डायरेक्टर मुकुल वर्मा ने स्पोर्ट्स इंडस्ट्री को मेक इन इंडिया कैंपेन का हिस्सा बनाने की मांग की। उन्होंने क्वालिटी स्पोर्ट्स प्रोडक्ट बनाने के लिए विदेशों से मंगाए जाने वाले कच्चे माल पर लगाई जाने वाली 25 फीसद ड्यूटी को कम करने को कहा। मुकुल ने कहा कि देश में भारतीय ब्रांड को ही बढ़ावा देना चाहिए। उन्होंने एमएसएमई सेक्टर के लिए इंटरेस्ट सब्वेंशन स्कीम को चालू वित्तीय वर्ष के अंत तक बढ़ाने की मांग की। वहीं रबड़ फुटवियर मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष नीरज अरोड़ा ने जीएसटी की दरों को पांच फीसद पर लाने की मांग की।
इस मौके पर ज्वाइंट एक्शन कमेटी के कन्वीनर गुरशरण सिंह, प्राण चड्ढा, मनीष अरोड़ा, संजय कोहली, राजन गुप्ता विनय गुप्ता, एसपीएस राजू विर्क, रबड़ फुटवियर मैन्युफैक्चरिग एसोसिएशन के अध्यक्ष नीरज अरोड़ा, आरके हरजाई सुरेंद्र महे, जीएम इंडस्ट्रीज जालंधर दीप सिंह गिल, लाली, पूर्व कैबिनेट मंत्री मनोरंजन कालिया, पूर्व सीपीएस केडी भंडारी, रमन पब्बी समेत अन्य उपस्थित थे। ग्लोबल मैन्युफैक्चरर समिट का आयोजन हो
मुकुल वर्मा ने कहा कि भारत सरकार के सहयोग के साथ मेक इन इंडिया कैंपेन के तहत वाइब्रेंट इंडिया स्पोर्ट्स गुड्स ग्लोबल मैन्युफैक्चरर समिट का आयोजन किया जाना चाहिए ताकि स्थानीय मैन्युफैक्चरर्स की योग्यताओं एवं उनकी मजबूती दुनिया को बताई जा सके। दुनिया के शीर्ष ब्रांडों को प्लांट स्थापित करने का दिया जाए निमंत्रण
केंद्रीय राज्य मंत्री सोम प्रकाश से मुकुल वर्मा ने यह मांग भी उठाई कि स्पोर्ट्स गुड्स की दुनिया के सर्वश्रेष्ठ और शीर्ष ब्रांडों को अपने प्लांट जेवी या एफडीआइ के माध्यम से देश में स्थापित करने के लिए आमंत्रित करना चाहिए। इससे रोजगार के बड़े अवसर पैदा करने में मदद मिलेगी। इन ब्रांडों से प्रौद्योगिकी हस्तांतरण भी होगा जो देसी निर्माताओं को निर्माण के नए और बेहतर तरीके सीखने में मदद देगा। हमें भारत में फीफा विश्व कप की गेंद बनाने का लक्ष्य रखना चाहिए। एफडीआइ के रूप में भारी निवेश प्राप्त करने के लिए भारत दुनिया में 9वें स्थान पर है, इसलिए खेल क्षेत्र पर भी कुछ ध्यान देना चाहिए। खेल क्षेत्र में कोई प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नहीं हुआ है और भारत सरकार को विदेशी ब्रांडों के साथ संयुक्त उद्यम करके सुविधा प्रदान करनी चाहिए, क्योंकि इससे बेहतर राजस्व प्राप्त करने में मदद मिलेगी और अधिक रोजगार पैदा किया जा सकता है।