बेरोजगार अध्यापक टंकी पर चढ़े, परगट के घर के बाहर प्रदर्शन, पुलिस से धक्का-मुक्की

बीएड टेट पास बेरोजगार शिक्षकों ने वीरवार सुबह नौ बजे बस अड्डे पर पानी की टंकी पर चढ़कर प्रदर्शन किया और बाद दोपहर शिक्षा मंत्री परगट सिंह की कोठी का घेराव किया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 07:30 PM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 07:30 PM (IST)
बेरोजगार अध्यापक टंकी पर चढ़े, परगट के घर के बाहर प्रदर्शन, पुलिस से धक्का-मुक्की
बेरोजगार अध्यापक टंकी पर चढ़े, परगट के घर के बाहर प्रदर्शन, पुलिस से धक्का-मुक्की

जासं, जालंधर : बीएड टेट पास बेरोजगार शिक्षकों ने वीरवार सुबह नौ बजे बस अड्डे पर पानी की टंकी पर चढ़कर प्रदर्शन किया और बाद दोपहर शिक्षा मंत्री परगट सिंह की कोठी का घेराव किया। इस दौरान पुलिस के साथ शिक्षकों की झड़प भी हुई। धक्का-मुक्की में एक महिला शिक्षक बेहोश हो गई, जबकि कई घायल हो गए। कुछेक शिक्षकों को पुलिस हिरासत में भी लिया गया। इस बीच शिक्षकों ने भी प्रदर्शन जारी रखा।

शिक्षकों का एक गुट बस अड्डा की पानी की टंकी पर चढ़कर विरोध कर रहा था और दूसरा शिक्षा मंत्री की कोठी के बाहर। उन्होंने कहा कि जब तक शिक्षा मंत्री 9000 शिक्षकों की भर्ती का विज्ञापन जारी नहीं करते तब तक प्रदर्शन जारी रहेगा। नए शिक्षा मंत्री से अब तक उनकी तीन बार मीटिगें हो चुकी हैं, मगर आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं मिला। फाजिल्का जिला इकाई के सदस्यों ने यह प्रदर्शन किया। इनमें मनीष फाजिल्का और जसवंत घुबाया दोनों यूनियन और मांगों का पोस्टर लेकर पानी की टंकी पर चढ़ गए थे। मनीष फाजिल्का वहीं हैं जो 21 अगस्त से संगरूर में पानी की टंकी में चढ़कर प्रदर्शन कर रहे थे और बीती रात को ही टंकी से उतरकर जालंधर आए थे। यहां आते ही वे फिर पानी की टंकी पर चढ़ गए। देर शाम तक वे टंकी पर ही चढ़े रहे। प्रदर्शन में गुरप्रीत कौर, अर्पणा, पूनम, देवी, रछपाल सिंह, गुरप्रीत सिंह, गुरदीप सिंह, मनदीप रत्तु, रंगा सिंह, जगदीश सिंह, काला सिंह, सुरिदर सिंह, बूटा सिंह, बलजीत सिंह शामिल हुए। हालात ये हो गए कि अंग्रेजी का शिक्षक गणित पढ़ा रहा है

यूनियन नेता अमन सेखा और हरजिदर कौर ने कहा कि सरकार विद्यार्थियों के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है। अंग्रेजी के शिक्षकों से एसएसटी और गणित विषय के अध्यापकों से हिदी पढ़वाई जा रही है। शिक्षक अपने-अपने विषय में तो माहिर हैं, मगर दूसरे विषयों प्रति नहीं। वे तो केवल बच्चों को ट्रांसलेट करके पढ़ा सकते हैं, पर समझा पूरी तरह से नहीं सकते।

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