तीसरे दिन सिमटा मेला, 5,59 लाख पहुंची चढ़ावे की गिनती

श्री सिद्ध बाबा सोढल मेला तीसरे दिन सिमट गया है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 10:09 PM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 10:09 PM (IST)
तीसरे दिन सिमटा मेला, 5,59 लाख पहुंची चढ़ावे की गिनती
तीसरे दिन सिमटा मेला, 5,59 लाख पहुंची चढ़ावे की गिनती

जागरण संवाददाता, जालंधर

श्री सिद्ध बाबा सोढल मेला तीसरे दिन सिमट गया है। बुधवार को सुबह के समय तो भारी संख्या में श्रद्धालु मंदिर में नतमस्तक होने पहुंचे, लेकिन दिन ढलने के बाद स्थिति सामान्य हो गई। रात तक रूटीन की तरह श्रद्धालु मंदिर में नतमस्तक होने पहुंचते रहे। बुधवार को चढ़ावे की गिनती शुरू कर दी गई है।

चड्ढा बिरादरी के प्रधान व पार्षद विपिन चड्ढा बब्बी के मुताबिक पहले दिन 5.59 लाख रुपये चढ़ावे की गिनती की गई है, जिसे संस्थान के बैंक में जमा करवा दिया गया है। उन्होंने कहा कि वीरवार को भी चढ़ावे की गिनती का दौर जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि संस्थान के आफिस में चढ़ावे की गिनती की जा रही है, जो पूरी तरह से सीसीटीवी कैमरे से लैस है। इसके साथ ही आफिस के बाहर सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं।

अनंत चौदस यानि 19 सितंबर को मनाए गए श्री सिद्ध बाबा सोढल मेले को लेकर पिछले दो दिनों तक श्रद्धालुओं की आमद निरंतर जारी रही थी। कारण, मेले वाले दिन अधिक भीड़ होने के चलते अधिकतर श्रद्धालु मेले से दो-तीन दिन पहले या फिर मेले के दो दिन बार मंदिर नतमस्तक होने पहुंचते हैं। यह दौर मंगलवार तक निरंतर जारी रहा। बुधवार को भी सुबह श्रद्धालुओं की कतारें मंदिर में लगी रही। इस दौरान श्रद्धालु परिवार सहित नतमस्तक होने पहुंचे। दोपहर को हुई तेज बारिश के बाद मंदिर में श्रद्धालुओं की आमद कम हो गई। बुधवार को श्री सिद्ध बाबा सोढल मंदिर में कई गणमान्य नतमस्तक हुए। इस दौरान पीएपी के आइजी डा. एसके कालिया परिवार सहित मंदिर में नतमस्तक होने पहुंचे। इसी तरह अपाहिज आश्रम के चेयरमैन तरसेम कपूर सहित कई गणमान्यों ने माथा टेका, जिन्हें चड्ढा बिरादरी के प्रधान विपिन चड्ढा बब्बी के साथ जतिदर जैन व गणेश चड्ढा ने सम्मानित किया। सभी रास्ते खोले, मंदिर तक जाएंगे वाहन

मेला सिमटने के बाद मंदिर को जाते सभी रास्ते खोल दिए गए हैं। मंदिर के प्रवेश द्वार के बाहर लगे बैरिकेड्स भी हटा दिए गए हैं, जिससे अब श्रद्धालु मंदिर के गेट तक वाहन लेकर जा सकते हैं। यही कारण है कि अधिक चलने में असमर्थ श्रद्धालु अब मंदिर के गेट तक वाहनों में पहुंचकर नतमस्तक हो रहे हैं।

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