ट्रक-कार मैन्युफैक्चरिग प्लांट बंद होने से आटो पा‌र्ट्स इंडस्ट्री प्रभावित

देश की प्रमुख कार एवं ट्रक मैन्युफैक्चरिग कंपनियों की तरफ से उत्पादन बंद या कम कर दिए जाने के चलते महानगर की आटो पा‌र्ट्स मैन्युफैक्चरिग इंडस्ट्री बुरी तरह से प्रभावित हुई है। कार एवं ट्रक मैन्युफैक्चरिग कंपनियों की तरफ से उत्पादन रोक दिए जाने के चलते जालंधर की इंडस्ट्री का माल सप्लाई नहीं हो पा रहा है। श्रमिकों को साफ जोड़े रखने के लिए इकाइयां धीमी गति से अपना उत्पादन जारी रखे हुए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 08 May 2021 06:54 PM (IST) Updated:Sat, 08 May 2021 06:54 PM (IST)
ट्रक-कार मैन्युफैक्चरिग प्लांट बंद होने से आटो पा‌र्ट्स इंडस्ट्री प्रभावित
ट्रक-कार मैन्युफैक्चरिग प्लांट बंद होने से आटो पा‌र्ट्स इंडस्ट्री प्रभावित

जागरण संवाददाता, जालंधर : देश की प्रमुख कार एवं ट्रक मैन्युफैक्चरिग कंपनियों की तरफ से उत्पादन बंद या कम कर दिए जाने के चलते महानगर की आटो पा‌र्ट्स मैन्युफैक्चरिग इंडस्ट्री बुरी तरह से प्रभावित हुई है। कार एवं ट्रक मैन्युफैक्चरिग कंपनियों की तरफ से उत्पादन रोक दिए जाने के चलते जालंधर की इंडस्ट्री का माल सप्लाई नहीं हो पा रहा है। श्रमिकों को साफ जोड़े रखने के लिए इकाइयां धीमी गति से अपना उत्पादन जारी रखे हुए हैं।

दिल्ली एवं भूटान से आने वाले रा मैटेरियल की कीमतों में हुई बेतहाशा वृद्धि ने भी आटो पा‌र्ट्स मैन्युफैक्चरिग इंडस्ट्री के कामकाज को बुरी तरह से हिला डाला है। हालात यह है कि आटो पा‌र्ट्स मैन्युफैक्चरर्स को पिछली पेमेंट भी नहीं मिल पा रही है और नए आर्डर भी नहीं मिल रहे हैं। हालांकि उन्हें श्रमिकों की वेतन अदायगी समेत अन्य फिक्स खर्च करने पड़ रहे हैं। कोविड-19 से कंपनियों की मैन्युफैक्चरिग एवं मार्केटिग लाइन बुरी तरह से प्रभावित हुई है। इसके बाद अधिकांश कंपनियों में प्रोडक्शन रोक दी गई है। मिनी लाकडाउन से हो रही परेशानी

बीएसटी आटो ग्रुप के मैनेजिग डायरेक्टर लोकेश जैन ने कहा कि देश की बड़ी कार एवं ट्रक कंपनियों द्वारा प्रोडक्शन में कमी करने से इस समय इनको माल की सप्लाई नहीं जा रही है। दिल्ली से आने वाला स्क्रैप अथवा रॉ मैटेरियल भी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। रा मैटेरियल के रेट भी आसमान छू रहे हैं। भूटान से केमिकल सप्लाई भी बंद हो गई है। आमदनी न होने के बावजूद फिक्स खर्चे तो करने ही पड़ रहे हैं। श्रमिकों को वेतन देना पड़ रहा है। बिजली के बिल देने पड़ रहे हैं। देश में मिनी लाकडाउन जैसी व्यवस्था नहीं होनी चाहिए बल्कि 15-20 दिन के लिए संपूर्ण लाकडाउन लगा देना ही उम्दा विकल्प है। 33 फीसद के करीब ही उत्पादन

जालंधर आटो पा‌र्ट्स मैन्युफैक्चरिग एसोसिएशन के संरक्षक एवं जेएमपी इंडस्ट्रीज के संचालक बलराम कपूर ने कहा कि विभिन्न राज्यों की तरफ से पूर्ण या आंशिक लाकडाउन लागू कर दिया गया है। इस वजह से बाजार बंद पड़े हुए हैं और बिक्री लगभग खड़ी हो चुकी है। श्रमिकों को साथ जोड़े रखने के लिए मात्र 33 फीसद के करीब ही उत्पादन रखा गया है। मौजूदा परिस्थितियों में हालात यह हो गए हैं कि पुरानी पेमेंट मिल नहीं पा रही है और तैयार किए गए माल को भी बिक्री न होने के चलते स्टोर ही करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि हालांकि श्रमिकों को वेतन अदायगी जैसे फिक्सड खर्चे तो करने ही पड़ रहे हैं। मौजूदा परिस्थितियां इंडस्ट्री के लिए बेहद मुश्किल

एसएलसी आटो पा‌र्ट्स के अतिन चोपड़ा ने कहा कि कच्चा माल किसी भी उद्योग की रीढ़ होता है। बीते एक वर्ष में स्टील की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि हुई है। इसलिए उत्पादन चला पाना बहुत मुश्किल है। जब तक कीमतें वापस सामान्य नहीं हो जाती, तब तक केवल संपूर्ण शट डाउन ही एक विकल्प होगा। उन्होंने कहा कि केवल निर्यात से जुड़ी इकाइयां ही अच्छा कर पा रही थी लेकिन इसमें भी समस्या खड़ी हो गई है। पिछले छह महीनों से समुद्री माल भाड़ा लगभग दोगुना हो गया है। उन्होंने कहा कि मौजूदा परिस्थितियां इंडस्ट्री के लिए बेहद मुश्किल लेकर आई हैं।

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