अस्थमा रोगियों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो रहा क‌र्फ्यू

इससे अस्थमा के मरीजों ने राहत की सांस ली है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 04 May 2020 06:37 PM (IST) Updated:Tue, 05 May 2020 06:14 AM (IST)
अस्थमा रोगियों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो रहा क‌र्फ्यू
अस्थमा रोगियों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो रहा क‌र्फ्यू

जगदीश कुमार, जालंधर

राज्य में पिछले डेढ़ माह से जारी क‌र्फ्यू के चलते ट्रैफिक व इंडस्ट्री बंद होने से हवा में प्रदूषण का स्तर काफी कम हो गया है। एयर क्वालिटी इंडेक्स इन दिनों 50 से 62 तक चल रहा है। इससे अस्थमा के मरीजों ने राहत की सांस ली है। पिछले साल के मुकाबले सरकारी व गैर सरकारी अस्पतालों में आने वाले अस्थमा के मरीजों में तीस फीसद की गिरावट आई है।

खेतों से गेंहू की कटाई के बावजूद हवा में प्रदूषित कणों की संख्या काफी कम होने तथा गाड़ियां तथा इंडस्ट्री बंद होने से निकलने वाला जहरीला धुआं थमने से अस्थमा के मरीज खुले में सांस ले रहे हैं। डॉक्टरों के अनुसार गेहूं व धान की कटाई के बाद अस्थमा के मरीजों की संख्या में 50 फीसद तक इजाफा हो जाता था। लेकिन इस बार स्वच्छ पर्यावरण के चलते मरीजों की संख्या में 30 फीसद तक गिरावट आई है। बच्चों में बढ़ने लगी अस्थमा की बीमारी : डॉ. वालिया

वेदांता अस्पताल के डायरेक्टर व चेस्ट स्पेशलिस्ट डॉ. अरुण वालिया बताते हैं कि बच्चों में अस्थमा के मामले तेजी से बढ़ रहे थे। हालांकि इस साल थोड़ी राहत मिली है। डॉ. वालिया ने बताया कि करीब 15 से 18 फीसद बच्चे अस्थमा की गिरफ्त में हैं। इनमें दो से 12 साल की उम्र के 22 फीसद बच्चे शहरी तथा नौ फीसद बच्चे गांवों के हैं। लड़कियों के मुकाबले लड़कों में बीमारी ज्यादा है। बच्चों को अपनी बीमारी के कारण स्कूल से काफी छुट्टियां करनी पड़ती हैं, इससे उनकी पढ़ाई का काफी नुकसान होता है। डर व दबाव के कारण बच्चों को होता है अस्थमा : डॉ. राजीव

जिला टीबी अधिकारी डॉ. राजीव शर्मा के अनुसार छोटे बच्चों में डर और दबाव का बढ़ता स्तर उन्हें अस्थमा की ओर धकेलता है। दबाव की वजह से हार्मोन गड़बड़ाने से उनके फेफड़े व श्वास तंत्र की नाड़ियां सिकुड़ जाती हैं जिससे उन्हें सांस लेने में दिक्कत आती है। एक सर्वें में पूरे देश में 21 फीसद बच्चों को खांसी की समस्या सामने आई है जबकि पंजाब में यह दर 21 फीसदी के करीब आंकी गई है। इसका कारण हवा में बढ़ रहा प्रदूषण है। इन दिनों क‌र्फ्यू लगा होने से स्कूल व कॉलेज, फैक्ट्रियां व वाहन बंद हैं और वातावरण साफ है। इस कारण बच्चों में अस्थमा के अटैक के मामलों में 20 से 25 फीसद कमी दर्ज की गई है। ये बरतें सावधानियां

-पालतू जानवर अपने लिविग रूम या बेडरूम में ना लाएं।

-घर के सभी हिस्से बार-बार वैक्यूम क्लीनर से साफ करें।

-बिस्तर से सभी सॉफ्ट खिलौने हटा दें। उन्हें हर दो सप्ताह में धोएं।

-बेड शीट्स, बेड कवर्स और तकिया के कवर्स को सप्ताह में एक बार गर्म पानी से धोएं।

-सोफे को एंटी-हाउस-डस्ट माइट केमिकल्स से साफ करें।

-तेज हवा के दौरान खिड़कियां बंद करके घर में ही रहें।

-जब हवा सर्द या खुशक हो तब बाहर व्यायाम करने ना जाएं।

-किशोरावस्था में धूम्रपान से दमे का खतरा अधिक रहता है। घरेलू उपचार भी आजमाएं

एक लीटर पानी में दो बड़ा चम्मच मेथी के दाने डालकर आधा घंटे तक उबालें, उसके बाद इसको छान लें। दो बड़े चम्मच अदरक का रस निकालकर मेथी के पानी में डालें। उसके बाद एक चम्मच शुद्ध शहद इस मिश्रण में डालकर अच्छी तरह से मिला लें। दमा के रोगी को यह मिश्रण प्रतिदिन सुबह पीना चाहिए।

डॉ. दिनेश जग्गी, जालंधर।

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