आज होगा एसजीपीसी के अध्यक्ष का ऐलान, लिफाफे से ही निकलेगा नाम; नए चेहरे को जिम्मेदारी संभव
SGPC Election शिरोमणि सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी केेअध्यक्ष का चुनाव आज होगा। माना जा रहा है कि एसजीपीसी अध्यक्ष का नाम बंद लिफाफे निकलेगा। इसका अधिकार शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल को सौंपा गया है। इस बार नए चेहरे को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।
अमृतसर, [पंकज शर्मा]। आज शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के नए अध्यक्ष का ऐलान होगा। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल का इसका अधिकार साैंपा गया है। माना जा रहा है कि इस बार इसकी जिम्मेदारी किसी नए चेहरे को दी जाएगीी। रविवार को देर शाम तेजा सिंह समुद्री हाल में आयोजित बैठक में शामिल हुए 92 एसजीपीसी सदस्यों ने सर्वसम्मति से अध्यक्ष व अन्य पदाधिकारियों को चुनने का अधिकार सुखबीर सिंह बादल को दे दिया। पिछले वर्षो की तरह इस बार भी एसजीपीसी के नए अध्यक्ष का नाम बंद लिफाफे से ही निकलेगा।
सुखबीर बादल को दिया गया अध्यक्ष चुनने का अधिकार
वहीं सूत्रों का कहना है कि अगले साल होने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव के कारण इस बार अकाली दल के लिए एसजीपीसी अध्यक्ष का चुनाव आसान नहीं है। भले ही एसजीपीसी हाउस में शिअद बहुमत में है लेकिन पार्टी को 2022 के विधानसभा चुनाव में अपने वोट बैंक को मुख्य रखकर ही नए अध्यक्ष का चुनाव करना पड़ेगा।
2022 विधानसभा चुनाव के मद्देनजर शिअद नए चेहरे को दे सकता है जिम्मेवारी
सूत्रों के अनुसार अध्यक्ष पद के लिए एडवोकेट एचएस धामी, संत बलबीर सिंह घुन्नस, गुरबख्श सिंह खालसा, बीबी जगीर कौर, एडवोकेट भगवंत सिंह सियालका और भाई मंजीत सिंह के नाम आगे चल रहे हैं। अध्यक्ष के अलावा अन्य पदाधिकारियों व 11 कार्यकारिणी सदस्यों का चुनाव भी आज होगा। नया अध्यक्ष ही वरिष्ठ उपाध्यक्ष, जूनियर उपाध्यक्ष, महासचिव और कार्यकारिणी कमेटी के सदस्यों का नाम पेश करेगा। अगर हाउस में कोई सदस्य किसी नाम पर एतराज जताता है तो उस पद के लिए मतदान करवाया जाएगा। परंतु यह संभावना कम ही है क्योंकि एसजीपीसी के वर्तमान हाउस में शिअद के पास भारी बहुमत है।
पिछड़ी श्रेणी, माझा और दमदमी टकसाल को कमान देने की मांग
सूत्रों के अनुसार एसजीपीसी अध्यक्ष पद के चुनाव के संबंध में इस बात को लेकर भी चर्चा हुई है कि कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में चुनौती देने के लिए एसजीपीसी अध्यक्ष की जिम्मेदारी पिछड़ी श्रेणी के सदस्य को दी जाए, लेनिक अधिकतर सदस्य इसके पक्ष में नहीं थे। वहीं यह बात भी उठी कि एसजीपीसी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और महासचिव के पदों पर ही माझा क्षेत्र को जिम्मेदारी मिलती आई है।
इस बार अध्यक्ष की जिम्मेदारी इस क्षेत्र को दी जाए। इससे अकाली दल को माझा में वोट बैंक मजबूत करने में मदद मिलेगी। एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि दमदमी टकसाल भी यह दबाव बना रही है कि एसजीपीसी अध्यक्ष उनके खेमे के किसी सदस्य को बनाया जाए। क्योंकि दमदमी टकसाल का माझा सहित राज्य के अन्य हिस्सों में बड़ा वोट बैंक है।
बीबी जगीर कौर को विधानसभा चुनाव में पार्टी देगी बड़ी जिम्मेदारी
बैठक के बाद सुखबीर बादल ने कहा कि एसजीपीसी का अकाली दल के लिए हमेशा विशेष योगदान रहा है। एसजीपीसी के सदस्य सिख धर्म के प्रचार व प्रसार की विशेष जिम्मेदारी निभाते हैं। एसजीपीसी का अध्यक्ष सभी सदस्यों की राय के अनुसार ही होगा। उन्होंने यह भी कहा कि एसजीपीसी की वर्तमान अध्यक्ष बीबी जगीर कौर को विधानसभा चुनाव में बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।
वहीं सूत्रों के अनुसार अकाली दल बीबी जगीर कौर को भुलत्थ से चुनाव मैदान में उतारने पर विचार कर रहा है। भले ही पिछले दिनों पार्टी की कोर कमेटी की बैठक में बीबी जगीर कौर ने अपने दामाद को भुलत्थ से चुनाव लड़ाने की पेशकश की थी। परंतु पार्टी बीबी जगीर कौर को ही विधानसभा चुनाव मैदान में उतारना चाहती है।
ऐसा है एसजीपीसी का हाउस
- कुल सदस्य : 191
- 170 सदस्य चुनाव के जरिए हिमाचल प्रदेश, पंजाब और हरियाणा से चुनकर आते हैं।
- 15 नामित सदस्य।
- पांचों तख्तों के सिंह साहिबान और श्री हरिमंदिर साहिब के मुख्य ग्रंथी भी नामित सदस्य होते हैं।