पंजाब में अपनी 'फौज' बनाने निकले पूर्व कैबिनेट मंत्री जोशी, फेसबुक पर लिंक डाल समर्थन में सदस्यता फार्म भरने की अपील
पूर्व कैबिनेट मंत्री अनिल जोशी ने अपनी टीम का हिस्सा बनने के लिए आनलाइन फार्म जारी करते हुए पंजाब में अपनी ताकत आंकने की कवायद शुरू कर दी है। फेसबुक व इंस्टाग्राम अकाउंट पर अनिल टीम का हिस्सा बनने के लिए आनलाइन फार्म भरने के लिए एक लिंक डाला है।
अमृतसर [विपिन कुमार राणा]। भारतीय जनता पार्टी से अलग होते ही पूर्व कैबिनेट मंत्री अनिल जोशी ने अपनी टीम बनाने की कवायद तेज कर दी है। जोशी कृषि सुधार कानूनों को लेकर खासे मुखर हुए थे, जिसके बाद भाजपा ने उन पर पार्टी अनुशासन भंग करने के आरोप लगाते हुए 16 जुलाई 2021 को छह सालों के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया था। अब जोशी ने अनिल जोशी टीम का हिस्सा बनने के लिए आनलाइन फार्म जारी करते हुए पंजाब में अपनी ताकत आंकने की कवायद शुरू कर दी है। 26 जुलाई को जोशी ने अपने फेसबुक व इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर करते हुए अनिल जोशी टीम का हिस्सा बनने के लिए आनलाइन फार्म भरने के लिए एक लिंक डाला है। इसके बाद रात आठ बजे तक उसे 635 लोगों ने लाइक किया, 159 ने कमेंट किए और 370 लोगों ने उसे शेयर किया है।
कमेंट में ज्यादातर लोगों ने उनके इस कदम की सराहना करते हुए अपना समर्थन देने की बात कही और उसे आगे भी शेयर किया। फार्म में सदस्य बनने वाले से उसका नाम, मोबाइल नंबर, पता, शहर का नाम के अलावा उसका विधानसभा पूछा गया है और आखिरी कालम में 'मैं अनिल जोशी के साथ हूं' का कालम रख, फार्म सबमिट करने की आप्शन रखी गई है। जोशी इसके जरिये पंजाब के उन तमाम वर्करों को लामबंद करना चाहते हैं, जो प्रदेश लीडरशिप के कृषि कानूनों पर लिए गए स्टैंड से सहमत नहीं है और दबी जुबान में पहले ही वह जोशी को अपना समर्थन दे चुके हैं।
भविष्य की चुनौतियों की तैयारी
जोशी द्वारा यह पहला मौका नहीं है, जब अपने लिए समर्थन मांगा गया है। इससे पूर्व जब जोशी ने कृषि कानूनों को लेकर हुंकार भरी थी, तब भी उन्होंने मैं जोशी के साथ हूं की इंटरनेट मीडिया पर डीपी लगाने की अपील की थी और बड़ी संख्या में शहर ही नहीं पंजाब के वर्करों ने उनके अभियान में साथ दिया था। जोशी इसके जरिये भविष्य ये सियासी चुनौतियों का पार पाना चाहते हैं, इसलिए वह अपनी ताकत आंक रहे हैं, ताकि उसी मुताबिक भविष्य की रणनीति तय की जा सके।
चार साल से थे खुड्डेलाइन
2017 का विधानसभा चुनाव हारने के बाद से ही भाजपा ने जोशी को पार्टी से अलग थलग कर दिया था। निकाय चुनाव में उन्हें पठानकोट का इंचार्ज लगाया गया, पर संगठन में न तो उन्हें उनके करीबियों को कोई बड़ी जिम्मेदारी दी गई। जब भी संगठन में कोई फेरबदल हुआ तो उनके करीबियों को चुन-चुन पर साइडलाइन किया गया। चार साल से उपेक्षा झेल रहे जोशी ने आखिर अलग चलो की नीति अपनानी ही ठीक समझी। हालांकि यह उनके लिए चुनौती से कम नहीं है, लेकिन इसके बावजूद वह लगातार अपनी सक्रियता बनाए हुए है।
अभी डेढ़ दिन पहले ही सदस्यता फार्म सबमिट किया गया है और लोगों का पंजाब भर से उन्हें काफी साथ मिल रहा है। मेरा लक्ष्य पंजाब और पंजाबियत की आवाज मुखर करना है और इसमें जो हमारे साथ चलेगा, उसका तहदिल से स्वागत है।
-अनिल जोशी, पूर्व कैबिनेट मंत्री।