ट्रैक्टरों पर सैकड़ों किसान दिल्ली रवाना, लंगर से हो रहा स्वागत

सैकड़ों किसान रविवार को दिल्ली के लिए रवाना हुए। इनके स्वागत के लिए गांव सलेमपुर के लोगों ने वेरका मिल्क प्लांट हाईवे के पास 20 दिसंबर से लंगर लगाया है जो दिनरात चल रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 24 Jan 2021 10:42 PM (IST) Updated:Sun, 24 Jan 2021 10:42 PM (IST)
ट्रैक्टरों पर सैकड़ों किसान दिल्ली रवाना, लंगर से हो रहा स्वागत
ट्रैक्टरों पर सैकड़ों किसान दिल्ली रवाना, लंगर से हो रहा स्वागत

जागरण संवाददाता, जालंधर : कृषि सुधार कानूनों के विरोध में किसानों का संघर्ष लगातार जारी है। 26 जनवरी को दिल्ली की सड़कों पर ट्रैक्टर परेड करने की घोषणा कर चुके किसान संगठनों को समर्थन देने के लिए जिले से भी भारी संख्या में ट्रैक्टर ट्रालियां पहुंच रही हैं। सैकड़ों किसान रविवार को दिल्ली के लिए रवाना हुए। इनके स्वागत के लिए गांव सलेमपुर के लोगों ने वेरका मिल्क प्लांट हाईवे के पास 20 दिसंबर से लंगर लगाया है, जो दिनरात चल रहा है। जैसे ही सड़क पर झंडा लगे हुए वाहन गुजरते हैं तो लंगर के सेवादार उन्हें रुकने को आमंत्रित करते हैं। यहां चाय से लेकर भोजन तक की व्यवस्था की गई है। पिछले 35 दिनों से लगातार चल रही लंगर की सेवा के साथ ही किसानों को डटे रहने के लिए प्रोत्साहित भी किया जा रहा है। अमृतसर, गुरदासपुर, तरनतारन, पठानकोट सहित आसपास के शहरों से भी किसान इसी रूट से गुजरते हैं। इस कारण यहां दिन-रात लंगर का इंतजाम किया गया है।

- तरनतारन से मोटरसाइकिल पर पहुंचेंगे दिल्ली

रविवार को वेरका हाईवे पर पहुंचे तरनतारन के किसान हरमीत सिंह और गुरमीत सिंह बताते हैं कि वह मोटरसाइकिल पर ही दिल्ली में होने वाली किसानों की परेड में शामिल होंगे। पंजाबी भाईचारे ने कभी भी अत्याचार बर्दाश्त नहीं किया। इतिहास इस बात का गवाह है कि हर गलत बात का पंजाबियों ने डटकर विरोध किया है। आखिरकार उसमें सफलता भी प्राप्त की है। इस बार भी वह सफलता हासिल करके रहेंगे।

- कारोबार से जरूरी है जीत

अमृतसर से दिल्ली जा रहे किसान जसपाल सिंह और गुरमीत सिंह बताते हैं कि इस समय उन्हें कृषि कारोबार से कहीं अधिक जरूरी जीत हासिल करना है। अन्नदाता ने सदैव देना ही सीखा है। अगर उनसे हक छीनने की कोशिश की जाएगी तो इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

किसानों की सेवा कर मिलता है सुकून

लंगर की सेवा कर रहे प्रितपाल सिंह बताते हैं कि हाड़ कंपाने वाली ठंड के बीच सड़कों पर रोष जता रहे अन्नदाता अपने से अधिक लोगों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। घर परिवार तथा कारोबार का त्याग कर हकों की लड़ाई लड़ रहे किसानों की सेवा करके मन को सुकून मिलता है।गुरु की कृपा से यह लंगर किसान आंदोलन तक जारी रहेगा।

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