अमृतसर में बैंक से 1.50 करोड़ की ठगी में कांग्रेस का पूर्व सरपंच गिरफ्तार, रजिस्ट्री अरेंज कर बदल लेते थे अपना नाम

पंजाब पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने कांग्रेस के पूर्व सरपंच जगदीप सिंह और उसके साथी गुरमीत सिंह को गिरफ्तार किया है। दोनों पर अमृतसर में बैंक आफ इंडिया से 1.50 करोड़ रुपये की ठगी के आरोप हैं।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Thu, 08 Apr 2021 11:58 AM (IST) Updated:Thu, 08 Apr 2021 11:58 AM (IST)
अमृतसर में बैंक से 1.50 करोड़ की ठगी में कांग्रेस का पूर्व सरपंच गिरफ्तार, रजिस्ट्री अरेंज कर बदल लेते थे अपना नाम
पुलिस की जांच में सामने आया है कि एक संपत्ति पर तीन-तीन लोन पास करवाए गए हैं।

अमृतसर, जेएनएन। बैंक आफ इंडिया से 1.50 करोड़ रुपये की ठगी के आरोप में पंजाब पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने कांग्रेस के पूर्व सरपंच जगदीप सिंह और उसके साथी गुरमीत सिंह को गिरफ्तार किया है। टीम ने बुधवार तड़के शहर के कई हिस्सों में छापामारी की। दर्जनभर आरोपित छापामारी की भनक लगते ही भूमिगत हो गए। एसीपी सुशील कुमार ने बताया कि पुलिस ने बुधवार की देर शाम लोहरका रोड निवासी जगदीप सिंह और फतेहगढ़ चूड़ियां रोड निवासी गुरमीत सिंह को कोर्ट में पेश किया। पुलिस ने पूछताछ के लिए दस दिन का रिमांड मांगा था।  लेकिन कोर्ट ने दोनों आरोपितों को दस अप्रैल तक रिमांड पर भेजा।

इस तरह करते थे ठगी

एसीपी सुशील कुमार ने बताया कि बैंकों से ठगी करने वाले उक्त गिरोह के सदस्य काफी शातिर हैं। वह पहले किसी प्रापर्टी की रजिस्ट्री अरेंज करते हैं। उसके बाद उस संपत्ति पर बैंकों से लाखों रुपये का कर्ज हासिल करते हैं। जांच में सामने आया है कि एक संपत्ति पर तीन-तीन लोन पास करवाए गए हैं। एसीपी ने बताया कि उक्त सारे नेटवर्क में बैंकर्स, वकील, आर्किटेक्चर, नेता, पुलिस मुलाजिम, नेताओंं के नाम भी सामने आए हैं।

तत्कालीन सीपी के रिटायर्ड रीडर की भी आरोपित से नजदीकियां

जांच में सामने आया है कि पकड़े गए पूर्व सरपंच जगदीप सिंह की नजदीकियां तत्कालीन पुलिस कमिश्नर आरके मित्तल के रिटायर्ड रीडर से सामने आई हैं। जगदीप को पुलिस के चंगुल से छुड़ाने के लिए रीडर ने एड़ी-चोटी का जोर लगा लिया, लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ। आरोपित को छुड़ाने के लिए कई नेताओं ने भी पुलिस अधिकारियों को फोन किए।

90 से ज्यादा फर्जी लोन की शिकायतें : महाजन

बैंक के वकील रवि महाजन ने बताया आरोपितों के खिलाफ फरवरी 2019 में चार एफआइआर दर्ज की गई थी। इसमें डेढ़ करोड़ से ज्यादा की ठगी सामने आई थी। दो एफआइआर कैंटोनमेंट थाने में दर्ज हैं और दो इओ ङ्क्षवग में। जांच की जाए तो और भी मामले  सामने आएंगे। वह 90 से ज्यादा शिकायतें पुलिस को कर चुके हैं।

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