पहले बच्चों का भविष्य संवारा, अब कोरोना मरीजों का सहारा बन रही जालंधर की एजूयूथ फाउंडेशन

जालंधर में एजूयूथ फाउंडेशन कोरोना के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए लोगों की मदद के लिए आगे आई है। केवल संक्रमण से पीड़ित मरीजों को ही नहीं बल्कि उन लोगों तक भी घर का खाना निश्शुल्क पहुंचाया जा रहा है जिनके घर में काम करने के लिए कोई नहीं है।

By Vinay KumarEdited By: Publish:Thu, 06 May 2021 10:09 AM (IST) Updated:Thu, 06 May 2021 10:09 AM (IST)
पहले बच्चों का भविष्य संवारा, अब कोरोना मरीजों का सहारा बन रही जालंधर की एजूयूथ फाउंडेशन
जालंधर में एजूयूथ फाउंडेशन कोरोना मरीजों की मदद के लिए आगे आई है।

जालंधर [प्रियंका सिंह]। जालंधर में एजूयूथ फाउंडेशन ने पहले बच्चों का भविष्य संवारा। बाद में कोरोना के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए संस्था लोगों की मदद के लिए आगे आई है। इनके द्वारा केवल संक्रमण से पीड़ित मरीजों को ही नहीं, बल्कि उन लोगों तक भी घर का खाना निश्शुल्क पहुंचाया जा रहा है, जिनके घर में काम करने के लिए कोई नहीं है। इतना ही नहीं ये उन माता-पिता के पास भी खाना पहुंचा रहे हैं, जिनके बच्चे विदेशों में हैं। एजूयूथ फाउंडेशन द्वारा पहले गरीब बच्चों तक पढ़ाई का सामान पहुंचाया जाता था। बाद में जब कोरोना के केस बढ़ने लगे तो पिछले हफ्ते से संस्था ने खाना पहुंचाने का कार्य शुरू किया है। इंटरनेट मीडिया पर इन्होंने अपने फोन नंबर (9779806677) दे रखे हैं, जिससे लोग इनके साथ संपर्क कर रहे हैं। शहर में तीन जगह इन्होंने अपना किचन खोला है, जहां से लोगों तक दोपहर और शाम का खाना पहुंचाया जा रहा है।

अर्बन एस्टेट में रहने वाले प्रोफेसर कमल सरताज सिंह ने पिछले साल कोविड-19 के दौरान ही इस संस्था की शुरुआत जरूरतमंद बच्चों तक पढ़ाई से संबंधित सामान (कापी, किताब, पेन व पेंसिल) पहुंचाने के मकसद से की थी। मौजूदा हालात को देखते हुए अब वह कोरोना के मरीजों और जरूरतमंद लोगों तक खाना बनवा कर भेज रहे हैं। अब फाउंडेशन के साथ शहर के 15 युवा भी जुड़ चुके हैं। इसमें कोई विद्यार्थी है तो कोई प्रोफेसर या फिर समाजसेवी। संस्था अब तक 100 से ज्यादा लोगों की मदद कर चुकी है। ये केवल घर पर ही नहीं, बल्कि अस्पतालों में भी खाना पहुंचाते हैं।

शहर को तीन भागों में बांट कर रहे काम

शहर को तीन भागों में बांट कर सबको अलग-अलग काम दिया गया है। अर्बन एस्टेट, गुरु तेग बहादुर नगर और फुटबाल चौक के पास किचन बनाया गया है। शहर के कुछ और लोग भी इनके साथ जुड़कर राशन की सेवा दे रहे हैं। कई घरों से लोग रोटी बनाकर इन तक पहुंचा देते हैं तो कोई दाल बनाकर।

कोरोना मरीजों की देखते हैं रिपोर्ट

कोरोना के मरीज खाने के लिए जब इनसे संपर्क करते हैं, तब यह उनकी कोविड पाजिटिव रिपोर्ट के साथ उनका नाम, पता और पारिवारिक सदस्यों की गिनती मंगवाते हैं। फिर उसी हिसाब से उनके पास खाना पहुंचाते हैं। इसमें दोपहर का खाना 12 बजे के बाद और शाम का खाना 4 बजे के बाद पहुंचाया जाता है। खाने में दाल, रोटी, विभिन्न तरह की सब्जी, चावल और सलाद दिया जाता है। यह सारा खाना डिस्पोजेबल बर्तन में ही लोगों तक पहुंचाया जाता है। गुरकीरत सिंह, अमनदीप सिंह, गैरी चीमा, गुरकीरत संधू, परम गिल, हिम्मत सिद्धू, विशाल, नवीन और हरप्रताप ग्राउंड लेवल पर लोगों को जाकर खाना पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं।

किशनपुरा में पूरा परिवार हुआ संक्रमित, दो टाइम का पहुंचा रहे खाना

आठ दिन पहले किशनपुरा में एक परिवार के सारे सदस्य कोरोना पाजिटिव आ गए। घर में कोई खाना बनाने वाला नहीं है। इसी दौरान परिवार को एजूयूथ फाउंडेशन के बारे में पता चला। संस्था से संपर्क कर इन्होंने बताया कि घर के आठों सदस्य कोरोना से संक्रमित हो गए हैं। इसके बाद से संस्था पूरे परिवार का दो टाइम खाना पहुंचा रही है।

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