जांलधर में एक साल बाद महिलाओं व बच्चों के लिए खुले मां महाकाली मंदिर के कपाट, दर्शनाें के लिए उमड़े श्रद्धालु

मंदिर कमेटी के सदस्य तथा पूर्व विधायक केडी भंडारी बताते हैं कि इतिहास के मुताबिक बाबा मोहनी ने इस जगह पर तपस्या की थी। इस दौरान ही यहां पर महिलाओं के प्रवेश पर रोक लगा दी गई थी। यह परंपरा आज भी बरकरार है।

By Vipin KumarEdited By: Publish:Sun, 25 Oct 2020 02:29 PM (IST) Updated:Sun, 25 Oct 2020 02:29 PM (IST)
जांलधर में एक साल बाद महिलाओं व बच्चों के लिए खुले मां महाकाली मंदिर के कपाट, दर्शनाें के लिए उमड़े श्रद्धालु
श्री देवी तलाब मंदिर में स्थित ट्रस्ट महाकाली मंदिर। (जेएनएन)

जालंधर, जेएनएन। विजयदशमी पर श्री देवी तलाब मंदिर में स्थित ट्रस्ट महाकाली मंदिर की चौथी मंजिल पर बने मां महाकाली का मंदिर महिलाओं तथा बच्चों के दर्शनार्थ खोला गया। वर्ष भर इस मंदिर में महिलाओं तथा बच्चों का प्रवेश निषेध रहता है। रविवार को दशहरे वाले दिन खोले गए मंदिर के कपाट तथा मां महाकाली के दर्शनाें के लिए जिलेभर से श्रद्धालु पहुंचे।

जानकारी देते हुए मंदिर कमेटी के सदस्य तथा पूर्व विधायक केडी भंडारी बताते हैं कि इतिहास के मुताबिक बाबा मोहनी ने इस जगह पर तपस्या की थी। इस दौरान ही यहां पर महिलाओं के प्रवेश पर रोक लगा दी गई थी। यह परंपरा आज भी बरकरार है। इसी तरह मंदिर के सेवादार अशोक सोबती बताते हैं कि ट्रस्ट महाकाली मंदिर का जिक्र कई धार्मिक ग्रंथाें में किया गया है।

बताया जाता है कि महाराजा रणजीत सिंह भी मां महाकाली के दर्शन करने के लिए यहां आए थे। मोहनी बाबा तपस्या ने तपस्या के दौरान मां के दर्शन प्राप्त किए थे। उन्हाेंने ही इस मंदिर का निर्माण करवाया था। इसके साथ ही यहां पर महिलाअाें के प्रवेश पर भी रोक लगा दी गई थी। लिहाजा दशहरे वाले दिन महिलाओं तथा बच्चों को भी जहां पर प्रवेश की इजाजत दी गई है। इस दौरान मंदिर कमेटी की तरफ से शारीरिक दूरी तथा चेहरे पर मास्क लगाना अनिवार्य किया गया। 

पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें 

हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

chat bot
आपका साथी