Attari Retreat Ceremony: भारत माता की जयघोष से गूंजा अटारी बार्डर, रिट्रीट देखने पहुंचे 10 हजार लोग
अटारी बार्डर पर रिट्रीट सेरेमनी देखने के लिए 300 लोगों को प्रवेश की बंदिश खत्म हो गई है। सोमवार को करीब दस हजार लोग रिट्रीट देखने पहुंचे। बीएसएफ ने मास्क के बिना किसी की एंट्री स्वीकार नहीं की।
जागरण संवाददाता, अमृतसर: अंतरराष्ट्रीय अटारी सीमा पर 17 महीने बाद लोगों का जोश और देशभक्ति का भाव प्रखर हुआ। सोमवार को अटारी सीमा की दर्शक दीर्घा लोगों से खचाखच भरी थी। शाम सवा पांच बजे रिट्रीट सेरेमनी शुरू हुई। बीएसएफ जवानों के पदचाप की धमक दर्शकों के कान तक पड़ी तो अटारी सीमा पर भारत माता की जय, वंदेमातरम के जयघोष भी गूंजे। जवानों की जोशीली परेड से लोगों का उत्साह और बढ़ा और पर्यटकों ने भी जवानों का हौसला बढ़ाया।
अब रिट्रीट सेरेमनी देखने के लिए 300 लोगों को प्रवेश की बंदिश खत्म हो गई है। सोमवार को करीब दस हजार लोग रिट्रीट देखने पहुंचे। बीएसएफ ने मास्क के बिना किसी की एंट्री स्वीकार नहीं की। वहीं दर्शक दीर्घा में शारीरिक दूरी का पालन करते हुए लोगों को बिठाया गया था। लोगों के अनुसार रिट्रीट सेरेमनी देखकर उन्हें काफी अच्छा लगा।
दरअसल, कोरोना संक्रमण के चलते 7 मार्च, 2020 से अटारी सीमा पर पर्यटकों की एंट्री बंद कर दी गई थी। इसके बाद पिछले माह 17 सितंबर को बीएसएफ ने सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक 300 लोगों को प्रवेश की अनुमति दी थी। तब से इतनी संख्या में ही पर्यटक शामिल हो रहे थे। इसके बाद देश विदेश से पर्यटक अटारी सीमा पर रिट्रीट सेरेमनी देखने की चाह लिए थे। यहां तक कि अटारी सीमा के पास ज्वाइंट चेक पोस्ट से कुछ दूर पहले तक लोग खड़े हो जाते थे, ताकि किसी तरह रिट्रीट सेरेमनी देख सकें। सोमवार को इंतजार की घड़ियां समाप्त हो गईं। सोमवार को करीब दस हजार लोग रिट्रीट देखने पहुंचे। बीएसएफ ने मास्क के बिना किसी की एंट्री स्वीकार नहीं की। वहीं दर्शक दीर्घा में शारीरिक दूरी का पालन करते हुए लोगों को बिठाया गया था। लोगों के अनुसार रिट्रीट सेरेमनी देखकर उन्हें काफी अच्छा लगा।
1959 से जारी है रिट्रीट सेरेमनी
अटारी सीमा पर रिट्रीट सेरेमनी का क्रम 1959 से जारी है। भारत-पाकिस्तान के सुरक्षा बल इसमें भाग लेते हैं। दोनों देशों के राष्ट्रीय ध्वज सम्मानपूर्वक उतारे जाते हैं। 25 मिनट की रिट्रीट होती है। बहरहाल, रिट्रीट सेरेमनी में लोगों को भाग लेने की मंजूरी मिलने के बाद लोगों के चेहरे खिल गए हैंं। अमृतसर के धार्मिक एवं ऐतिहासिक स्थलों के दर्शन करने आने वाले लोग रिट्रीट भी देखना चाहते हैंं।