कैप्टन के इस्तीफे के बाद आंगनबाड़ी वर्कर्स ने पटियाला घेरने का फैसला बदला, अब ब्लाक स्तर करेंगे प्रदर्शन
आंगनबाड़ी वर्कर्स यूनियन ने 24 सितंबर को पटियाला में रैली करनी थी जिसे बदल कर अब ब्लाक स्तर पर कर दिया गया है। प्रदर्शन की तैयारियों के संबंध में आंगनबाड़ी मुलाजिम यूनियन पंजाब सीटू ने सोमवार को देश भगत यादगार हाल में मीटिंग की।
जासं, जालंधर। कैप्टन अमरिंदर सिंह के सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद आंगनबाड़ी मुलाजिमों ने अपना प्रदर्शन ब्लाक स्तर पर ही करने का फैसला लिया है। यूनियन ने 24 सितंबर को पटियाला में होने वाली हड़ताल रैली करनी थी, जिसे बदल कर अब ब्लाक स्तर पर कर दिया गया है। प्रदर्शन की तैयारियों के संबंध में आंगनबाड़ी मुलाजिम यूनियन पंजाब सीटू ने सोमवार को देश भगत यादगार हाल में मीटिंग की। इसमें जालंधर के साथ-सात कपूरथला, तरनतारन, अमृतसर, गुरदासपुर, होशियारपुर, नवांशहर, मोगा, फिरोजपुर, पठानकोट, फरीदकोट आदि जिलों के वर्कर भी शामिल हुए और 24 सितंबर की हड़ताल को सफल बनाने चर्चा की। महासचिव सुभाष रानी ने कहा कि मुख्यमंत्री बदलने की वजह से प्रोग्राम में बदलाव किया गया है।
उन्होंने कहा कि मुलाजिम लगातार 17 मार्च से संगरूर में पक्का मोर्चा लगाकर शिक्षा मंत्री विजय इंद्र सिंगल के घर के आगे बैठ कर संघर्ष कर रहे हैं ताकि प्री प्राइमरी कक्षाएं आंगनबाड़ी में वापस लाई जा सकें और तीन से छह साल बच्चों का दाखिला आंगनबाड़ी केंद्रों में यकीनी बनाया जा सके। मगर सरकार उनकी मांगों को नजर अंदाज करती आ रही है। यही कारण है कि वर्करों के सबर का बांध अब टूट चुका है और अब वे अपने अधिकारों की रक्षा के लिए करो या मरो की नीति को अपनाने लगे हैं।
उनका कहना है कि प्री प्राइमरी कक्षाएं आंगनवाड़ी स्कूलों में ही चलाना 46 साल पुराना अधिकार है। इतने लंबे साल से सभी वर्कर बच्चों की निरंतर ग्रोथ मानीटिरिंग, पोषण, कुपोषण का ख्याल करते आए हैं। भत्ता केंद्र सरकार की तरफ से एक अक्टूबर 2018 से बढ़ाया गया था, तभी से 40 फीसद बढ़ोतरी के साथ बकाया जारी किया जाए। हरियाणा पैटर्न पर आंगनबाड़ी केंद्रों में बिल्डिंग, पीने का पानी, शौचालय, फर्नीचर आदि का प्रबंध करवाया जाए। टीए, डीए 20 रुपये से बढ़ाकर 100 रुपये किया जाए, मोबाइल भत्ता भी दिया जाए। इस मौके पर कृष्णा कुमार, अनूप कौर, नरिंदर कौर, निरलेप कौर, जसबीर कौर, गुरबख्श कौर, निर्मल कौर, जसवीर कौर, सरबजीत कौर, हरजिंदर कौर आदि थे।