जालंधर में आप का काडर निराशा में डूबा, मिलने तक की जहमत नहीं उठा रहे बड़े नेता

जालंधर में आम आदमी पार्टी का काडर निराशा में डूबा हुआ है। हालात इतने खराब हो गए हैं कि शहर के दौरे पर आए बड़े नेता पार्टी दफ्तर तक जाने की जहमत नहीं उठाते।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Mon, 19 Nov 2018 05:20 PM (IST) Updated:Tue, 20 Nov 2018 11:39 AM (IST)
जालंधर में आप का काडर निराशा में डूबा, मिलने तक की जहमत नहीं उठा रहे बड़े नेता
जालंधर में आप का काडर निराशा में डूबा, मिलने तक की जहमत नहीं उठा रहे बड़े नेता

मनुपाल शर्मा, जालंधर। आम आदमी पार्टी (आप) नेताओं का शहर के कुछेक लोगों तक ही खुद को सीमित रखना पार्टी कैडर को नागवार गुजरा रहा है। हालात इतने संजीदा हैं कि अहम पदों पर विराजमान नेता शहर में आकर भी काडर से मिलने की जहमत नहीं उठा रहे हैं। कुछ अरसा पहले पार्टी के विधानसभा में नेता हरपाल सिंह चीमा और फिर शनिवार को प्रोफेसर बलजिंदर कौर का कुछेक लोगों तक सीमित दौरा काडर में भारी रोष भर गया है।

प्रो. बलजिंदर कौर तो पार्टी कार्यालय तक नहीं गईं। मात्र मीडिया को ही संबोधित करने के दौरान वहां पहुंचने वाले पार्टी वॉलंटियर से मुलाकात की। रात को जिला प्रधान के बच्चों की शादी में शिरकत करने के बाद वापस लौट गई। बता दें कि बीते 2 वर्ष के दौरान आप ने पंजाब में लगभग प्रत्येक चुनाव बुरी तरह से हारा है। इस कारण काडर में भारी निराशा है। संसदीय चुनाव सिर पर है और इस लड़ाई के लिए कैडर को तैयार करना बेहद जरूरी है। बावजूद इसके आप पंजाब के नेता काडर की बजाए, मीडिया में बयान देने को ज्यादा अधिमान दे रहे हैं।

बीता विधानसभा चुनाव लड़ने वाले आप के 9 में से 7 उम्मीदवार तो पहले ही पार्टी से किनारा कर चुके हैं और कैडर नेतृत्व विहीन हो कर रह गया है। पार्टी टिकट पर बीता विधानसभा चुनाव लड़ने वाले और पार्टी से किनारा कर चुके एक नेता ने कहा कि ऐसे ही नेताओं की वजह से पंजाब में आप जमीन पर पहुंच चुकी है। आप के खुद को वरिष्ठ बताने वाले नेता मात्र अपनी सोच रहे हैं और अपनी लोकप्रियता बढ़ाने के लिए ही मीडिया तक पहुंच कर रहे हैं। पार्टी कैडर की ही वजह से चलती है और अगर कैडर को ही नजरअंदाज कर देंगे तो पार्टी का भविष्य अंधकार में होना तय है।

दूसरी तरफ प्रोफेसर बलजिंदर कौर के साथ मीडिया से मुखातिब होने वाले डॉक्टर संजीव शर्मा ने कहा कि प्रो. बलजिंदर कौर 1 भोग में भाग लेने के लिए भोगपुर आई थी और पार्टी के आदेशों के मुताबिक जालंधर में मीडिया के रूबरू हो गई। उनका जालंधर में कोई तयशुदा कार्यक्रम नहीं था। इस कारण सीमित लोग ही उनसे मुलाकात कर सके। 

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