सीवरेज-पानी की रोजाना 400 शिकायतें, बरसात ने बढ़ाई दिक्कत

सीवरेज और जलापूर्ति से जुड़ी करीब 400 शिकायतें रोज शहर में सामने आ रही हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 16 Sep 2021 08:00 AM (IST) Updated:Thu, 16 Sep 2021 08:00 AM (IST)
सीवरेज-पानी की रोजाना 400 शिकायतें, बरसात ने बढ़ाई दिक्कत
सीवरेज-पानी की रोजाना 400 शिकायतें, बरसात ने बढ़ाई दिक्कत

जागरण संवाददाता जालंधर : सीवरेज और जलापूर्ति से जुड़ी करीब 400 शिकायतें रोज शहर में सामने आ रही हैं। यह आंकड़ा अनुमानित नहीं बल्कि विभिन्न तरीकों से आने वाली शिकायतों के आधार पर निगम ने खुद तैयार किया। इनमें वो शिकायतें शामिल नहीं हैं जो पार्षदों के जरिए निगम को मिल रही हैं। सीवरेज और पानी से जुड़ी शिकायतें लोग निगम के बजाए सीधे पार्षदों को करते हैं जो जोन ऑफिस के जरिए ही ठीक होती हैं। शिकायतें बढ़ने का एक बढ़ा कारण बरसात भी है। बरसाती सीवरेज के प्रोजेक्ट अभी पूरे नहीं हुए हैं। स्लज सीवरेज पर ही पूरा बोझ हैं। ऊपर से फोलड़ीवाल में ट्रीटमेंट प्लांट अपग्रेड होने से काम प्रभावित है और बस्ती पीरदाद में प्लांट की क्षमता कम है। ऐसे में जब तक बरसात खत्म नहीं होगी तब तक शिकायतों की गिनती ऐसी ही बनी रहेगी। निगम अधिकारियों का दावा है कि बरसात के कारण शिकायतों में वृद्धि हुई है लेकिन रूटीन में 150 से 200 शिकायतें ही रोजाना आती हैं। इन शिकायतों का रोजाना ही निपटारा कर दिया जाता है। इसमें कई बार मशीनरी और स्टाफ की कमी भी आड़े आती है। शहर का एरिया बढ़ रहा है और आबादी भी काफी बढ़ गई है लेकिन स्टाफ कम होता जा रहा है। निगम ने सीवरेज सफाई के लिए नई मशीनरी भी खरीदी है लेकिन चलाने के लिए स्टाफ नहीं है।

-------- पुराना इंफ्रास्ट्रक्चर बन रहा परेशानी

सीवरेज और वाटर सप्लाई से जुड़ी शिकायतों की इतनी बड़ी गिनती से स्पष्ट है कि शहर में सीवरेज और वाटर सप्लाई का इंफ्रास्ट्रक्चर अच्छा नहीं है। ज्यादा शिकायतें बस्तियों और स्लम आबादियों से आ रही हैं। इन इलाकों में आबादी काफी ज्यादा है और सीवरेज का सिस्टम काफी पुराना और जरूरत के मुताबिक कम है। इस वजह से इन बस्तियों और पुराने इलाकों में तो सीवरेज समस्या बिन बरसात भी बनी रहती है लेकिन बरसात में शिकायतों की गिनती दुगनी हो जाती है।

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60 प्रतिशत शिकायतें एम-सेवा पर

शिकायतों को लेकर एक बात और साफ हुई है कि लोग काम करवाने को लेकर जागरूक हुए हैं। शिकायतों के लिए बड़ी गिनती में पंजाब सरकार की ऑनलाइन एम-सेवा का प्रयोग हुआ है। करीब 60 प्रतिशत शिकायतें एम सेवा के जरिए प्राप्त हुई हैं। निगम के आंकड़ों में मौजूद शिकायतों के मुताबिक एमसेवा के जरिए 239 कंप्लेट आई हैं। पंजाब ग्रिवसेंस रिड्रेसल सिस्टम को 3, ईमेल एवं डायरेक्ट तरीके से 126 मिली हैं। सीवरेज और वाट सप्लाई के नए काम को लेकर सीवीओ को शिकायत की गई है। कंप्लेट दूर ना होने पर लोकल बाडी डायरेक्टर को 23 शिकायत की गई और आठ लोगों ने तो सीधा सीएम आफिस में ही शिकायत कर दी। ---------

बरसात ने बढ़ाई दिक्कत, अब कम होंगी : एसई

नगर निगम के ओएंडएम ब्रांच के एसई सतिदर कुमार का कहना है कि शहर में निगम के आठ जोन हैं और रोजाना हर जोन पर 10 से 15 से शिकायतें आती हैं। निचले इलाकों में सीवरेज समस्या ज्यादा होने के कारण यह शिकायतें बढ़ी हैं लेकिन अब जब बरसात का मौसम खत्म होगा तो शिकायतों में एकदम से गिरावट आएगी। उन्होंने कहा कि शिकायतों का निपटारा भी तुरंत करवाया जाता है। एसई ने कहा कि रोजाना करीब 200 शिकायतें ही आती हैं। पिछले कुछ दिनों से एम-सेवा पोर्टल में खराबी के कारण पुरानी शिकायतों को ठीक करने का डाटा अपडेट नहीं हो पाया।

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