पदोन्नति लेकर स्टेशन ज्वाइन न करने वाले 253 मास्टरों को दो साल नहीं मिलेगी तरक्की
शिक्षा विभाग ने पदोन्न्ति लेकर ज्वाइन न करने वाले 253 मास्टर और मास्टर कैडर को डी-बार कर दिया है।
अंकित शर्मा, जालंधर : शिक्षा विभाग ने 253 मास्टर और मास्टर कैडर को डी-बार कर दिया है। यानी अब उन्हें दो साल तरक्की नहीं मिलेगी। उनके डी-बार होने की जानकारी सालाना गुप्त रिपोर्ट में भी लिखी जाएगी। इनमें जालंधर के नौ मास्टर कैडर हैं। डी-बार होने वालों में चंडीगढ़, लुधियाना, बठिडा, पटियाला, फरीदकोट, गुरदासपुर, संगरूर, बरनाला, फतेहगढ़ साहिब, बठिडा, फाजिल्का, होशियारपुर, एसएएस नगर आदि जिलों के मास्टर भी शामिल हैं।
विभाग ने यह कार्रवाई मास्टर व मास्टर कैडरों की तरफ से जारी आदेश न मानने और पदोन्नति होने पर संबंधित स्टेशन पर अपनी हाजिरी रिपोर्ट न करने पर की है। बता दें हाईकोर्ट की तरफ से सिविल रिट पटीशन 28434 आफ 2019 के अनुसार विभाग ने वरिष्ठता सूची जारी कर मास्टर और मास्टर कैडर की बतौर लेक्चरर पदोन्नति की थी। पदोन्नत कर्मचारियों ने अलाट स्टेशन पर रिपोर्ट करना था, मगर उन्होंने सात दिन में रिपोर्ट नहीं की। इस पर विभाग ने उक्त कार्रवाई की है। डायरेक्टर शिक्षा विभाग सेकेंडरी सुखजीत पाल सिंह ने डी-बार होने वाले शिक्षकों के नामों की सूची जारी कर दी है और अधिकारियों व जिला शिक्षा अधिकारियों को भी सूचित कर दिया है।
क्या होता है डी-बार
डी-बार का अर्थ है विभाग का आदेश न मानना। पदोन्नति के तहत विभाग आदेश निकालता है जिसके तहत कर्मचारियों व शिक्षकों को निर्धारित स्टेशनों पर तय समय के अंदर रिपोर्ट करना होता है। ऐसा न करने वालों को डी-बार कर दिया जाता है। डी-बार होने वाला व्यक्ति दो साल न तो पदोन्नति ले सकता है और न ही अन्य लाभ। अगर किसी कारणवश उसकी तरफ से आवेदन कर दिया गया और नया स्टेशन भी अलाट हो जाए तो जिला शिक्षा अधिकारी की जिम्मेदारी रहती है कि वह ध्यान रखे कि पदोन्नत होने वाला दो साल में डी-बार तो नहीं हुआ। डी-बार होने का पता चलने पर उसकी पदोन्नति रद कर दी जाती है।