ओमान में 17 घंटे करवाते थे काम, विरोध करने पर नहीं देते थे खाना

कानपुर पुलिस के प्रयासों से ओमान में बंधक बनाई गई फिल्लौर की रेशमा ने लौटने के बाद कहा कि उससे 17 घंटे तक काम लिया जाता था और विरोध करने पर खाना नहीं देते थे।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 08 May 2021 08:19 PM (IST) Updated:Sat, 08 May 2021 08:19 PM (IST)
ओमान में 17 घंटे करवाते थे काम, विरोध करने पर नहीं देते थे खाना
ओमान में 17 घंटे करवाते थे काम, विरोध करने पर नहीं देते थे खाना

जागरण संवाददाता जालंधर

कानपुर पुलिस के प्रयासों से ओमान में बंधक बनाई गई फिल्लौर की रेशमा शुक्रवार देर रात अपनी बेटी के घर नकोदर पहुंच गई। जालंधर पहुंचने के बाद महिला अपनी बेटी और बच्चों से मिलकर भावुक हो गई। उसने कानपुर पुलिस का शुक्रिया अदा किया और कहा उसे बहुत प्रताड़ना सहनी पड़ी। एक दिन में 17 घंटे तक काम करवाया जाता था और विरोध करने पर खाना बंद कर देते थे। उसने कहा कि नोएडा में हुई कानपुर पुलिस की पूछताछ में उसने जालंधर और चंडीगढ़ के कुछ ट्रैवल एजेंटों का नाम लिया है, जिनके खिलाफ पुलिस जानकारियां जुटा रही है।

रेशमा ने कहा कि वह गरीबी से बहुत परेशान थी। उसके पति का देहांत बहुत पहले हो चुका है। वह फिल्लौर में किराये के मकान में रहती थी, जहां उसका घर चलाना मुश्किल हो रहा था। वह रोजगार की तलाश में खाड़ी देश पहुंची। उसने बताया कि ओमान में उनकी सुपरवाइजर श्रीलंका की रहने वाली आशा नाम की एक महिला थी। आशा ने उसे बंधक बनाकर रखा था। विरोध करने पर आशा उनके घर की लाइट काट देती थी। इसके साथ ही एक-एक हफ्ते तक खाना नहीं देती थी। उसने बताया कि उससे वहां घर में झाड़ू-पोंछे का काम लिया जाता था। उससे सुबह 7 बजे से रात 12 बजे तक काम कराया जाता था। संगरूर, गोवा व नेपाल की तीन और लड़कियां अभी हैं बंधक

रेशमा ने बताया कि उसके साथ साथ ओमान में तीन और लड़कियों को भी बंधक बनाकर रखा गया है। इनमें गोवा की रहने वाली रेनू, संगरूर की परमजीत कौर और नेपाल की नीलू शामिल है। इन महिलाओं को छुड़ाने के लिए कानपुर पुलिस ने ओमान स्थित भारतीय दूतावास से संपर्क करना शुरू कर दिया है। बीमार होने पर नहीं देते थे दवाइयां

रेशमा का कहना है कि उसके साथ बंधक बनाई गई गोवा की रेनू को सांस की गंभीर बीमारी है। वहां रेनू को दौरा पड़ने पर भी दवा नहीं दी जाती है। उन्हें वहां पर काफी दयनीय स्थिति में रखा गया था। बेटी के प्रयास से लौट सकी

ओमान में बंधक बनाकर लगभग डेढ़ साल तक रखे जाने के बाद आई रेशमा ने बताया कि कानपुर पुलिस के प्रयासों से इससे पहले भी उन्नाव की रहने वाली एक महिला को ओमान से मुक्त कराया जा चुका है। वो महिला भी उन्हीं के साथ रहती थी। इसके बाद से उनकी बेटी महक लगातार कानपुर पुलिस के संपर्क में थी। उसने तो वापस लौटने की उम्मीद ही छोड़ दी थी, लेकिन बेटी के प्रयासों से यह संभव हो सका है।

chat bot
आपका साथी