कूड़ा प्रबंधन में विफलता पर 168 निगमों व कौंसिलों को 17.1 करोड़ जुर्माना

पंजाब पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (पीपीसीबी) ने 168 नगर निगमों और नगर कौंसिलों को पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने का जिम्मेदार ठहराया है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 10 May 2021 08:01 AM (IST) Updated:Mon, 10 May 2021 08:01 AM (IST)
कूड़ा प्रबंधन में विफलता पर 168 निगमों व कौंसिलों को 17.1 करोड़ जुर्माना
कूड़ा प्रबंधन में विफलता पर 168 निगमों व कौंसिलों को 17.1 करोड़ जुर्माना

जगजीत सिंह सुशांत, जालंधर

पंजाब पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (पीपीसीबी) ने 168 नगर निगमों और नगर कौंसिलों को पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने का जिम्मेदार ठहराया है। पीपीसीबी ने वेस्ट मैनेजमेंट से जुड़े प्रोजेक्ट समय पर पूरे नहीं करने पर इन सभी पर 17.10 करोड़ रुपये जुर्माना लगाया है। जालंधर नगर निगम को भी करीब एक करोड़ रुपये मुआवजा देना होगा। यह मुआवजा घर-घर से कूड़ा उठाने, घरों में गीले-सूखे कूड़े की छंटाई, पुराने कूड़े को खत्म करने, पिट्स प्रोजेक्ट, एमआरएफ सेंटर का काम तय समय में पूरा नहीं करने पर किया गया है।

पीपीसीबी के अनुसार, काम तय समय पर पूरा नहीं करने से पर्यावरण का नुकसान पहुंचा है। एक लाख से लेकर 10 लाख से ज्यादा तक की आबादी वाले कस्बों-शहरों के लिए प्रोजेक्ट पूरा नहीं करने पर अलग-अलग मुआवजा तय किया गया है। पहले भी जुर्माना लगा चुका है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने ही यह जुर्माना तय किया था। गत सप्ताह हुई पंजाब के एनवायरमेंट एक्शन प्लान को लेकर चीफ सेक्रेटरी की मीटिग में मुआवजे का मुद्दा एक बार फिर उठा और पीपीसीबी के अफसरों ने लोकल बाडी डिपार्टमेंट से यह राशि जारी करवाने के लिए कहा है। जालंधर को हर अधूरे प्रोजेक्ट के लिए देने होंगे पांच लाख रुपये महीना

जालंधर में वरियाणा डंप का 8 लाख क्यूबिक टन कूड़ा खत्म करने के लिए बायोमाइनिग प्रोजेक्ट शुरू नहीं हो सका है और कूड़े में से प्लास्टिक और मैटल अलग करने के एमआरएफ सेंटर भी शुरू नहीं हो सके। वरियाणा डंप पर निगम ने स्मार्ट सिटी कंपनी के फंड से पहले 72 करोड़ का बायोमाइनिग प्रोजेक्ट तैयार किया था। कांग्रेस पार्षदों के विरोध के बाद अब यही काम 44 करोड़ में किया जाना है। इसका टेंडर 15 दिन में फाइनल हो सकता है। जालंधर को हर एक अधूरे प्रोजेक्ट के लिए 5 लाख रुपए महीना मुआवजा देना होगा।

पंजाब में एनवायरमेंट एक्शन प्लान से जुड़े कामों का स्टेट्स

काम समय सीमा स्ट्टेस

डोर टू डोर कलेक्शन 31-3-2021 99.25 प्रतिशत

कूड़े की छंटाई 30-6-2021 89.00 प्रतिशत

मैटीरियल रिकवरी सेंटर 30-9-2021 84.90 प्रतिशत

वेस्ट टू कंपोस्ट पिट्स 30-6-2021 88.30 प्रतिशत

सेनेटरी लैंडफिल साइट्स 31-3-2022 11.00 प्रतिशत

वेस्ट टू एनर्जी 31-3-2022 33.30 प्रतिशत

बल्क वेस्ट जेनरेटर 30-6-2021 63.00 प्रतिशत

पुराने कूड़े को खत्म करना 31-3-2023 94 जगह प्रोसेस शुरू

सीएंडडी वेस्ट 30-9-2022 65 प्रतिशत ----------

राज्य के 243 में से 123 सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट ही चल रहे

सिर्फ वेस्ट मैनेजमेंट ही नहीं सीवरेज के पानी को साफ किए बिना दरिया में छोड़ने से भी जल प्रदूषण बढ़ रहा है। पंजाब में 168 नगर निगमों-कौंसिलों में 243 सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की जरूरत है लेकिन अभी सिर्फ 123 ही वर्किंग कंडीशन में हैं। तीन प्लांट को अपग्रेड करने का काम चल रहा है जबकि 41 नए प्लांट लगाए जा रहे हैं। 3 पुराने प्लांटों को अपग्रेड करने के लिए टेंडर प्रोसेस चल रहा है। 36 नए सीवर ट्रीटमेंट प्लांट को अपग्रेड करने के लिए टेंडर लगाया जा रहा है। 6 पुराने एसटीपी को अपग्रेड करने और 41 नए एसटीपी लगाने के लिए डीपीआर तैयार हो रही है।

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